रायपुर: बढ़ती गर्मी के बीच राजधानी रायपुर में आवारा कुत्तों का आतंक जारी है. कुत्तों के हमले से स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. रायपुर के हर गली मोहल्ले में 100 से भी ज्यादा संख्या में आवारा कुत्तों ने आतंक मचाया हुआ है. आते जाते लोगों को भौंकना, दौड़ाना, काटना जैसे कई गतिविधियां रोजाना हो रही है. लेकिन अब बहुत जल्द नगर निगम रायपुर, इस समस्या का समाधान करने वाला है.
बच्चों को ट्यूशन आने जाने में हो रही परेशानी: रायपुर के अवंति विहार निवासी प्रियंका पेशे से ट्यूशन टीचर हैं. वह बताती हैं कि "स्ट्रीट डॉग्स की वजह से हम लोगों को घर से निकलने में काफी परेशानी हो रही है. मेरे ट्यूशन में बच्चों को आने जाने में काफी दिक्कत हो रही है. कई बार हमने शिकायत की, लेकिन कोई सॉल्यूशन नहीं निकला."
आवारा कुत्तों को बचाते हैं प्राणी प्रेमी लोग: अधिवक्ता मनीष मल्होत्रा का कहना है कि "हमारी मोहल्ले के 200 मीटर की गली में 40 से 50 कुत्ते हैं. यहां पर कुत्ते के हमले की वजह से आने जाने वालों को दिक्कत होती है. खासकर बच्चों और बुजुर्गों को. कुत्तों के दौड़ाने की वजह से बच्चे गिर जाते हैं. कई बार तो स्कूल जा रहे बच्चों पर भी कुत्तों ने हमला किया है. निगम से इसकी शिकायत भी की गई, लेकिन जो यहां पर प्राणी प्रेमी लोग हैं, वह लोग आवारा कुत्तों को अपने घर आस पास रहने दे देते हैं."
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"जरवाय में बन रहा डॉग हाउस": इस विषय पर नगर निगम रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने बताया कि "कई मौसम में ऐसा हो जाता है कि कुत्ते आक्रमक हो जाते हैं. जब निगम इन कुत्तों को पकड़ता है, तो डॉग लवर होते हैं, वे उन्हें बचाने आ जाते हैं. देवेंद्र नगर में एक घटना घटी, वहां पर एक आक्रामक कुत्ते को निगम द्वारा उठाया गया. उसके बाद सारे डॉग लवर्स वहां पर इकट्ठा हो गए. सभी सीएम हाउस चले गए, विधायक के पास चले गए. कहते हैं कि, हम दिन रात, कुत्ते को रोज खाना खिलाते हैं, आपने इसे क्यों उठाया?
रायपुर के महापौर एजाज ढेबर का कहना है कि "अगर कुत्तों से परेशान लोग हैं, तो उन्हें चाहने वाले लोग भी हैं. इसीलिए हम कुत्तों का एक डॉग हाउस जरवाय में बना रहे हैं, जहां पर कुत्तों का रखरखाव किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर है कि कुत्तों को आप मार नहीं सकते. ऐसे में हम केवल उन्हें इंजेक्शन लगाकर उसी एरिया पर छोड़ सकते हैं."
अंबेडकर अस्पताल में आ रहे डॉग बाइट के मामले: कुत्तों के झुंड से परेशान लोगों की शिकायत के बावजूद उन्हें समाधान नहीं मिल रहा है. रोजाना रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में डॉग बाइट के 5 से 6 नए मामले आते हैं. फॉलोअप वाले केस की बात की जाए, तो रोजाना 8 से 12 फॉलोअप केस आते हैं.