रायपुर: आमतौर पर बुजुर्गों में कम सुनाई देने की शिकायत होती थी. लेकिन सुनाई कम देने की समस्या अन्य आयु वर्ग के लोगों में भी आमतौर पर देखने को मिल रही है. जिसके पीछे कई तरह के कारण हो सकते हैं. बीमारी भी एक वजह है. तेज शोर सुनने से भी सुनाई कम देने लगता है. इस समस्या को लेकर ईएनटी स्पेशलिस्ट राकेश गुप्ता (ENT specialist Rakesh Gupta) से ईटीवी भारत ने बातचीत की. आइए जानते हैं उनका इस विषय में क्या कहना है.
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कानों में मवाद हो सकता है कारण
बुजुर्गों या फिर अन्य आयु वर्ग के लोगों में सुनाई कम देने की समस्या को लेकर ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. राकेश गुप्ता का कहना है कि सुनाई कम देने के पीछे बहुत से कारण हो सकते हैं. कान का बहना, कान से मवाद निकलना, कान के परदे में छेद या सुराग हो जाने से कान बहना शुरू हो जाता है. यह आबादी के 8 से 10 फीसद लोगों में होता है. निम्न आयु वर्ग के लोगों में प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण उनमें इस तरह की समस्या अधिक दिखाई देती है. वह सुनाई कम देने के शिकार हो जाते हैं. बुजुर्गों में अक्सर देखा जाता है कि सुनाई देने वाली नस में कमजोरियों के साथ ही दूसरे तरह की बीमारी के कारण तेज शोर और अत्यधिक दवा के सेवन से भी यह समस्या देखने को मिलती है.
डीजे साउंड से होती है समस्या
अलग-अलग बीमारियों के कारण वर्तमान में हर आयु वर्ग के लोगों में सुनाई कम देने की समस्या देखने को मिल रही है. सावधानी के साथ इसका इलाज संभव है. कान हमेशा के लिए सुरक्षित और सेफ रहेंगे और कानों में सुनाई भी बराबर देगा. हेडफोन लगाने, मोबाइल का लगातार इस्तेमाल करने जैसी चीजों से कान प्रभावित होता है. कान संवेदनशील होता है. उच्च आवृत्ति की तेज ध्वनि सुनने से भी कानों पर इसका सीधा असर पड़ता है. किसी भी त्योहार या पर्व के समय डीजे की आवाज लंबे समय तक सुनने के कारण भी कानों पर इसका असर पड़ता है.
डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए
ईएनटी स्पेशलिस्ट ने बताया कि कान और आंख दोनों ही संवेदनशील हैं. दोनों की सफाई भी जरूरी है. ऐसे में कई बातों का भी ध्यान रखना होता है. कई बार कान में जमे कचरे या मैल को साफ करते समय सावधानी बरतनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो इससे भी सुनाई देने की क्षमता कम हो जाती है. कान को साफ करने के लिए कॉटन का उपयोग नहीं करना चाहिए. साल में दो बार डॉक्टर की सलाह से कान में दवा डालने से मैल गीला होकर कान से बाहर निकल आता है.
ये भी हो सकती है बड़ी समस्या
कभी-कभी संक्रमण के कारण भी कान की हड्डी गल जाती है, जिसके कारण कान के पर्दे में सुराग हो जाता है. ऐसे में इसका आसान ऑपरेशन होता है. इससे आसानी से बचा जा सकता है. लगातार किसी के कान से बदबूदार पदार्थ के साथ ही मवाद या इंफेक्शन होता है तो यह एक गंभीर समस्या है. ऐसे में डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है.