रायपुर: कोरोना काल के दौरान आम आदमी को फ्री में स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जा रही है. कोई सरकारी और निजी संस्था नहीं बल्कि शहर के कुछ युवा डॉक्टर्स इस नेक काम को कर रहे हैं. राजधानी के कई इलाकों में यह डॉक्टर दिन रात मरीजों का इलाज करते हैं. DOST यानि कि डॉक्टर ऑन स्ट्रीट के जरिए लोगों को फ्री में मेडिकल सेवा पहुंचा रहे हैं. इस सेवा के तहत जरूरतमंद इस ग्रुप को एक कॉल करते हैं. जिसके बाद डॉक्टरों की टीम उनका मुफ्त में इलाज करने पहुंच जाते हैं. अभी तक कई लोगों को इसका सीधा फायदा मिल चुका है.
कैसे शुरु हुआ यह यूनिक आइडिया ?
दोस्त (DOST) को शुरू करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि, समाज में डॉक्टर और अस्पताल को लेकर एक अलग तरह की छवि बनी रहती है. लोगों का मानना है कि मेडिकल सुविधाएं काफी खर्चीली होती है. ऐसे में डॉक्टर के पास जाने से उनकी गाढ़ी कमाई खर्च हो सकती है. आज के दौर में कई डॉक्टर, व्यापारी की तरह बर्ताव कर रहे हैं. ऐसे ही विचारों और धारणा को तोड़ने के लिए शहर के डॉक्टरों ने मुफ्त इलाज की अनूठी पहल शुरू की है. जिसे उन्होंने DOST का नाम दिया है.
दाई-दीदी क्लीनिक: ETV भारत पर जानिए क्लीनिक में होने वाले टेस्ट और सुविधाओं के बारे में
DOST की टीम किस तरह करती है काम ?
बीते 10 जून को इस सेवा की शुरुआत की गई थी. शुरू में इस सेवा के तहत 10 डॉक्टर शामिल थे. अब इस मुहिम से करीब 52 डॉक्टर जुड़ चुके हैं. इस सेवा के लिए टोल फ्री नंबर जारी किया गया है. इस फोन नंबर पर सूचना मिलते ही डॉक्टर और नर्स की टीम लोगों के घर पर पहुंची है. जिसके बाद उनका इलाज किया जाता है. यह सेवा 24x7 यानि की 24 घंटे सातों दिन तक मौजूद रहती है. 3-3 घंटे की शिफ्ट में डॉक्टर अपनी सेवा देते हैं. वर्तमान समय में इस सेवा का कंट्रोल रूम इंडोर स्टेडियम में बनाया गया है.
इन नंबरों पर कर सकते हैं संपर्क
DOST की टीम में काम करने वाले डॉक्टरों में सभी विशेषज्ञ डॉक्टर हैं. जिनमें गैस्ट्रोइंट्रोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट, डायबिटीज एक्सपर्ट, ईएनटी सहित कई फील्ड के डॉक्टर शामिल हैं. रायपुर शहर का कोई भी निवासी 9329004557 या 9329000420 नंबर पर कॉल कर फ्री में इलाज की सुविधा प्राप्त कर सकता है. इस सेवा के लिए रायपुर स्मार्ट सिटी की तरफ से डॉक्टरों को वाहन दिया गया है.
क्या कहते हैं इस टीम से जुड़े डॉक्टर ?
ETV भारत से बातचीत में डॉक्टरों ने अपने-अपने अनुभव साझा किए हैं. अब तक 150 लोगों से ज्यादा लोगों ने इस योजना का लाभ लिया है. DOST की टीम बस्तियों और कई रिहायशी इलाकों में पहुंचकर जरूरतमंद लोगों का इलाज करते हैं. कोरोना काल में इस टीम ने लोगों को कोरोना के प्रति जागरुक भी किया है. कुल मिलाकर लोगों को घर बैठे इलाज मिल रहा है जिससे वे लोग खुश हैं. डाक्टरों ने बताया कि देश में यह पहला प्रोजेक्ट है जहां डॉक्टर इस तरह सर्विस देने के लिए आगे आए हैं. इस सेवा को शुरू करने से पहले इस टीम के डॉक्टरों में डर था कि यह सेवा सफल होगी की नहीं. लेकिन जिस तरह से लोगों का रिस्पॉन्स मिला उसने इस मुहिम को सफल बना दिया है.
डॉक्टर को भगवान का रूप माना जाता है. ऐसे में ये डॉक्टर लोगों की सेवा को अपना धर्म बनाकर देवदूत का फर्ज निभा रहे हैं. इनकी इस मुहिम को ईटीवी भारत भी सलाम करता है.