रायपुर: तूता धरना स्थल पर सोमवार को छत्तीसगढ़ राजस्व पटवारी संघ ने प्रमोशन और वेतन विसंगति सहित अपनी 9 सूत्रीय मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया. दिसंबर 2022 में पटवारी संघ ने अपनी मांगों को लेकर 14 दिसंबर से 29 दिसंबर तक अनिश्चितकालीन आंदोलन किया था. प्रदर्शन के बाद राजस्व पटवारी संघ की मांग पूरी नहीं होती है, तो आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन और प्रदर्शन की चेतावनी भी दी गई.
ये है पटवारी संघ की 9 सूत्रीय मांगें: भुईंया की समस्या को दूर करते हुए संसाधन दिए जाएं. सीनियारिटी के आधार पर जिनकी उम्र 45 वर्ष या सेवाकाल 20 वर्ष से अधिक हो चुकी है. ऐसे पटवारियों को राजस्व निरीक्षक के पद पर सीधे प्रमोशन दिया जाए. शासन से स्पष्ट निर्देश जारी हो कि, जब तक विभागीय जांच पूर्ण ना हो जाए, तब तक किसी भी पटवारी पर प्रारंभिक एफआईआर दर्ज ना हो. महंगाई को देखते हुए फिक्स टीए प्रति महीने 1000 रुपया किया जाए.
स्टेशनरी भत्ता 1000 रुपये प्रति महीने दिया जाए. नक्सल प्रभावित जिलों में पटवारियों को नक्सल भत्ता प्रदान किया जाए. पटवारियों के मुख्यालय में निवास करने की बाध्यता को समाप्त किया जाए. अतिरिक्त हलके के प्रभार के लिए पटवारियों के मूल वेतन की 50 परसेंट राशि भत्ता दिया जाए और पटवारियों की वेतन विसंगति को दूर किया जाए.
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पटवारी संघ ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी: छत्तीसगढ़ राजस्व पटवारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष भागवत कश्यप ने बताया कि "साल 2020 में दिसंबर के महीने में अपनी मांगों को लेकर 15 दिनों का अनिश्चितकालीन आंदोलन किया गया था. इसे राजस्व मंत्री के आश्वासन के बाद समाप्त कर दिया गया था. 3 महीने बीतने के बाद भी सरकार ने मांगों पर अमल नहीं किया, जिसकी वजह से हम आंदोलन के लिए मजबूर हैं."
इस तरह के आंदोलन को लेकर चुनावी साल में सरकार की परेशानी बढ़ सकती है. ऐसे में देखना होगा कि सरकार इन सब मुद्दों से कैसे निपटती है.