रायपुर: राजस्व पटवारी संघ अपनी 9 सूत्रीय मांग को लेकर 15 मई यानी पिछले 23 दिनों से पूरे प्रदेश में हड़ताल पर है. राजस्व पटवारी संघ की बेमियादी हड़ताल से आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र सहित पटवारियों से जुड़े सभी काम पूरी तरह प्रभावित हो गए हैं. तहसील कार्यालय में आम दिनों में सैकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ हुआ करती थी, लेकिन पटवारियों के हड़ताल पर चले जाने से तहसील कार्यालय में भी सन्नाटा पसरा हुआ है.
लोगों के अटक रहे काम: कुछ लोग पटवारी की तलाश में तहसील कार्यालय पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें भटकना पड़ रहा है. जब तक पटवारियों की हड़ताल खत्म नहीं होगी, तब तक आम लोगों को तहसील कार्यालय में इसी तरह भटकना पड़ेगा. वहीं पटवारी संघ ने मांग पूरी नहीं होने तक हड़ताल समाप्त नहीं करने की ठान रखी है.
भीषण गर्मी में लोग हलाकान: तहसील कार्यालय पहुंचे लोगों ने बताया कि "पटवारी प्रतिवेदन सहित आय, जाति, निवास जैसे प्रमाण पत्र भी पटवारियों की हड़ताल में चले जाने के कारण नहीं बन पा रहा है. जिस वजह से लोग परेशान हो रहे हैं. ऐसे में लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर कब पटवारियों की हड़ताल खत्म होगी और लोगों को आसानी से तहसील कार्यालय में पटवारी मिलेंगे. जिससे लोगों के पटवारी प्रतिवेदन में पटवारियों के हस्ताक्षर हो सके. पटवारियों की हड़ताल में चले जाने से किसानी कार्य भी प्रभावित हो रहा है."
काम हो रहा प्रभावित: राजस्व पटवारी संघ के रायपुर जिला अध्यक्ष कमलेश तिवारी ने बताया कि "तमाम शासकीय कार्य जो पटवारियों के माध्यम से होते हैं. वह पूरी तरह से प्रभावित हो गए हैं. स्कूल में बच्चों का एडमिशन का काम भी चल रहा है. जिसमें आय जाति और निवास प्रमाण पत्र आवश्यक होता है. नामांतरण का काम भी रुका हुआ है. इसके साथ ही राजस्व संबंधी न्यायलयीन काम भी रुके हुए हैं. आय जाति और निवास प्रमाण पत्र नहीं बन पाने के कारण बच्चों का स्कूल में एडमिशन भी नहीं हो पा रहा है."
मांगों को लेकर बैठे हैं हड़ताल पर: राजस्व पटवारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष भागवत कश्यप ने बताया कि "राजस्व पटवारी संघ अपनी 9 सूत्रीय मांग को लेकर 15 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. इसके पहले भी सरकार को अपनी मांग मनवाने के लिए प्रदेश स्तर पर 24 अप्रैल को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया था. बावजूद इसके सरकार ने राजस्व पटवारी संघ की मांग पर विचार नहीं किया. जिसके कारण मजबूरन राजस्व पटवारी संघ को 15 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठना पड़ा. अपनी मांगों को लेकर राजस्व पटवारी संघ पिछले ढाई साल से धरना और प्रदर्शन करते आ रहे हैं. बावजूद इसके शासन के द्वारा उनकी मांगों को लेकर किसी प्रकार की कोई ठोस पहल नहीं की गई है."
पटवारी संघ की 9 सूत्रीय मांग: भुईंया की समस्या को दूर करते हुए संसाधन की मांग पटवारी संघ ने किया है. सीनियारिटी के आधार पर जिनकी उम्र 45 वर्ष या सेवाकाल 20 वर्ष से अधिक हो चुकी है. ऐसे पटवारियों को राजस्व निरीक्षक के पद पर सीधे प्रमोशन दिया जाए. राजस्व निरीक्षकों के कुल पदों का 50% पद पर सीनियारिटी के आधार पर पटवारियों को प्रमोशन दिया जाना चाहिए. शासन से स्पष्ट निर्देश जारी हो कि जब तक विभागीय जांच पूर्ण ना हो जाए, तब तक किसी भी पटवारी पर प्रारंभिक एफ आई आर दर्ज नही किया जाना चाहिए.
महंगाई को देखते हुए फिक्स टीए प्रति महीने 1000 रुपया की जाये. स्टेशनरी भत्ता 1000 रुपया प्रति महीने दिया जाए और इसे प्रतिवर्ष बढ़ाया जाना चाहिए. इसके साथ ही पटवारियों को अपने कार्य संपादन करने के लिए कार्यालय के लिए किराए का भुगतान किया जाए. नक्सल प्रभावित जिलों में पटवारियों को नक्सल भत्ता प्रदान किया जाना चाहिए. पटवारियों के मुख्यालय में निवास करने की बाध्यता को समाप्त किया जाना चाहिए. अतिरिक्त हलके के प्रभार के लिए पटवारियों के मूल वेतन का 50% राशि भत्ता दिया जाना चाहिए. पटवारियों के वेतन विसंगति को दूर किया जाना चाहिए.