रायपुर: इलाज और स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर प्राइवेट अस्पताल काफी पैसा लेता है, जिसके कारण लोग सरकारी अस्पताल की ओर रूख करते हैं. अधिकतर गरीब और मिडिल क्लास के मरीज अपने टेस्ट और इलाज के लिए आते हैं. अगर सरकारी अस्पताल में भी मरीजों का टेस्ट और इलाज ना हो पाए तो मरीज आखिर जाए तो जाए कहां? यही आलम है रायपुर के जिला अस्पताल के हमर लैब का... रिएजेट किट की किल्लत की वजह से सैकड़ों मरीज पर आफत खड़ी हो गई है. हालत यह है कि मरीज अस्पताल से बिना टेस्ट करवाए वापस लौट रहे हैं.
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किट की कमी से टेस्ट प्रभावित: आंकड़ों की बात करें तो रायपुर के जिला अस्पताल हमर लैब में 92 से ज्यादा टेस्ट होते हैं. 1 महीने में करीब 8 हजार 500 से लेकर 9 हजार तक मरीज रायपुर जिला अस्पताल हमर लैब में टेस्ट के लिए आते हैं. यानी करीब 1 दिन में 300 मरीज टेस्ट के लिए जिला अस्पताल पहुंचते हैं. 300 मरीजो में से 100 से ज्यादा मरीज बुजुर्ग है. पिछले एक हफ्ते से कुछ टेस्ट प्रभावित होने की वजह से मरीजों को निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है. फिलहाल किट की कमी होने की वजह से किडनी, ब्लड यूरीन सिरम, क्रिएटनीन, हॉट, कोलेस्ट्रॉल, अर्थराइटिस से जुड़े टेस्ट ना होने की वजह से 20 से ज्यादा टेस्ट प्रभावित है.
2-4 दिन में उपलब्ध हो जाएगी टेस्ट किट: इस विषय में जिला अस्पताल सिविल सर्जन पी के गुप्ता ने बताया कि जिला अस्पताल में हमर लैब संचालित हो रहा है. रिएजेट किट ना होने की वजह से कुछ टेस्ट प्रभावित हो रहे हैं. इसके लिए हमने सीजीएमएससी को दो बार पत्र भी भेजा है. कुछ दिनों पहले इसको लेकर बैठक हुई थी, हमें बोला गया है कि प्रदेश में कुछ ऐसे लैब हैं, जहां टेस्टिंग कम होती है. वहां से हम टेस्ट किट जल्दी यहां भेजेंगे. 2-4 दिन में टेस्ट किट हमारे यहां पहुंच जाएगा.
हार्मोन एनालाइजर मिलने से 112 टेस्ट हमर लैब में होंगे संचालित: जिला अस्पताल सिविल सर्जन पी के गुप्ता ने बताया कि अप्रैल के पहले हफ्ते में हमें हार्मोन एनालाइजर मशीन भी मिल जाएगी. हार्मोन एनालाइजर मशीन मिलने से कुल 112 टेस्ट हमर लैब में हो पाएंगे. हार्मोन एनालाइजर मिलने से थायराइड, विटामिन डी, विटामिन बी, ट्यूमर यह सारी जांच भी रायपुर के जिला अस्पताल में शुरू हो जाएगी.
टेस्ट ना होने से मरीज लौट रहे वापस: मरीजों ने बताया कि दूर-दूर से हम रायपुर जिला अस्पताल इसलिए आते हैं ताकि यहां हमें सुविधा मिले.अगर हम प्राइवेट अस्पताल में अपना इलाज करा सकते तो जिला अस्पताल क्यों आते. जिला हॉस्पिटल के हमर लैब में जो टेस्ट होने चाहिए. वह कुछ दिनों से नहीं हो पा रहे हैं. इसलिए मरीजों को निराश होकर वापस जाना पड़ रहा है, जो गरीब तबके के लोग हैं. प्राइवेट अस्पताल में वो इलाज नहीं करा सकते. इसीलिए उन्हें जिला अस्पताल यह स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ता है. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए, ताकि गरीब भी अपना इलाज अच्छे से करा सके.