रायपुर: रायपुर में अच्छी सुरक्षा व्यवस्था और परेशानी में फंसे लोगों को सही समय पर मदद मिल पाए, इसके लिए स्मार्ट सिटी ने रायपुर के 20 चौक-चौराहों पर 3 साल पहले पैनिक बटन लगाया था. इस इमरजेंसी कॉल बॉक्स को आपात स्थिति में लोगों को फौरन सुरक्षा और सहायता उपलब्ध कराना था. हालांकि अब ये पुलिस के लिए सरदर्द बनता जा रहा है. अब महज 20 बार पैनिक बटन के मदद से लोगों को सहायता पहुंचाई (Raipur people do not have correct information about Panic button ) गई. हालांकि बच्चे और कुछ असामाजिक तत्व इसका इस्तेमाल मस्ती-मजाक या गाली-गलौज के लिए करते हैं, जिन्हें पुलिस समझाइश देकर छोड़ देती है.
3 साल पहले लगाया गया था पैनिक बटन: रायपुर के जयस्तंभ चौक, सिटी कोतवाली, रेलवे स्टेशन, अंबेडकर हॉस्पिटल, तेलीबांधा तालाब, शंकर नगर, शहीद स्मारक भवन, कलेक्ट्रेट गार्डन, नगर मुख्यालय गार्डन, शास्त्री गार्डन, शास्त्री चौक, गांधी उद्यान, अनुपम गार्डन, सेंट्रल लाइब्रेरी, ऑक्सीजन कलेक्टर के पीछे, इनडोर स्टेडियम, पचपेड़ी नाका, रावतभाटा, आईएसबीटी और वीआईपी रोड के पास पैनिक बटन को लगाया गया है. लेकिन ज्यादातर लोगों में पैनिक बटन को लेकर जागरूकता न होने की वजह से अब तक इसका इस्तेमाल आम पब्लिक नहीं कर पा रही है.
ईटीवी भारत ने पैनिक बटन को लेकर आम लोगों से बातचीत की. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा...
लोगों को पैनिक बटन की नहीं है जानकारी: टेंट वेलफेयर एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट मनमोहन सिंह ने कहा, "दो-तीन दिन पहले ही हमें पेपर और समाचार के माध्यम से पैनिक बटन की जानकारी हुई है. हमें तो अब तक यह भी नहीं पता है कि इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है. आपने बताया तो हमें पता चला कि इसमें बटन होता है, जिसे दबाकर अगर कोई घटना दुर्घटना हो गई हो तो उससे पुलिस या अन्य लोगों से मदद मांगी जा सकती है. इसकी जागरूकता काफी जरूरी है."
लोगों को पैनिक बटन के बारे में जागरूक करने की जरूरत: कारोबारी नरेश ने बताया, "हमें एक दो दिन पहले ही पैनिक बटन के बारे में पता चला है. पुलिस और स्मार्ट सिटी ने इसे अच्छे काम के लिए लगाया है. लेकिन लोगों को इस बारे में जागरूक न होने की वजह से इसका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. प्रशासन को पैनिक बटन के बारे में आम लोगों को जागरूक करना चाहिए. बिना आम लोगों के जागरूकता के इस बटन का कोई फायदा नहीं है."
पैनिक बटन के बारे में जागरूकता जरूरी: ऑटो चालक शंकर लाल बघेल ने बताया, " पिछले 10 साल से मैं राजधानी में ऑटो चला रहा हूं, लेकिन आज तक मुझे बटन के बारे में नहीं पता था. जय स्तंभ चौक, घड़ी चौक, फाफाडीह, अंबेडकर चौक में हर दिन जाता हूं. 3 साल पहले के बटन लगा गया था, लेकिन आज तक मेरी जानकारी में इसका इस्तेमाल हमारे आसपास के किसी ने नहीं किया है. प्रशासन-शासन ने इसे हमारी सहायता के लिए लगाया है तो इसके इस्तेमाल के लिए लोगों को जागरूक करना जरूरी है."
यह भी पढ़ें: रायपुर में शराब पीकर वाहन चलाने वालों की अब खैर नहीं !
आम लोगों को पैनिक बटन को लेकर जागरूक करने की कोशिश: ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर ने बताया, " स्मार्ट सिटी द्वारा रायपुर के चौक-चौराहों पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स लगाया गया है. ताकि आम नागरिक अगर किसी को पुलिस, फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस सहित किसी भी चीज की जरूरत हो तो वह इस बटन को दबाकर अपनी आवश्यकता अपनी जरूरतों को बता सकता है. जागरूकता नहीं होने के कारण लोगों को पता नहीं है कि बटन का इस्तेमाल किस लिए करना चाहिए. लेकिन जैसे ही हमें बटन के माध्यम से कोई कंप्लेन या सूचना मिलती है, हम तुरंत मदद करते हैं. करीबन 20 बार हमने मदद पहुंचाई है. हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि लोगों में पैनिक बटन को लेकर जागरूक फैले और आम नागरिक इसका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर पाए."