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छत्तीसगढ़ में अच्छी बारिश का योग

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Published : Jun 17, 2022, 1:51 PM IST

Updated : Jun 17, 2022, 4:40 PM IST

छत्तीसगढ़ में मानसून की एंट्री हो गई है. 21 जून को सूर्य का आगमन कर्क राशि में होगा. बारिश के लिए 21 जून को सर्वार्थ सिद्धि योग और 22 जून को अहोरात्र योग बन रहा है.

मानसून
मानसून

रायपुर: वर्षा कराने वाले मेघों का निर्माण एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है. जितने अधिक वृक्ष लगाए जाएंगे उतनी अच्छी बारिश होगी. यह साइंटिफिक प्रोसेस है. वर्तमान काल में मनुष्य ने पर्यावरण को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. वृक्षों का संरक्षण बहुत ही कम हो पाया है. वैदिक काल में घर-घर में यज्ञ हुआ करते थे. यज्ञ के माध्यम से भी मेघ आच्छादित बादलों का निर्माण होता है. यह बादल ही कल्याणकारी और जीवनदायिनी वर्षा कराते हैं.

मानसून को लेकर पंडित विनीत शर्मा की भविष्यवाणी

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ के मौसम का हाल, क्या बारिश होगी?

21 जून को सूर्य का आगमन कर्क राशि में होगा: पंडित विनीत शर्मा के मुताबिक ''इस साल मानसून 21 जून यानी योग दिवस और संगीत दिवस के बाद ही गति पकड़ेगा. सायन सिद्धांत के अनुसार सूर्य का आगमन 21 जून को कर्क राशि में होगा. 22 जून से आद्रा नक्षत्र में सूर्य का आगमन होगा. यह आगमन भी वर्षा के लिए परम योग वाला है. 21 जून से अच्छी बारिश होने की संभावना बन रही है. भारतीय आषाढ़ भी यहां से प्रारंभ हो रहा है. इस दिन शुभ वृष्टि योग है. रेवती नक्षत्र अहोरात्र तैतिल करण और मीन राशि का चंद्रमा यहां पर विद्यमान रहेगा. 21 और 22 दोनों ही दिन मीन राशि में चंद्रमा का प्रभाव रहेगा.''

मीन राशि जल तत्व की राशि मानी जाती है: मीन राशि जल तत्व प्रधान है, जिस तरह से मछली पानी के बिना नहीं रह सकती, ठीक वैसे ही पृथ्वी वर्षा के बिना अधूरी है. वसुंधरा माता या धरती माता को अपनी सिंचाई अपने ताप को पुष्ट करने के लिए वर्षा की अत्यंत आवश्यकता होती है. कर्क राशि भी एक जलीय राशि मानी जाती है. यह राशि वर्षा प्रधान है. जल का प्रभाव है. कर्क राशि, वृश्चिक राशि और मीन राशि यह तीनों में ही स्पष्ट तौर पर ज्योतिषी सिद्धांत के अनुसार तरलता का प्रभाव है. यह द्रव्य तत्व माने गए हैं.

21 जून को सर्वार्थ सिद्धि योग और 22 जून को अहोरात्र योग: आषाढ़ कृष्ण पक्ष का मास नल नाम के संवत्सर के प्रभाव में है. 21 जून को सर्वार्थ सिद्धि योग का भी शुभ प्रभाव है. 22 जून को अहोरात्र योग है. सौभाग्य और शोभन योग का स्पष्ट प्रभाव दिख रहा है. इन सुंदर संयोगों में पृथ्वी पर वर्षा होने की अच्छी संभावना बन रही है. मनुष्य को चाहिए कि वह प्रकृति की पूजा करे. प्रकृति को सम्मान दे और प्रकृति के अनुसार कार्यों को करें. अधिक पर्यावरण प्रदूषण, औद्योगिक प्रदूषण जल और वायु प्रदूषण से पृथ्वी को बहुत नुकसान हो रहा है. समस्त मानवता कोरोना के प्रभाव से मुक्त नहीं हो पाई है.


मानसून के लिए वृक्षों का संरक्षण और संवर्धन जरूरी है: यह आवश्यक है कि शीघ्र ही भूमि पर अच्छी वर्षा हो, जिसके माध्यम से किसान अपने खेतों पर फसलों की बुवाई कर सकें. मानवता को चाहिए कि वह ना सिर्फ वृक्ष लगाएं बल्कि उनका पालन-पोषण भी संवर्धन की भी जवाबदारी लें. जब तक सघन वृक्ष नहीं लगाए जाएंगे, धरती का तापमान बढ़ता रहेगा. विभिन्न ग्लेशियर पृथ्वी के तापमान बढ़ने से गलकर पूरी पृथ्वी के क्षेत्र को घेर लेंगे. प्रकृति का संतुलन स्पष्ट रूप से बना रहे इसलिए वर्षा ऋतु में खेत-खलिहान में पर्याप्त वर्षा होनी चाहिए. प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने की आदत से इंसान को बचना चाहिए.

रायपुर: वर्षा कराने वाले मेघों का निर्माण एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है. जितने अधिक वृक्ष लगाए जाएंगे उतनी अच्छी बारिश होगी. यह साइंटिफिक प्रोसेस है. वर्तमान काल में मनुष्य ने पर्यावरण को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. वृक्षों का संरक्षण बहुत ही कम हो पाया है. वैदिक काल में घर-घर में यज्ञ हुआ करते थे. यज्ञ के माध्यम से भी मेघ आच्छादित बादलों का निर्माण होता है. यह बादल ही कल्याणकारी और जीवनदायिनी वर्षा कराते हैं.

मानसून को लेकर पंडित विनीत शर्मा की भविष्यवाणी

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21 जून को सूर्य का आगमन कर्क राशि में होगा: पंडित विनीत शर्मा के मुताबिक ''इस साल मानसून 21 जून यानी योग दिवस और संगीत दिवस के बाद ही गति पकड़ेगा. सायन सिद्धांत के अनुसार सूर्य का आगमन 21 जून को कर्क राशि में होगा. 22 जून से आद्रा नक्षत्र में सूर्य का आगमन होगा. यह आगमन भी वर्षा के लिए परम योग वाला है. 21 जून से अच्छी बारिश होने की संभावना बन रही है. भारतीय आषाढ़ भी यहां से प्रारंभ हो रहा है. इस दिन शुभ वृष्टि योग है. रेवती नक्षत्र अहोरात्र तैतिल करण और मीन राशि का चंद्रमा यहां पर विद्यमान रहेगा. 21 और 22 दोनों ही दिन मीन राशि में चंद्रमा का प्रभाव रहेगा.''

मीन राशि जल तत्व की राशि मानी जाती है: मीन राशि जल तत्व प्रधान है, जिस तरह से मछली पानी के बिना नहीं रह सकती, ठीक वैसे ही पृथ्वी वर्षा के बिना अधूरी है. वसुंधरा माता या धरती माता को अपनी सिंचाई अपने ताप को पुष्ट करने के लिए वर्षा की अत्यंत आवश्यकता होती है. कर्क राशि भी एक जलीय राशि मानी जाती है. यह राशि वर्षा प्रधान है. जल का प्रभाव है. कर्क राशि, वृश्चिक राशि और मीन राशि यह तीनों में ही स्पष्ट तौर पर ज्योतिषी सिद्धांत के अनुसार तरलता का प्रभाव है. यह द्रव्य तत्व माने गए हैं.

21 जून को सर्वार्थ सिद्धि योग और 22 जून को अहोरात्र योग: आषाढ़ कृष्ण पक्ष का मास नल नाम के संवत्सर के प्रभाव में है. 21 जून को सर्वार्थ सिद्धि योग का भी शुभ प्रभाव है. 22 जून को अहोरात्र योग है. सौभाग्य और शोभन योग का स्पष्ट प्रभाव दिख रहा है. इन सुंदर संयोगों में पृथ्वी पर वर्षा होने की अच्छी संभावना बन रही है. मनुष्य को चाहिए कि वह प्रकृति की पूजा करे. प्रकृति को सम्मान दे और प्रकृति के अनुसार कार्यों को करें. अधिक पर्यावरण प्रदूषण, औद्योगिक प्रदूषण जल और वायु प्रदूषण से पृथ्वी को बहुत नुकसान हो रहा है. समस्त मानवता कोरोना के प्रभाव से मुक्त नहीं हो पाई है.


मानसून के लिए वृक्षों का संरक्षण और संवर्धन जरूरी है: यह आवश्यक है कि शीघ्र ही भूमि पर अच्छी वर्षा हो, जिसके माध्यम से किसान अपने खेतों पर फसलों की बुवाई कर सकें. मानवता को चाहिए कि वह ना सिर्फ वृक्ष लगाएं बल्कि उनका पालन-पोषण भी संवर्धन की भी जवाबदारी लें. जब तक सघन वृक्ष नहीं लगाए जाएंगे, धरती का तापमान बढ़ता रहेगा. विभिन्न ग्लेशियर पृथ्वी के तापमान बढ़ने से गलकर पूरी पृथ्वी के क्षेत्र को घेर लेंगे. प्रकृति का संतुलन स्पष्ट रूप से बना रहे इसलिए वर्षा ऋतु में खेत-खलिहान में पर्याप्त वर्षा होनी चाहिए. प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने की आदत से इंसान को बचना चाहिए.

Last Updated : Jun 17, 2022, 4:40 PM IST
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