रायपुर : आजादी के बाद नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री बने. प्रधानमंत्री के रूप में अपने समय के दौरान नेहरू ने एक उपनिवेश से एक गणतंत्र में भारत के संक्रमण का निरीक्षण किया. नेहरू ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन में भी अग्रणी भूमिका निभाई, जो शीत युद्ध के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका या सोवियत संघ के साथ गठबंधन नहीं करने वाले देशों का एक समूह था. भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का 27 मई 1964 को 74 वर्ष की आयु में निधन हो गया था.
आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान : नेहरू का जन्म 1889 में इलाहाबाद भारत में हुआ था. वह उस समय के ख्यात वकील मोतीलाल नेहरू और स्वरूप रानी नेहरू के बेटे थे. नेहरू ने भारत और इंग्लैंड में शिक्षा प्राप्त की थी. इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में कानून का अध्ययन किया. 1920 के दशक की शुरुआत में नेहरू भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए. वह महात्मा गांधी के करीबी सहयोगी थे. उन्होंने 1947 में ब्रिटेन से भारत की आजादी के लिए हुई वार्ताओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. नेहरू एक दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने आधुनिक भारतीय राष्ट्र को आकार देने में मदद की. उनकी मृत्यु भारत के लिए एक बड़ी क्षति थी. उनकी विरासत आज भी भारतीयों को प्रेरित करती है.
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भारत में नेहरू का योगदान : नेहरू की पुण्यतिथि पर देश भर के भारतीय उनकी याद में श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. कई जगहों पर सार्वजनिक कार्यक्रम और समारोह होते हैं. नई दिल्ली में नेहरू के स्मारक पर लोग जाकर उन्हें याद करते हैं. नेहरू एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में एक प्रमुख व्यक्ति भी थे. नेहरू धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के प्रबल समर्थक माने जाते थे. उन्होंने आधुनिक भारतीय राष्ट्र को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.