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सरकार ने प्रदेश को आर्थिक बदहाली के दौर में पहुंचाया: कौशिक - केंद्र सरकार

पंचायत विभाग की ओर से मनरेगा की राशि जारी नहीं करने पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार पर निशाना साधा है.

पंचायत भवन
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Published : Aug 23, 2019, 4:44 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में पंचायत विभाग में काम के बदले भुगतान न होने को लेकर अब सियासत तेज हो गई है. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत राज्य सरकार की ओर से सामग्री मद की राशि का भुगतान नहीं किए जाने पर भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश सरकार की आलोचना की है.

पंचायत भवन

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने तो यहां तक कहा कि 'गैर-जरूरी कार्यों में सरकारी खजाने का इस्तेमाल करके प्रदेश सरकार ने प्रदेश को आर्थिक बदहाली के इस दौर में पहुंचा दिया है कि, अब सरकार अपने हिस्से का जरूरी भुगतान तक करने की स्थिति में भी नहीं रह गई है'. कौशिक ने कहा कि 'वहीं हमने कुछ गांवों के सरपंचों से भी बात की तो भुगतान नहीं होने और देरी होने की जानकारी मिली है'.

'आर्थिक बदहाली के दौर में पहुंचा प्रदेश'
कौशिक कहा कि 'गैर-जरूरी कार्यों में सरकारी खजाने का इस्तेमाल करके प्रदेश सरकार ने प्रदेश को आर्थिक बदहाली के इस दौर में पहुंचा दिया है. अब सरकार अपने हिस्से का जरूरी भुगतान तक करने की स्थिति में भी नहीं रह गई है. मनरेगा की सामग्री मद के लंबित भुगतान की कुल देयक राशि 396.57 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है'.

'केंद्र सरकार ने जारी की 75 फीसदी राशि'
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 'इसकी वजह से ग्राम पंचायतों में आक्रोश की स्थिति पनप रही है. नाराज सरपंचों ने प्रदेश सरकार के रवैये पर जब खुली नाराजगी जताते हुए पत्र लिखा तो प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार से राशि की मांग की. केन्द्र सरकार ने अपने हिस्से की 75 फीसदी राशि जारी कर दी लेकिन इसके बावजूद प्रदेश सरकार अपने हिस्से की 25 फीसदी राशि भी नहीं दे पा रही है और पंचायतों में मनरेगा के तहत चलने वाले काम ठप्प हो रहे हैं'.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में पंचायत विभाग में काम के बदले भुगतान न होने को लेकर अब सियासत तेज हो गई है. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत राज्य सरकार की ओर से सामग्री मद की राशि का भुगतान नहीं किए जाने पर भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश सरकार की आलोचना की है.

पंचायत भवन

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने तो यहां तक कहा कि 'गैर-जरूरी कार्यों में सरकारी खजाने का इस्तेमाल करके प्रदेश सरकार ने प्रदेश को आर्थिक बदहाली के इस दौर में पहुंचा दिया है कि, अब सरकार अपने हिस्से का जरूरी भुगतान तक करने की स्थिति में भी नहीं रह गई है'. कौशिक ने कहा कि 'वहीं हमने कुछ गांवों के सरपंचों से भी बात की तो भुगतान नहीं होने और देरी होने की जानकारी मिली है'.

'आर्थिक बदहाली के दौर में पहुंचा प्रदेश'
कौशिक कहा कि 'गैर-जरूरी कार्यों में सरकारी खजाने का इस्तेमाल करके प्रदेश सरकार ने प्रदेश को आर्थिक बदहाली के इस दौर में पहुंचा दिया है. अब सरकार अपने हिस्से का जरूरी भुगतान तक करने की स्थिति में भी नहीं रह गई है. मनरेगा की सामग्री मद के लंबित भुगतान की कुल देयक राशि 396.57 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है'.

'केंद्र सरकार ने जारी की 75 फीसदी राशि'
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 'इसकी वजह से ग्राम पंचायतों में आक्रोश की स्थिति पनप रही है. नाराज सरपंचों ने प्रदेश सरकार के रवैये पर जब खुली नाराजगी जताते हुए पत्र लिखा तो प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार से राशि की मांग की. केन्द्र सरकार ने अपने हिस्से की 75 फीसदी राशि जारी कर दी लेकिन इसके बावजूद प्रदेश सरकार अपने हिस्से की 25 फीसदी राशि भी नहीं दे पा रही है और पंचायतों में मनरेगा के तहत चलने वाले काम ठप्प हो रहे हैं'.

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में पंचायत विभाग में काम जे बदले भुगतान ना होने को लेकर अब सियासी पारा तेज हो गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत राज्य सरकार द्वारा सामग्री मद की राशि का भुगतान नहीं किए जाने पर भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश सरकार की आलोचना की है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने तो यहां तक कहा कि गैर-जरूरी कार्यों में सरकारी खजाने का इस्तेमाल करके प्रदेश सरकार ने प्रदेश को आर्थिक बदहाली के इस दौर में पहुंचा दिया है कि अब सरकार अपने हिस्से का जरूरी भुगतान तक करने की स्थिति में भी नहीं रह गई है। वही हमने कुछ गांवों के सरपंचों से भी बात की तो भुगतान नही होने और देरी होने की जानकारी मिली है।Body:


वीओ - 1
छत्तीसगढ़ में पंचायत विभाग में भुगतान ना होने को लेकर अब राजनीति तेज हो गई है। सरकार पर अब आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत राज्य सरकार द्वारा सामग्री मद की राशि का भुगतान नहीं किए जाने पर प्रदेश सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि गैर-जरूरी कार्यों में सरकारी खजाने का इस्तेमाल करके प्रदेश सरकार ने प्रदेश को आर्थिक बदहाली के इस दौर में पहुंचा दिया है कि अब सरकार अपने हिस्से का जरूरी भुगतान तक करने की स्थिति में भी नहीं रह गई है। मनरेगा की सामग्री मद के लंबित भुगतान की कुल देयक राशि 396.57 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। इसके चलते ग्राम पंचायतों में आक्रोश की स्थिति पनप रही है। रुष्ट सरपंचों ने प्रदेश सरकार के रवैये पर जब खुली नाराजगी जताते हुए पत्र लिखा तो प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार से राशि की मांग की। केन्द्र सरकार ने अपने हिस्से की 75 फीसदी राशि जारी कर दी लेकिन इसके बावजूद प्रदेश सरकार अपने हिस्से की 25 फीसदी राशि भी नहीं दे पा रही है और पंचायतों में मनरेगा के तहत चलने वाले काम ठप्प हो रहे हैं।

बाईट- धरमलाल कौशिक, नेता प्रतिपक्ष

वीओ- 2

वही कांग्रेस ने रोजगार गारंटी योजना के तहत भुगतान ना करने के आरोप पर तंज कसा है। कांग्रेस ने कहा है कि प्रदेश में भाजपा की सरकार जाने ने बाद अनर्गल बयानबाजी का दौर शुरु हो गया है। हर तरह के बयानों में अब एक तरह की खीज देखने को मिलती है। केंद्र ने खुद देश की इकॉनॉमी को बर्बाद करके रख दिया है। जीएसटी और नोटबन्दी से पूरे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। इन आरोप प्रत्यारोप के बीच हमने रायपुर से लगे गाँव मुजगहन का दौरा किया। वहां के सरपंच भी दबी जुबान से कहते है कि रोजगार गारंटी योजना का भुगतान समय पर नही हो पाता। ऐसे में लगातार हमे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

बाईट- रमेश वर्ल्यानी, प्रदेश प्रवक्ता, पीसीसी
बाईट- संदीप यदु, सरपंच, मुजगहन
Conclusion:
फाइनल वीओ

ऐसे में भले ही राजनीति बयानबाजी भले जो भी हो लेकिन प्रदेश में ग्रामीण इलाको में भुगतान को लेकर स्थिति सामान्य नही है। राज्य सरकार के अंश की राशि जारी नहीं होने के कारण पूरा भुगतान रुका पड़ा है।

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुर
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