कांकेर: जिले के काष्ठ शिल्प कलाकार अजय मंडावी को बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया. अजय मंडावी को उनकी जिस कला के लिए पुरस्कार मिल रहा है उसमें वंदेमातरम भी शामिल है. उन्होंने 40 फिट ऊंची और 22 फिट चौड़ी काष्ट पट्टिका पर वंदेमातरम की कृति तैयार की है. गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी उनकी ये कृति दर्ज हो चुकी है. अजय मंडावी ने अपनी इस कला को राष्ट्र के नाम समर्पित किया है.
18 जनवरी 2018 को बना था विश्व रिकाॅर्ड: अजय मंडावी के मार्गदर्शन में कांकेर जिला जेल के 9 कैदियों ने मेहनत कर 20 फीट चौड़ी और 40 फीट लंबी लकड़ी की तख्ती पर राष्ट्रीय गीत को काष्ठशिल्प के रूप में उकेरा था. 18 जनवरी 2018 को इस शिल्पकला को ऐतिहासिक अनुकृति का दर्जा मिला और गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड से नवाजा गया. पद्मश्री अजय मंडावी कांकेर जेल में बंद कैदियों को पिछले 14 साल से काष्ठ कला सिखा रहे हैं. इनमें कई नक्सली मामलों में बंद कैदी भी शामिल है. शांता आर्ट्स के जरिए अजय मंडावी कैदियों को कला का प्रशिक्षण दे रहे हैं. ताकि वे समाज में एक बेहतर इंसान के रूप में जीवन जी सके.
ऊषा बारले को पद्मश्री: दुर्ग जिले की ऊषा बारले को पंडवानी गायिकी के लिए पद्मश्री अवॉर्ड दिया गया है. पंडवानी का प्रशिक्षण उन्होंने प्रख्यात पंडवानी गायिका और पद्म विभूषण तीजनबाई से लिया है. उन्होंने देश के साथ ही लंदन और न्यूयॉर्क में पंडवानी की प्रस्तुति दी है. अब तक वे एक हजार से ज्यादा कार्यक्रमों की प्रस्तुति दे चुकी हैं.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को राष्ट्रपति भवन में 53 पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया. तीन पद्म विभूषण, पांच पद्म भूषण और 45 पद्म श्री विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान देने वाले लोगों को दिया गया है.