रायपुर: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी (Chhattisgarh Paddy Procurement 2021) की शुरुआत हो गई है. इस खरीफ वर्ष में करीब 22.66 लाख पंजीकृत किसानों से 2399 सहकारी समितियों के माध्यम से धान खरीदी हो रही है. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पंजीकृत किसानों (Total Registered Farmers in Chhattisgarh) से करीब 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य (Chhattisgarh Paddy Purchase 2021) रखा गया है. किसानों से 1 एकड़ में अधिकतम 15 क्विंटल धान की खरीदी की जा रही है . वहीं मक्के के लिए यह मात्रा प्रति एकड़ 10 क्विंटल निर्धारित है. इस साल करीब 88 नए धान खरीदी केंद्रों की शुरुआत हुई है. धान खरीदी की इस प्रक्रिया में शनिवार और रविवार को धान खरीदी नहीं होगी. इस सीजन में कुल 44 दिनों तक ही धान खरीदी की जाएगी.
मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने खुद रायपुर जिले के जरोदा और बंगोली उपार्जन केंद्र पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. उन्होंने धान विक्रय के लिए आए किसानों का फूल-मालाओं से स्वागत किया. पूजा-अर्चना के बाद उन्होंने खुद धान तौल कर धान-खरीदी की शुरुआत की. इसके साथ ही पूरे प्रदेश में धान खरीदी का शुभारंभ हुआ.
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31 जनवरी 2022 तक जारी रहेगी धान खरीदी
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य शासन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 (Kharif Marketing in Chhattisgarh 2021-22 ) के तहत समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की नगद एवं लिंकिंग के माध्यम से खरीदी एक दिसम्बर 2021 से 31 जनवरी 2022 तक जारी रहेगी. वहीं मक्का खरीदी की बात की जाए तो यह एक दिसंबर 2021 से 28 फरवरी 2022 तक की जाएगी.
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी 2021 की अहम बातें
- कॉमन धान की खरीदी 1940 रुपये प्रति क्विंटल
- ग्रेड ए धान की खरीदी 1960 रुपये प्रति क्विंटल
- अच्छी किस्म के मक्का की खरीदी 1870 रुपये प्रति क्विंटल
- 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य
- राज्य में कुल 2399 धान खरीदी केंद्र.
- 86 हजार बारदाने राज्य में उपलब्ध
- 5 लाख 25 हजार गठान बारदाने की जरूरत.
- पंजीकृत किसानों की संख्या 22.66 लाख
- पिछले साल कुल 82.81 लाख मीट्रिक टन धान की हुई थी खरीदी
- करीब 10 हजार गठान बारदानों की रोजाना है जरुरत
- एक गठान में होते हैं करीब 500 बारदाने.
105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी (105 lakh metric tonnes of paddy procurement target) के लिए करीब सवा पांच लाख गठान बारदाने की जरूरत
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने के लिए सवा पांच लाख गठान बारदाने (five and a half lakh bales of gunny bags) की जरूरत है. जूट कमिश्नर के माध्यम से राज्य को 86 हजार बारदाने प्राप्त हो चुके हैं. भारत सरकार द्वारा राज्य को 2.14 लाख गठान नये जूट बारदाने की आपूर्ति जूट कमिश्नर के माध्यम से किये जाने की सहमति दी गई है. इसके अलावा राज्य शासन द्वारा उचित मूल्य की दुकानों और मिलरों के माध्यम से करीब एक लाख गठान बारदाने की व्यवस्था कर ली गई है. साथ ही ओपन मार्केट से करीब 1.13 लाख गठान एचडीपीई-पीपी बारदाने की व्यवस्था की बात कही जा रही है.
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किसानों को पुराने बारदानों में धान बिक्री की अनुमति
राज्य सरकार ने धान खरीदी में पुराने बारदाने के उपयोग की अनुमति दे दी है. धान खरीदी के पहले दिन से ही किसानों को पुराने बारदानों में धान बिक्री की अनुमति दे दी है. इस पूरी प्रक्रिया की व्यवस्था और देखरेख के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किये गये हैं. ये प्रतिदिन धान खरीदी तथा अन्य व्यवस्था के साथ-साथ समस्याओं से संबंधित स्थितियों की मॉनिटरिंग करेंगे.
पिछले साल 82.81 लाख मीट्रिक टन धान की हुई थी खरीदी
बता दें कि भूपेश सरकार ने साल 2020-21 में 82.81 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी (82.81 lakh metric tonnes of paddy procured in the year 2020-21) की थी. इस वर्ष सरकार ने धान खरीदी की सीमा बढ़ाई है. कुल 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित है. अब देखना होगा कि सरकार इस निर्धारित धान खरीदी के लक्ष्य को हासिल कर पाती है कि नहीं.