रायपुर: देश के अलग-अलग राज्यों में बाढ़ जैसे हालात दिख रहे हैं. छत्तीसगढ़ में भी कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से कई नदियां उफान पर हैं. कई जिलों में बारिश ने तमाम रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. ओडिशा और राज्य के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश को देखते हुए हसदेव, बांगो, गंगरेल, सिकासार, सोंढुर, तांदुला समेत ज्यादातर बांधों के गेट खोल दिए गए हैं.
कई जिलों में बाढ़ के हालात को देखते हुए राज्य सरकार अलर्ट मोड पर है. वहीं जल संसाधन और आपदा प्रबंधन विभाग लगातार बाढ़ के हालातों को लेकर नजर बनाए हुए है. जिला प्रशासन ने महानदी के आसपास के इलाकों को खाली भी कराया है. जलसंसाधन विभाग के मुख्य अभियंता आर के नगरिया ने बताया कि अतिरिक्त बाढ़ की निकासी के पहले राज्य बाढ़ नियंत्रण प्रकोष्ठ नदी के किनारे के जिलों के जिलाध्यक्षों और पुलिस अधीक्षक को बाढ़ की सूचना देता है.
एक आंकड़े के मुताबिक, प्रदेश के तकरीबन सभी बांध 90 से 100 फीसदी तक भर चुके हैं. इससे आने वाले समय में खेती के लिए पानी की किल्लत नहीं होगी. दलहन, तिलहन आदि फसलों के लिए भी पर्याप्त पानी मिल चुका है, लेकिन इससे ज्यादा बारिश फसलों को काफी नुकसान पहुंचा सकती है.
राज्य के प्रमुख जलाशयों के जलस्तर की बात की जाए तो-
⦁ बिलासपुर के खारंग बांध में 100 फीसदी वॉटर लेवल
⦁ मुंगेली के मनिहारी बांध में 100 फीसदी वॉटर लेवल
⦁ रायगढ़ के खम्हारफाकुट जलाशय में 100 फीसदी वॉटर लेवल
⦁ बस्तर के कोसारटेढ़ा बांध में 100 फीसदी पानी
⦁ कोरबा के मिनीमाता बांगो बांध में 94 फीसदी पानी
⦁ धमतरी के रविशंकर में 85 फीसदी और मोरमसिल्ली जलाशय में 100 फीसदी पानी
⦁ कांकेर के दुधावा जलाशय में 100 फीसदी वॉटर लेवल
⦁ गरियाबंद के सिकासार बांध में 100 फीसदी वॉटर लेवल
वहीं जिलेवार 1 जून से अब तक प्रदेश में बारिश के हालात पर नजर डालें तो-
⦁ बिलासपुर में 1059.6 mm बारिश
⦁ मुंगेली में 767.3 mm बारिश
⦁ रायगढ़ में 1026.4 mm बारिश
⦁ बस्तर में 1051.1 mm बारिश
⦁ कोरबा में 1179.7 mm बारिश
⦁ धमतरी में 966.6 mm बारिश
⦁ कांकेर में 891.4 mm बारिश
⦁ गरियाबंद में 974.5 mm बारिश
जलाशयों के तेजी से बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सिंचाई विभाग भी पूरी तरह से नजर बनाए हुए है. पिछले 10 सालों के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो बस्तर, कोंडागांव, कांकेर, दंतेवाड़ा और बीजापुर में सर्वाधिक बारिश होती है. फिलहाल, कांकेर, दुर्ग, बस्तर, राजनांदगांव और सरगुजा में औसत से मामूली रूप से कम बारिश हुई है.