रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र काफी हंगामेदार रहा. सत्र की शुरुआत ही हंगामे के साथ हुई. बीजेपी और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध करते हुए सदन से वॉक आउट कर दिया. छत्तीसगढ़ विधानसभा के इतिहास में ये पहली बार है जब विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार किया हो.
विपक्ष के बहिर्गमन को लेकर सत्ताधारी पक्ष की तरफ से पीसीसी अध्यक्ष और कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम ने कहा कि, 'विपक्ष का वाकआउट समझ से परे है. जनता के हित में सरकार लगातार काम कर रही है. आरक्षण को पारित करने हम इकट्ठे हुए. आंध्रप्रदेश के बाद छत्तीसगढ़ देश का दूसरा राज्य है, जिसने इस विधेयक का समर्थन किया है. समय की कमी के कारण विशेष सत्र बुलाया गया'.
'बीजेपी कर रही केंद्र सरकार की नीति का विरोध'
मोहन मरकाम ने कहा कि, 'बीजेपी तो केन्द्र सरकार की नीति का भी विरोध कर रही है. ऐसे में विपक्ष बैकफुट पर नजर आ रहा है. अब बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के बाद निकाय चुनाव मे भी हार देख ली है इसीलिए इस तरह का विरोध कर रही है'.
राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार
बता दें कि विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र अनुसूचित जाति और जनजाति आरक्षण संशोधन विधेयक को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के अनुसमर्थन में बुलाया गया था. विपक्ष की नाराजगी राज्यपाल के अभिभाषण को दो सत्रों में समाहित किए जाने को लेकर थी. विपक्ष का कहना है कि, 'वो किसी भी गलत परंपरा का हिस्सा नहीं बनेगा.'