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खत्म हो रहे परंपरागत बाजार पर चेंबर चिंतित, आगामी बजट में प्रावधान की मांग - PROVISION IN UPCOMING BUDGET

छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स ने परंपरागत बाजारों के सिमटने पर चिंता जताई है.आने वाले बजट के लिए चेंबर ने कई सुझाव दिए हैं.

Chamber worried over dying traditional market
खत्म हो रहे परंपरागत बाजार पर चेंबर चिंतित (ETV BHARAT CHATTISGARH)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 20, 2025, 8:20 PM IST

रायपुर :छत्तीसगढ़ बजट की तैयारी में सरकार जुट गई है. मुख्यमंत्री विभागों की अलग-अलग दिन बैठक लेकर समीक्षा कर रहे हैं. साथ ही कई वर्गों ने अपनी-अपनी मांगों को लेकर संबंधित विभाग के मंत्रियों से मुलाकात की है. इस बीच चेंबर ऑफ कॉमर्स बजट को लेकर क्या सोचता है उन्होंने इसके लिए क्या सुझाव दिए हैं.इसकी जानकारी छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अमर परवानी ने ईटीवी भारत को दी.

पुराने बाजार को जीवित करने का हो प्रावधान : वहीं छत्तीसगढ़ बजट को लेकर अमर पारवानी ने कहा कि ग्रोथ सेंट्रिक बजट होना चाहिए. सरकार चाहे जो भी बजट इंफ्रा को लेकर आया .अंदर सेक्टर में ग्रोथ होनी चाहिए. उस जीडीपी और व्यापार बढ़ता है. यह पॉजिटिव वातावरण बनाकर चल रहे हैं, छत्तीसगढ़ के उद्योग नीति काफी अच्छी है.वहीं बजट को लेकर चेंबर ने कुछ सुझाव भी दिए गए हैं.

आज हमारे परंपरागत बाजार समाप्त होते जा रहे हैं. उन्हें बचाने के लिए बजट में प्रावधान का सुझाव दिया गया है. गोल बाजार ,सराफा बाजार, बंजारी रोड बाजार यह हमारे पुराने परंपरागत बाजार हैं. इस तरह के बाजार सिर्फ रायपुर में ही नहीं. बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के सभी जिला और तहसील में हैं. जो आज धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं. इसे जीवित करने के लिए बजट में प्रावधान होना चाहिए - अमर परवानी, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ चैंबर्स ऑफ कॉमर्स

बाजार में सुरक्षा के हो पर्याप्त इंतजाम : इसे कैसे जीवित किया जाए इसे लेकर कुछ सुझाव भी चेंबर के द्वारा दिए गए हैं. इसके अंतर्गत इन परंपरागत बाजार क्या सुवस्थित करना. महिलाओं के लिए टॉयलेट की व्यवस्था, उचित पार्किंग व्यवस्था, लाइटिंग व्यवस्था सहित अन्य सुविधा इन बाजारों में देने की मांग चेंबर में की है. 7 दिन बाजारों की सुरक्षा को लेकर भी उपाय किए जाने पर बजट में जोर देने की बात अमर परवानी ने कही. उन्होंने कहा कि इन परंपरागत बाजारों में भी फायर फाइटर सिस्टम लगाए जाने चाहिए, जिसे हादसे के दौरान बाजारों को सुरक्षित किया जा सके.



अमर परवानी ने कहा कि यदि परंपरागत बाजारों को बचाया गया, तो ये रोजगार को बढ़ावा देगा, नए रोजगार का सृजन करेगा, साथ ही जो छोटे व्यापारी खत्म हो रहे हैं वो अपना व्यापार बचा सकेंगे, दूसरों को रोजगार भी देंगे. यहीं प्रधानमंत्री की भी योजना है. यदि ऐसा बजट आया तो स्वाभाविक है कि इससे छोटे व्यापारियों को व्यापार करने एक बेहतर माहौल मिलेगा. खत्म हो रहे परंपरागत बाजार को बचाया जा सकेगा और उम्मीद है कि सरकार आने वाले बजट में इस पर विचार करें.

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पुराने बाजार को जीवित करने का हो प्रावधान : वहीं छत्तीसगढ़ बजट को लेकर अमर पारवानी ने कहा कि ग्रोथ सेंट्रिक बजट होना चाहिए. सरकार चाहे जो भी बजट इंफ्रा को लेकर आया .अंदर सेक्टर में ग्रोथ होनी चाहिए. उस जीडीपी और व्यापार बढ़ता है. यह पॉजिटिव वातावरण बनाकर चल रहे हैं, छत्तीसगढ़ के उद्योग नीति काफी अच्छी है.वहीं बजट को लेकर चेंबर ने कुछ सुझाव भी दिए गए हैं.

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अमर परवानी ने कहा कि यदि परंपरागत बाजारों को बचाया गया, तो ये रोजगार को बढ़ावा देगा, नए रोजगार का सृजन करेगा, साथ ही जो छोटे व्यापारी खत्म हो रहे हैं वो अपना व्यापार बचा सकेंगे, दूसरों को रोजगार भी देंगे. यहीं प्रधानमंत्री की भी योजना है. यदि ऐसा बजट आया तो स्वाभाविक है कि इससे छोटे व्यापारियों को व्यापार करने एक बेहतर माहौल मिलेगा. खत्म हो रहे परंपरागत बाजार को बचाया जा सकेगा और उम्मीद है कि सरकार आने वाले बजट में इस पर विचार करें.

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