रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र 2022 का चौथा दिन काफी हंगामेदार रहा. विपक्ष ने कई मामलों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी के मामले को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ. इसके बाद विपक्ष ने मामले को लेकर वॉक आउट किया.
नेता प्रतिपक्ष ने उठाया पीएम आवास में गड़बड़ी का मुद्दा
सत्र में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने जगदलपुर में शहरी प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी का मामला उठाया. उन्होंने सवाल किया कि जगदलपुर में पीएम आवास योजना को लेकर शिकायत की गई. शहर बंद कराया गया. दोषी लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? इसके जवाब में नगरी प्रशासन मंत्री डॉ शिव कुमार डहरिया ने कहा कि दोषियों पर कार्रवाई की गई. उन्हें जेल भेज दिया गया.
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इस पर कौशिक ने कहा कि उन्हें जेल से अस्पताल में रखा गया है. बदले की भावना से बीजेपी के 5 लोगों को जेल भेज दिया गया है. पीएम आवास योजना में पीड़ित लोगों को पैसा वापस दिलाने और उन्हें पीएम आवास योजना का लाभ दिलाने का आश्वासन मांगा गया. कौशिक ने कहा कि 41 लोगों से 25 25 हजार रुपये लिये गए थे. क्या उन लोगों में से पात्र लोगों को पीएम आवास उपलब्ध कराएंगे. इस पर मंत्री शिव कुमार डहरिया ने कहा कि पात्रता के अनुसार पीएम आवास योजना के पीड़ितों को आवाज भी दी जाएगी.
पीएम आवास योजना में समय सीमा तय करने की मांग पर विपक्ष का वॉक आउट
इस बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने मंत्रियों से कहा कि मामले को गंभीरता से लेते हुए इस पूरे मामले की जांच कराएं. इसके बाद भी विपक्ष लगातार मामले को लेकर हंगामा करता रहा. विपक्ष के विधायकों ने समय सीमा तय करने की मांग को लेकर हंगामा करते हुए सदन से वॉक आउट किया.
इसके पहले भी विपक्ष ने एक और सवाल के माध्यम से सरकार को जमकर घेरने की कोशिश की. विपक्ष के विधायक बृजमोहन अग्रवाल नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिव कुमार डहरिया से पूछा था कि 1 जनवरी 2019 से 10 फरवरी 2022 तक पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिए कौन-कौन सी योजनाएं प्रारंभ की गई हैं. इसपर मंत्री ने जवाब दिया. लेकिन इस प्रश्न पर उचित तरीके से उत्तर नहीं मिलने और नगरीय प्रशासन मंत्री के तल्ख लहजे को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया.