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विधानसभा में बढ़ गया है सरकार का हस्तक्षेप, एक भी सत्र नहीं चला पूरे दिन: बृजमोहन अग्रवाल

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र Monsoon session of Chhattisgarh Legislative Assembly को लेकर पक्ष-विपक्ष दोनों जमकर तैयारी में जुटे हैं. विपक्ष जहां सरकार की कमियां खोजने में लगा है, वहीं सत्ता पक्ष अपनी उपलब्धियों का खाका तैयार कर रहा है. कुल मिलाकर इस मानसून सत्र में सदन में जमकर हंगामा देखने को मिल सकता है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

Brijmohan Agarwal
बृजमोहन अग्रवाल
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Published : Jul 8, 2021, 6:42 AM IST

Updated : Jul 8, 2021, 3:21 PM IST

रायपुर: 26 जुलाई से छत्तीसगढ़ विधानसभा (Chhattisgarh Legislative Assembly) का मानसून सत्र Monsoon session शुरू होने जा रहा है. सत्र के दौरान विपक्ष धान खरीदी, धान समर्थन मूल्य, गोबर खरीदी, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था सहित कई मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है. हालांकि सत्ता पक्ष भी विपक्ष के सवालों का जोरदार जवाब देने की तैयारी में है.

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र पर बृजमोहन अग्रवाल का बयान

विपक्ष की बात की जाए तो धान खरीदी के बाद राजीव गांधी न्याय योजना Rajiv Gandhi Nyay yojana का भुगतान न होने को लेकर सरकार पर सवाल खड़े कर सकती है. साथ ही धान की खेती को बढ़ावा देने के बदले बबूल की खेती के लिए प्रोत्साहित करने को मुद्दा बना सकती है. इसके अलावा किसानों को उच्च किस्म का बीज नहीं मिल रहा. धान संग्रहण केंद्रों में धान का भींगना भी विपक्ष के लिए प्रमुख मुद्दा होगा. प्रदेश में बेरोजगारी भत्ता न मिलने और 2 साल से भर्ती प्रक्रिया लंबित होने को लेकर भी सरकार पर दबाव बनाने के मूड में है. निर्माण कार्य में लगातार मिल रही शिकायतों और प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने का मन बना लिया है. सत्र को लेकर विपक्ष अभी से तैयारी में जुट गई है.

एक भी सत्र नहीं चला पूरे दिन

महज 5 बैठकों के लिए बुलाया गया विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार को चर्चा करना और सुझाव लेना चाहिए, ताकि कमियां सामने आए और सरकार अपनी व्यवस्थाओं को सुधार करे. इसके लिए सत्र जितना लंबा होगा वह प्रदेश के लिए भी और सरकार सहित विपक्ष के लिए भी उपयोगी होगा, लेकिन यह सरकार मुद्दों पर चर्चा नहीं करवाना चाहती. बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, शायद पिछले ढाई पौने तीन साल में एक भी सत्र ऐसा नहीं है, जिसको इन्होंने पूर्ण किया हो.

बिना वैक्सीनेशन विधायकों की विधानसभा में नो-एंट्री, 26 जुलाई से शुरू हो रहा है मानसून सत्र

विधानसभा में बढ़ गया है सरकार का हस्तक्षेप

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि विधानसभा एक स्वतंत्र बॉडी होती है, विधानसभा को भी अपने अनुसार चलना, कब किसका भाषण करवाना, कभी प्रश्नकाल को स्थगित कर देना, ऐसा लगता है अब सरकार का हस्तक्षेप विधानसभा में बढ़ गया है. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि विपक्ष पूरी ताकत के साथ मुद्दों को उठाएगी और सरकार को घेरेगी.

इधर, सत्ता पक्ष भी विधानसभा सत्र assembly session को लेकर तैयारी में जुट गई है. सरकार आने वाले समय में विधायक दल की बैठक लेकर विपक्ष के सवालों के जवाब देने की रणनीति बना रही है. विपक्ष के सवालों के साथ सरकार राजनीतिक मुद्दों के अलावा भी मानसून सत्र के दौरान कई विधेयक पर प्रस्ताव लाकर चर्चा कराने के मूड में है.

दो हजार से ऊपर लगाए गए सवाल

मानसून सत्र के लिए विधानसभा में विधायकों ने अबतक के 2 हजार 261 सवाल लगाए हैं. विधानसभा सचिवालय में 26 जून से सवाल लेने की प्रक्रिया शुरू की गई है. पहले दिन मात्र 11 सवाल लगाए गए. इसके बाद से सवाल लगाने में तेजी आई. विधानसभा सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार 1 जुलाई को 105, 2 जुलाई को 376, 3 जुलाई को 477, 4 जुलाई को 566 और 6 जुलाई को 578 सवाल लगे हैं.

मानसून सत्र के दौरान होगी 5 बैठकें

सत्र 26 जुलाई से शुरू होने जा रहा है जो 30 जुलाई तक चलेगा. इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है. विधानसभा के इस मानसून सत्र के दौरान कुल 5 बैठकें होंगी. 5वीं विधानसभा का यह 11वां सत्र होगा. इसके काफी हंगामेदार होने की संभावना है.

रायपुर: 26 जुलाई से छत्तीसगढ़ विधानसभा (Chhattisgarh Legislative Assembly) का मानसून सत्र Monsoon session शुरू होने जा रहा है. सत्र के दौरान विपक्ष धान खरीदी, धान समर्थन मूल्य, गोबर खरीदी, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था सहित कई मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में है. हालांकि सत्ता पक्ष भी विपक्ष के सवालों का जोरदार जवाब देने की तैयारी में है.

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र पर बृजमोहन अग्रवाल का बयान

विपक्ष की बात की जाए तो धान खरीदी के बाद राजीव गांधी न्याय योजना Rajiv Gandhi Nyay yojana का भुगतान न होने को लेकर सरकार पर सवाल खड़े कर सकती है. साथ ही धान की खेती को बढ़ावा देने के बदले बबूल की खेती के लिए प्रोत्साहित करने को मुद्दा बना सकती है. इसके अलावा किसानों को उच्च किस्म का बीज नहीं मिल रहा. धान संग्रहण केंद्रों में धान का भींगना भी विपक्ष के लिए प्रमुख मुद्दा होगा. प्रदेश में बेरोजगारी भत्ता न मिलने और 2 साल से भर्ती प्रक्रिया लंबित होने को लेकर भी सरकार पर दबाव बनाने के मूड में है. निर्माण कार्य में लगातार मिल रही शिकायतों और प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने का मन बना लिया है. सत्र को लेकर विपक्ष अभी से तैयारी में जुट गई है.

एक भी सत्र नहीं चला पूरे दिन

महज 5 बैठकों के लिए बुलाया गया विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार को चर्चा करना और सुझाव लेना चाहिए, ताकि कमियां सामने आए और सरकार अपनी व्यवस्थाओं को सुधार करे. इसके लिए सत्र जितना लंबा होगा वह प्रदेश के लिए भी और सरकार सहित विपक्ष के लिए भी उपयोगी होगा, लेकिन यह सरकार मुद्दों पर चर्चा नहीं करवाना चाहती. बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, शायद पिछले ढाई पौने तीन साल में एक भी सत्र ऐसा नहीं है, जिसको इन्होंने पूर्ण किया हो.

बिना वैक्सीनेशन विधायकों की विधानसभा में नो-एंट्री, 26 जुलाई से शुरू हो रहा है मानसून सत्र

विधानसभा में बढ़ गया है सरकार का हस्तक्षेप

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि विधानसभा एक स्वतंत्र बॉडी होती है, विधानसभा को भी अपने अनुसार चलना, कब किसका भाषण करवाना, कभी प्रश्नकाल को स्थगित कर देना, ऐसा लगता है अब सरकार का हस्तक्षेप विधानसभा में बढ़ गया है. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि विपक्ष पूरी ताकत के साथ मुद्दों को उठाएगी और सरकार को घेरेगी.

इधर, सत्ता पक्ष भी विधानसभा सत्र assembly session को लेकर तैयारी में जुट गई है. सरकार आने वाले समय में विधायक दल की बैठक लेकर विपक्ष के सवालों के जवाब देने की रणनीति बना रही है. विपक्ष के सवालों के साथ सरकार राजनीतिक मुद्दों के अलावा भी मानसून सत्र के दौरान कई विधेयक पर प्रस्ताव लाकर चर्चा कराने के मूड में है.

दो हजार से ऊपर लगाए गए सवाल

मानसून सत्र के लिए विधानसभा में विधायकों ने अबतक के 2 हजार 261 सवाल लगाए हैं. विधानसभा सचिवालय में 26 जून से सवाल लेने की प्रक्रिया शुरू की गई है. पहले दिन मात्र 11 सवाल लगाए गए. इसके बाद से सवाल लगाने में तेजी आई. विधानसभा सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार 1 जुलाई को 105, 2 जुलाई को 376, 3 जुलाई को 477, 4 जुलाई को 566 और 6 जुलाई को 578 सवाल लगे हैं.

मानसून सत्र के दौरान होगी 5 बैठकें

सत्र 26 जुलाई से शुरू होने जा रहा है जो 30 जुलाई तक चलेगा. इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है. विधानसभा के इस मानसून सत्र के दौरान कुल 5 बैठकें होंगी. 5वीं विधानसभा का यह 11वां सत्र होगा. इसके काफी हंगामेदार होने की संभावना है.

Last Updated : Jul 8, 2021, 3:21 PM IST
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