रायपुर: समय के साथ साथ आधुनिक संसाधनों का उपयोग बढ़ता जा रहा है. यदि रेल विभाग की बात की जाए, तो अब यहां ऑनलाइन टिकट लेने का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. लोग घर बैठे ऑनलाइन रेलवे टिकट ले रहे हैं और इसका लाभ उठा रहे हैं. इसमें ज्यादातर युवा वर्ग शामिल है. इसकी वजह से आरक्षण केंद्रों में भीड़ कम देखने को मिल रही है. लेकिन ऑनलाइन टिकट लेने का कुछ नुकसान भी है. आइए इस खबर के माध्यम से समझते हैं, ऑनलाइन टिकट के क्या नफा-नुकसान हैं. Online train ticket sales increased
ऑनलाइन टिकट के नुकसान: ऑनलाइन टिकट कंफर्म ना होने पर इसका खामियाजा भी यात्री को उठाना पड़ता है. यात्री ने बताया कि "यदि ऑनलाइन टिकट ट्रेन छूटने तक कंफर्म नहीं हुई. तो वह टिकट रद्द हो जाती है और उसका पैसा खाते में आ जाता है. लेकिन टिकट के रद्द होने से उसकी यात्रा प्रभावित होती है. क्योंकि यात्री के पास उस ट्रेन में जाने का विकल्प समाप्त हो जाता है या फिर वह जनरल टिकट जनरल बोगी में धक्का खाते हुए ट्रेन में सफर करता है.
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काउंटर टिकट के फायदे: यात्री के पास यदि काउंटर रिजर्वेशन टिकट होती है. तो वह उस टिकट को लेकर ट्रेन में आसानी से सफर कर सकता है. उसे रिजर्वेशन बोगी से कोई नहीं उतारता. बल्कि रास्ते में यदि कहीं कोई सीट खाली होती है, तो टीटी उस वेटिंग वाले यात्री को सीट दे देता है. इतना ही नहीं, यदि काउंटर टिकट लेने वाली किसी यात्री की ट्रेन छूट जाए, तो वह स्टेशन मास्टर की अनुमति से दूसरी ट्रेन में सफर कर सकता है. ऑनलाइन टिकट लेने वाले यात्रियों के लिए यह सुविधा नहीं है. ऐसे में ऑनलाइन टिकट का जहां एक ओर फायदा है, वही कुछ नुकसान भी है.
रायपुर रेल मंडल के वरिष्ठ प्रचार निरीक्षक शिव प्रसाद बताते हैं कि "पिछले कुछ दिनों में ऑनलाइन टिकट लेने का क्रेज तेजी बढ़ा है. ऑनलाइन टिकट लेने वालों में युवाओं की संख्या कहीं ज्यादा है. यह भारत को डिजिटल इंडिया की ओर ले जाने वाला बड़ा कदम है."
जानकारी के मुताबिक. बिलासपुर जोन के अंतर्गत पिछले 1 साल में लगभग 79% रेल यात्रियों ने ऑनलाइन टिकट खरीदा है. इस तरह से लगभग 5 में से 4 रेल यात्रियों ने काउंटर में भीड़ की वजह से ऑनलाइन टिकट खरीदा है. यदि साल 2021 की बात की जाए, तो यह आंकड़ा करीब 65% था. इस तरह से इस साल ऑनलाइन टिकट खरीदने वालों की संख्या में लगभग 14% का इजाफा हुआ है.
यह रहा ऑनलाइन टिकट बिक्री का आंकड़ा
साल | यात्री (लाख में) | प्रतिशत |
2014-15 | 3288 | 18 |
2015-16 | 3596 | 09 |
2016-17 | 3731 | 04 |
2017-18 | 4340 | 16 |
2018-19 | 4950 | 14 |
2019-20 | 5230 | 06 |
2020-21 | 3053 | 42 |
2021-22 | 7343 | 141 |
ऑनलाइन टिकट के बढ़ता क्रेज: ऑनलाइन टिकट के बढ़ते क्रेज की वजह से अब रेलवे स्टेशन सहित अन्य जगहों पर स्थित रेलवे आरक्षण केंद्र में भीड़ कम हो गई है. पहले की तरह यहां पर यात्रियों की लंबी कतारें देखने को नहीं मिलती. इक्का दुक्का यात्री ही रिजर्वेशन काउंटर पर टिकट लेते नजर आते हैं. आलम यह है कि लगातार काउंटर पर कम हो रही भीड़ की वजह से रेलवे स्टेशन पर कई रिजर्वेशन काउंटरों को बंद कर दिया गया है.
रेलवे स्टेशन पर कई रिजर्वेशन काउंटरों बंद: बिलासपुर जोन में रायपुर, बिलासपुर और नागपुर मंडल आते हैं. रायपुर स्टेशन के आरक्षण केंद्र में वर्तमान में 19 के करीब काउंटर हैं. इसमें सिर्फ 5 काउंटर ही खुल रहे हैं, बाकी बंद हैं. इसी तरह, दुर्ग स्टेशन में छह टिकट काउंटर खुलते थे, जिनमें से अभी केवल 2 ही चल रहे हैं. पूरे जोन के रेलवे स्टेशनों में यही स्थिति है. आरक्षण काउंटरों पर सन्नाटा रहने लगा है. इतना ही नहीं अब ट्रेन के जनरल बोगी की टिकट भी ऑनलाइन मिलने लगी है. इस वजह से धीरे धीरे आरक्षण सहित जनरल टिकट काउंटर में यात्रियों की संख्या कम होती जा रही है.