रायपुर: देशभर के किसान संगठन अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पिछले 1 साल से आंदोलनरत(One Year Of Farmers Movement) हैं. इसी कड़ी में आज किसान संगठनों की तरफ से रायपुर में एक विशाल रैली निकाली गई. जिसमें शामिल होने प्रदेश भर के किसान पहुंचे थे. इस दौरान कई किसान हाथ में तीर कमान लिए नजर आए. रैली के बाद इंडोर स्टेडियम में एक सभा (Meeting held at Indoor Stadium after rally) संपन्न हुई. इस दौरान किसान संगठनों ने एमएसपी लागू किए (Farmers demanded from Modi government to make a guarantee law on MSP) जाने सहित अपनी 14 सूत्रीय मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन (Strong demonstration of farmers on 14 point demands) किया. किसान संगठन ने केंद्र की मोदी सरकार से अपनी विभिन्न मांगों को पूरा करने की अपील की है. मांग ना पूरी होने पर आंदोलन आगे भी जारी रखने की चेतावनी दी है.
शहीद किसानों को मिले सम्मानजनक राशि
संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि कृषि बिल से ज्यादा जरूरी एमएसपी पर अनाज लेना है. तीनों काले कानून को पूरे देश के लोग नहीं जानते. लेकिन एमएसपी गारंटी पर पूरे देश के किसान एक है. वे चाहते हैं कि एमएसपी पर उसका अनाज बिके. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को 1 साल पूरे हो चुके हैं और देश भर में इस प्रकार के आयोजन किए गए. प्रधानमंत्री के द्वारा तीनों कानून को वापस लिया गया है. वह इसी आंदोलन का दबाव है. हम चाहते हैं कि संसद में जिस तरीके से ये तीनों कानून का विधेयक लाने वाले हैं. उसके साथ एमएसपी कानून को भी बनाएं. जिससे पूरे देश के किसानों को उसके उपार्जित अन्न की सही कीमत मिल सके. साथ ही शहीद हुए किसानों को सम्मानजनक राशि दी जाये. इसके अलावा आज प्रदेश में जो बेमौसम बारिश हुई है उसके बारे में भी राज्य सरकार को सोचना चाहिए, इसके सर्वे पर उचित मुआवजा दिया जाए.
रायपुर के लेक्जोरा सोसाइटी में आयकर विभाग की रेड
किसान संगठन की 14 सूत्रीय मांगें
- तीन कृषि कानून वापस हुआ है. एमएसपी का कानून बनाया जाना चाहिए.
- आंदोलन में जान गवाने वाले किसानों को शहीद का दर्जा एवं परिवार को सहायता राशि दी जाए.
- केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त एवं गिरफ्तार किया जाए.
- किसानों की लागत बढ़ाने वाले पेट्रोल-डीजल, खाद बीज कीटनाशक दवाओं आदि के दामों को आधा किया जाए.
- बेमौसम बारिश प्राकृतिक आपदाओं एवं जानवरों से फसल को हुए नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाए.
- जंगली सूअर को वन्य प्राणी अधिनियम की श्रेणी से अलग किया जाए.
- भूमि की फौती नामांतरण अथवा हक त्याग में लगने वाले पंजीकरण शुल्क को समाप्त किया जाए.
- गरियाबंद में मक्का प्रोसेसिंग केंद्र का निर्माण किया जाए.
- औद्योगिक प्रयोजन हेतु कृषि भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जाना चाहिए.
- आदिवासी / ग्रामीणों के ऊपर माओवादियों के नाम पर बनाए गए फर्जी मामले वापस किए जाएं.
- माओवादी के नाम पर आदिवासियों/ ग्रामीणों को पुलिस द्वारा प्रताड़ित किए जाने पर रोक लगाा जाए.
- केंद्र सरकार द्वारा पारित चार श्रम संहिता रद्द किए जाए
- आदिवासी बाहुल्य इलाकों में पेसा कानून का पालन किया जाए.