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वित्त बजट: निर्मला सीतारमण के पहले बजट से छत्तीसगढ़ को है ये उम्मीदें, पढ़ें - केंद्र में मोदी सरकार

नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद यह उनका पहला बजट है. मोदी सरकार का यह बजट उनके पिछले पांच साल के कामों का ही विस्तार हो सकता है.

निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री, भारत
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Published : Jul 4, 2019, 11:41 PM IST

Updated : Jul 5, 2019, 8:51 AM IST

रायपुर: केंद्र में मोदी सरकार की दूसरी पारी में पहला बजट पेश होने वाला है. यह बजट इसलिए भी खास है कि वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण अपना पहला बजट 5 जुलाई को पेश करेंगी. नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद यह उनका पहला बजट है. मोदी सरकार का यह बजट उनके पिछले पांच साल के कामों का ही विस्तार हो सकता है.

निर्मला सीतारमण के पहले बजट से छत्तीसगढ़ को है ये उम्मीदें, पढ़ें

दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आने के बाद बजट में कुछ साहसिक फैसले भी देखने को मिल सकते हैं. इस बजट को लेकर छत्तीसगढ़ में भी काफी उम्मीदे हैं. भाजपा ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार लगातार गांव, गरीब और किसान की चिंता कर रही है. प्रधानमंत्री आवास योजना हो या उज्जवला योजना ये योजनाएं सभी वर्गों को ध्याम में रखकर बनाई गई है.

इसे इसलिए भी खास माना जा रहा है कि महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाले चुनावों से पहले आना वाला है. इस बार मोदी सरकार के बजट से क्या उम्मीदें कर सकते हैं, ये भाजपा के 2019 के चुनावी घोषणापत्र से पता चल सकता है. चुनावों से पहले किये वादों में से ये छह मुद्दे बजट में भी देखने को मिल सकते हैं.

युवाओं को उम्दा रोजगार मिले

  • वहीं प्रदेश के जाने-माने अर्थशास्त्री डॉ. हनुमंत यादव ने ETV भारत से बजट को लेकर खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि वजट में मध्यमवर्गीय करदाताओं की आयकर सीमा को 3.5 लाख तक की जानी चाहिए.
  • युवाओं को अपेक्षा है कि उनको उम्दा रोजगार मिले. उन्हें जाब सिक्योरिटी दिया जाना बेहद जरूरी है. ये सबसे बड़ी चुनौती है कि रोजगार न देना पूरे देश के सामने चिंता का विषय है.
  • महिला वित्त मंत्री से महिलाओं को काफी उम्मीदें हैं.
  • जीएसटी के आने से वित्त मंत्री के पास केवल प्रत्यक्ष कर ही है. नया कर लगने की संभावना कम है. कार्पोरेट सेक्टर भी रियायत चाहता है. जितनी योजनाएं हैं इसमें फूड सेक्योरिटी के साथ ही राइट टू इम्पालएमेंट जैसे चीजे ज्यादा जरूरी है.
  • अधिकांश योजनाएं पहले से चल रही है, उसमें बजट आवंटन बढ़ेगा, जिससे वे और अच्छे से काम कर सके. पीएम नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि विदेशों से निवेश हो, लेकिन निवेश के साथ ही मेक इन इंडिया में नए उद्योगों से सकारात्मक परिणाम दिखाइ दें, जिससे यहां के युवाओं को फायदा मिल सके.

सीएम भूपेश ने रखी हैं कई मांगें

  • वहीं कांग्रेस सरकार के वरिष्ठ मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा है कि केंद्रीय बजट को लेकर नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई मांगें रखी हैं, जिनमें छत्तीसगढ़ के नक्सल मामलों को लेकर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है.
  • साथ ही प्रदेश के विकास और नरवा गरवा, घुरुवा और बारी को लेकर अपनी मांगें रखी हैं. उम्मीद है इसे केंद्र सरकार राजनीतिक आधार पर नहीं बल्कि प्रदेश के विकास के लिए हमारी तमाम मांगों पर बजट में ध्यान रखेगी.

देशभर की निगाहें इस बजट पर

  • कुल मिलाकर देशभर की निगाहें इस बजट पर टिकी हुई हैं. जहां सभी वर्ग के लोगों को अपने-अपने लिहाज से नजर बनाए हुए हैं. छत्तीसगढ़ के लिहाज से भी यहां व्यापार उद्योग के साथ ही बड़ी परियोजनाओं की सौगात और केंद्रीय स्तर पर स्वास्थ्य व अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर में इजाफा हो.
  • पिछली बार की बजट के मुकाबले इस बार के बजट में सरकार केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालयों की संख्या बढ़ा सकती है. इसके अलावा हॉयर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन की संख्या बढ़ाने पर काम होने की उम्मीद है. बजट में छात्रों के लिए स्मार्ट क्लासेज की शुरुआत कर नई तकनीक से पढ़ाई पर जोर दिया जा सकता है.

रायपुर: केंद्र में मोदी सरकार की दूसरी पारी में पहला बजट पेश होने वाला है. यह बजट इसलिए भी खास है कि वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण अपना पहला बजट 5 जुलाई को पेश करेंगी. नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद यह उनका पहला बजट है. मोदी सरकार का यह बजट उनके पिछले पांच साल के कामों का ही विस्तार हो सकता है.

निर्मला सीतारमण के पहले बजट से छत्तीसगढ़ को है ये उम्मीदें, पढ़ें

दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आने के बाद बजट में कुछ साहसिक फैसले भी देखने को मिल सकते हैं. इस बजट को लेकर छत्तीसगढ़ में भी काफी उम्मीदे हैं. भाजपा ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार लगातार गांव, गरीब और किसान की चिंता कर रही है. प्रधानमंत्री आवास योजना हो या उज्जवला योजना ये योजनाएं सभी वर्गों को ध्याम में रखकर बनाई गई है.

इसे इसलिए भी खास माना जा रहा है कि महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाले चुनावों से पहले आना वाला है. इस बार मोदी सरकार के बजट से क्या उम्मीदें कर सकते हैं, ये भाजपा के 2019 के चुनावी घोषणापत्र से पता चल सकता है. चुनावों से पहले किये वादों में से ये छह मुद्दे बजट में भी देखने को मिल सकते हैं.

युवाओं को उम्दा रोजगार मिले

  • वहीं प्रदेश के जाने-माने अर्थशास्त्री डॉ. हनुमंत यादव ने ETV भारत से बजट को लेकर खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि वजट में मध्यमवर्गीय करदाताओं की आयकर सीमा को 3.5 लाख तक की जानी चाहिए.
  • युवाओं को अपेक्षा है कि उनको उम्दा रोजगार मिले. उन्हें जाब सिक्योरिटी दिया जाना बेहद जरूरी है. ये सबसे बड़ी चुनौती है कि रोजगार न देना पूरे देश के सामने चिंता का विषय है.
  • महिला वित्त मंत्री से महिलाओं को काफी उम्मीदें हैं.
  • जीएसटी के आने से वित्त मंत्री के पास केवल प्रत्यक्ष कर ही है. नया कर लगने की संभावना कम है. कार्पोरेट सेक्टर भी रियायत चाहता है. जितनी योजनाएं हैं इसमें फूड सेक्योरिटी के साथ ही राइट टू इम्पालएमेंट जैसे चीजे ज्यादा जरूरी है.
  • अधिकांश योजनाएं पहले से चल रही है, उसमें बजट आवंटन बढ़ेगा, जिससे वे और अच्छे से काम कर सके. पीएम नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि विदेशों से निवेश हो, लेकिन निवेश के साथ ही मेक इन इंडिया में नए उद्योगों से सकारात्मक परिणाम दिखाइ दें, जिससे यहां के युवाओं को फायदा मिल सके.

सीएम भूपेश ने रखी हैं कई मांगें

  • वहीं कांग्रेस सरकार के वरिष्ठ मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा है कि केंद्रीय बजट को लेकर नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई मांगें रखी हैं, जिनमें छत्तीसगढ़ के नक्सल मामलों को लेकर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है.
  • साथ ही प्रदेश के विकास और नरवा गरवा, घुरुवा और बारी को लेकर अपनी मांगें रखी हैं. उम्मीद है इसे केंद्र सरकार राजनीतिक आधार पर नहीं बल्कि प्रदेश के विकास के लिए हमारी तमाम मांगों पर बजट में ध्यान रखेगी.

देशभर की निगाहें इस बजट पर

  • कुल मिलाकर देशभर की निगाहें इस बजट पर टिकी हुई हैं. जहां सभी वर्ग के लोगों को अपने-अपने लिहाज से नजर बनाए हुए हैं. छत्तीसगढ़ के लिहाज से भी यहां व्यापार उद्योग के साथ ही बड़ी परियोजनाओं की सौगात और केंद्रीय स्तर पर स्वास्थ्य व अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर में इजाफा हो.
  • पिछली बार की बजट के मुकाबले इस बार के बजट में सरकार केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालयों की संख्या बढ़ा सकती है. इसके अलावा हॉयर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन की संख्या बढ़ाने पर काम होने की उम्मीद है. बजट में छात्रों के लिए स्मार्ट क्लासेज की शुरुआत कर नई तकनीक से पढ़ाई पर जोर दिया जा सकता है.
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रायपुर- केंद्र में मोदी सरकार की दूसरी पारी लगाने के बाद अब पहला बजट पेश होने वाला है.. यह बजट इसलिए भी खास है कि वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण अपना पहला बजट 5 जुलाई शुक्रवार को पेश करेंगी। नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद यह उनका पहला बजट है। मोदी सरकार का यह बजट उनके पिछले पांच साल के कामों का ही विस्तार हो सकता है। दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आने के बाद बजट में कुछ साहसिक फैसले भी देखने को मिल सकते हैं। इस बजट को लेकर छत्तीसगढ़ में भी काफी उम्मीदे है.. Body:भारतीय जनता पार्टी ने जहां कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार लगातार गांव गरीब और किसान की चिंता कर रही है.. प्रधानमंत्री आवास योजना हो या उज्जवला योजना ये योजनाएं सभी वर्गों को ध्याम में रखकर बनाई गई है.. इसे इसलिए भी खास माना जा रहा है कि महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाले चुनावों से पहले आना वाला है। इस बार मोदी सरकार के बजट से क्या उम्मीदें कर सकते हैं ये भाजपा के 2019 के चुनावी घोषणापत्र से पता चल सकता है। चुनावों से पहले किये वादों में से ये छह मुद्दे बजट में भी देखने को मिल सकते हैं।

बाइट- शिवरतन शर्मा, वरिष्ठ विधायक भाजपा

वही प्रदेश के जाने माने अर्थशास्त्री डॉ हनुमंत यादव ने ईटीवी भारत से बजट को लेकर खास बातचीत की.. उन्होंने कहा कि वजट में मध्यम वर्गीय करदाताओं की आयकर सीमा को 3.5 लाख तक की जानी चाहिए.. युवाओं को अपेक्षा है कि उनको उम्दा रोजगार मिले उन्हे जाब सिक्योरिटी दिया जाना बेहद जरूरी है.. ये सबसे बड़ी चुनौती है कि रोजगार ना देना पूरे देश के सामने चिंता का विषय है.. महिला वित्त मंत्री से महिलाओं को काफी उम्मीदे है.. जीएसटी के आने से वित्त मंत्री के पास केवल प्रत्यक्ष कर ही है, नया कर लगने की संभावना कम है.. कार्पोरेट सेक्टर भी रियायत चाहता है.. जितनी योजनाएं है इसमें फूड सेक्योरिटी के साथ ही राइट टू इम्पालएमेंट जैसे चीजे ज्यादा जरूरी है.. अधिकांश योजनाएं पहले से चल रही है उसमें बजट आबंटन बढ़ेगा, जिससे वे और अच्छे से काम कर सके.. पीएम नरेंद्र मोदी चाहते है कि विदेशों से निवेश हो, लेकिन निवेश के साथ ही मेक इन इंडिया में नए उद्योगों से सकारात्मक परिणाम दिखाइ दे, जिससे यहां के युवाओं को फायदा मिल सके..

बाइट- डॉ हनुमंत यादव, अर्थशास्त्री, व प्रेसीडेंट छग इकानामिक्स एसोसिएशन

वही कांग्रेस सरकार के वरिष्ठ मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा है कि केंद्रीय बजट को लेकर नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई मांगें रखी है, जिनमें छत्तीसगढ़ के नक्सल मामलों को लेकर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है.. साथ ही प्रदेश के विकास और नरूवा गरूवा, घुरूवा बाड़ी को लेकर अपनी मांगे रखी है.. उम्मीद है इन केंद्र् सरकार राजनीतिक आधार पर नहीं बल्कि प्रदेश के विकास के लिए हमारी तमाम मांगों पर बजट में ध्यान रखेगी..

बाइट- रविंद्र चौबे, केबिनेट मंत्री, छग

Conclusion:कुल मिलाकर इस बार को लेकर देशभर की निगाहे टिकी हुई है.. जहां सभी वर्ग के लोगों को अपने अपने लिहाज से नजर बनाए हुए है..छत्तीसगढ़ के लिहाज से भी यहां व्यापार उद्योग के साथ ही बड़ी परियोजनाओं की सौगात और केंद्रीय स्तर पर स्वास्थ्य व अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर में इजाफा हो.. पिछली बार की बजट के मुकाबले इस बार के बजट में सरकार केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालयों की संख्या बढ़ा सकती है. इसके अलावा हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन की संख्या बढ़ाने पर काम होने की उम्मीतद है. बजट में छात्रों के लिए स्मार्ट क्लासेज की शुरुआत कर नई तकनीक से पढ़ाई पर जोर दिया जा सकता है.
पीटीसी-
मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुर
Last Updated : Jul 5, 2019, 8:51 AM IST
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