रायपुर: कोरोना की दूसरी लहर (corona second wave) ने हर क्षेत्र को प्रभावित किया है. कोरोना का असर परिवहन के साधनों पर भी पड़ा है. चाहे वह बस हो, ट्रेन हो या फ्लाइट. यात्री कम होने की वजह से कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा. वहीं हवाई उड़ानें भी काफी प्रभावित हुईं. बढ़ते कोरोना और लॉकडाउन की वजह से न के बराबर यात्री प्लेन में सफर कर रहे थे. वहीं अब धीरे-धीरे कोरोना का असर देश में कम होने लगा है. जिस वजह से लगभग सभी राज्यों में लॉकडाउन खोल दिया गया है. वहीं अब पहले के मुकाबले फ्लाइट्स की संख्या भी बढ़ाई गई है. यात्री भी पहले से ज्यादा सफर कर रहे हैं. मई के आखिरी हफ्ते में जहां 94 फ्लाइट संचालित होती थी. वहीं अब हर हफ्ते 152 फ्लाइट ऑपरेट हो रही है.
छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर के कारण फ्लाइट में यात्रियों की संख्या बहुत कम हो गई थी. इस वजह से जिन बड़े शहरों के लिए पहले रोजाना 7 से 8 फ्लाइट आती-जाती थी. उन शहरों में अप्रैल और मई महीने में एक से दो फ्लाइट ही संचालित हो रही थी, लेकिन अब स्थिति थोड़ी सुधरती हुई नजर आ रही है. अब मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, बेंगलुरु जैसे शहरों के लिए रोजाना 3 से 4 फ्लाइट ऑपरेट हो रही है. हालांकि कोरोना की पहली लहर के दौरान भोपाल, अहमदाबाद और गोवा की फ्लाइट को कैंसिल कर दिया गया था, जो अब तक शुरू नहीं हो पाई है. उसको भी जुलाई में शुरू करने की बात चल रही है. अभी पुणे, भोपाल के लिए नई फ्लाइट की बात चल रही है, क्योंकि वहां से आने जाने वाले यात्रियों की संख्या ज्यादा है.
छत्तीसगढ़ में बढ़ी फ्लाइट से यात्रा करने वालों की संख्या
फ्लाइट्स की संख्या में हुआ इजाफा
कोरोना संक्रमण कम होने के बाद छत्तीसगढ़ में अब हर हफ्ते उड़ान भरने वाली फ्लाइट्स की संख्या में इजाफा हुआ है. रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट (Swami Vivekananda Airport, Raipur) में पहले के मुकाबले फ्लाइट और यात्री बढ़े हैं. पिछले कुछ हफ्तों के आंकड़ों की बात की जाए तो.
सप्ताह | कुल फ्लाइट | कुल यात्री |
31 मई से 6 जून तक | 94 | 8255 |
7 जून से 13 जून तक | 114 | 10352 |
14 जून से 20 जून तक | 144 | 13033 |
21 जून से 27 जून तक | 152 | 15524 |
यात्रियों की संख्या को बढ़ते देख फ्लाइट बढ़ाई गई
व्यास ट्रेवल्स के संचालक कीर्ति व्यास ने बताया कि कोरोना कि जब सेकंड वेव आई थी, तब लगभग सभी राज्यों में धीरे-धीरे लॉकडाउन कर दिया गया था. उस कारण से फ्लाइट के पैसेंजर्स काफी कम हो गए थे. वहीं फ्लाइट भी कम कर दी गई थी. पहले जहां दिल्ली के लिए 6-7 फ्लाइट प्रतिदिन ऑपरेट होती थी, वहीं लॉकडाउन के दौरान 2 फ्लाइट संचालित हो रही थी. इधर मुंबई के लिए प्रतिदिन 4 फ्लाइट उड़ान भरा करती थी, लेकिन लॉकडाउन में एक ही फ्लाइट का संचालन किया जा रहा था. इसी तरह हैदराबाद के लिए 3 फ्लाइट उड़ान भरा करती थी, जो लॉकडाउन में 1 ही संचालित की जा रही थी. कीर्ति ब्यास ने बताया कि 1 जून के बाद स्थिति सामान्य होते जा रही है. सभी राज्य अनलॉक हो चुके हैं. कमर्शियल एक्टिविटीज भी बढ़ती जा रही है. टूरिस्ट भी बढ़ते चले जा रहे हैं. इस वजह से अभी दिल्ली के लिए 4 फ्लाइट संचालित हो रही है. वहीं मुंबई के लिए 3 फ्लाइट चल रही है. हैदराबाद के लिए भी 2 फ्लाइट संचालित हो रही है. बेंगलुरु और कोलकाता की फ्लाइट भी अब शुरू हो चुकी है. धीरे-धीरे फ्लाइट जो कम हो गई थी. वह बढ़ गई है और पैसेंजर्स भी बढ़ते जा रहे हैं.
छत्तीसगढ़ से बड़े शहरों के लिए डायरेक्ट फ्लाइट की बढ़ रही मांग
फ्लाइट में कोविड प्रोटोकॉल का किया जा रहा कड़ाई से पालन
यात्री सौरभ जैन ने बताया कि 'फ्लाइट और एयरपोर्ट पर कोविड प्रोटोकॉल का पूरा पालन किया जा रहा है. अभी मुझे वैक्सीन का पहला डोज लगा है. दिल्ली में फ्लाइट बुक करते समय RTPCR टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है, ऐसा मुझे बताया गया था. लेकिन जब रायपुर में पहुंचा तो एयरपोर्ट पर मेरा कोविड टेस्ट किया गया. दोनों तरीके से एयरपोर्ट पर जांच हुई. एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही मुझे एयरपोर्ट से बाहर जाने दिया गया. वहीं फ्लाइट में भी सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क वगैरह का ध्यान दिया गया.
अब भी टैक्सी ड्राइवरों की आर्थिक स्थिति जस की तस
टैक्सी ड्राइवर सूरज शर्मा ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर की वजह से रायपुर एयरपोर्ट पर न के बराबर यात्री सफर कर रहे थे. वहीं फ्लाइट्स की संख्या भी काफी कम कर दी गई थी. इस वजह से हम पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया था, जैसे तैसे हमने अपना घर चलाया. हालांकि अभी भी स्थिति ज्यादा सुधरी नहीं है. कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार कम होने से अब फ्लाइट पहले से ज्यादा चल रही है. वहीं यात्री भी ज्यादा सफर कर रहे हैं, लेकिन इतने यात्री सफर नहीं कर रहे हैं जिससे हमारा घर चल पाए. जब भी कोई फ्लाइट रायपुर एयरपोर्ट पर लैंड करती है हम सभी कैब ड्राइवर गेट के सामने खड़े हो जाते हैं, लेकिन गिनती के 20-30 यात्री ही एक फ्लाइट से उतरते हैं. पहले हम लोग रोजाना 700-800 रुपए कमा लेते थे. वहीं अब 200-300 रुपए भी कमाना मुश्किल हो रहा है. टैक्सी ड्राइवर सूरज शर्मा ने बताया कि यात्रियों को गाड़ी में बैठाने से पहले कोरोना गाइडलाइन का पूरा पालन किया जा रहा है. किसी भी पैसेंजर्स को उनके डेस्टिनेशन में छोड़ने के बाद गाड़ी को सैनिटाइज किया जाता है. उसके बाद ही वापस गाड़ी एयरपोर्ट लाते हैं.