ETV Bharat / state

Paapmochani Ekadashi 2023 : जानिए पापमोचनी एकादशी के दिन क्या ना करें - भगवान विष्णु

पापमोचनी एकादशी जैसा नाम से जाहिर है. यह समस्त पापों, विघ्नों, कष्टों और नकारात्मकता को हरने वाली एकादशी है. इस एकादशी में पाठ प्रार्थना जाप करने पर मनुष्य के कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं. शनिवार चैत्र कृष्ण पक्ष एकादशी श्रवण नक्षत्र, शिवयोग, बालव करण और स्थिर योग के शुभ मुहूर्त में मनाई जाएगी. Importance of Papmochani Ekadashi

Paapmochani Ekadashi 2023
पापमोचनी एकादशी में करें ये काम
author img

By

Published : Mar 13, 2023, 5:00 PM IST

पापमोचनी एकादशी के दिन क्या ना करें

रायपुर : इस शुभ दिन चार चार महत्वपूर्ण योग बन रहे हैं. द्विपुष्कर योग और सर्वार्थसिद्धि योग पूरे दिन भर प्रभाव रहेंगे. यह एकादशी वास्तव में समस्त कष्टों, विघ्नों और पापों का समूल नाश करने वाली है. आज के शुभ दिन भगवान विष्णु माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष अवसर है. आज के शुभ दिन स्नान आदि से निवृत होकर वस्त्र पहनकर और गले में पीले रंग के उत्तरी को धारण कर पूजा करने का विधान है.



दोपहर में सोना है वर्जित : ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "आज के दिन दोपहर में सोना वर्जित रहता है. इस दिन मंत्र जाप पूजा-पाठ ध्यान करना चाहिए. आज के शुभ दिन श्री हरि विष्णु की पूजा की जाती है. श्री हरि विष्णु को माता लक्ष्मी के साथ पीले वस्त्र में आसन दिया जाता है. इसके बाद शुद्ध जल से भगवान श्री विष्णु को स्नान कराया जाता है. गंगा नर्मदा गोदावरी जमुना सरस्वती आदि नदियों के शुद्ध जल से भगवान विष्णु का अभिषेक किया जाता है. "

पूजा में पीले रंग का करें इस्तेमाल : "पीले फूल समेत किसी भी रंग के फूलों से विष्णु का श्रृंगार करें. इसके बात रोली, चंदन, कुमकुम, बंदन, सिंदूर, गुलाल, गोपी चंदन, अष्ट चंदन, परिमल, अबीर आदि से लक्ष्मी नारायण भगवान की विधिवत पूजा करनी चाहिए. यह आराधना पूजन और प्रार्थना पूर्ण मनोयोग से करना चाहिए. इस पूजन में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए. स्नान करते समय शरीर के संपूर्ण अंगों के शोधन आवश्यक है. आज के शुभ दिन नवीन जनेऊ धारण किया जा सकता है. आज के शुभ दिन नवीन वस्त्रों के साथ एकादशी मनाई जाती है."



किस पाठ का करें जाप : ज्योतिष एवं वास्तु विद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "आज के दिन ऋतु फल नैवेद्य और विभिन्न पदार्थों के साथ श्री हरि विष्णु को भोग लगाकर पूजन किया जाता है. आज के शुभ दिन विष्णु सहस्त्रनाम, लक्ष्मी सहस्त्रनाम, विष्णु चालीसा, राम रक्षा स्तोत्र, हनुमान चालीसा, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण का पाठ करना बहुत ही शुभ माना गया है. पापमोचनी एकादशी व्रत करने पर कई गायों के दान के बराबर, कई पशुओं के दान के बराबर और कई हजार कन्यादान के बराबर पुण्य प्राप्त होता है. यह पितृ दोष आदि के लिए भी माना जाता है."

ये भी पढ़ें- पापमोचनी एकादशी का महत्व और कथा

पापमोचनी एकादशी के दिन क्या करने से बचें : पापमोचनी एकादशी के दिन तनाव दबाव अथवा मुकदमे बाजी चीजों से दूर रहना चाहिए. आज के पूरे दिन योग आसन व्यायाम ध्यान समाधि आदि का अभ्यास करना चाहिए.इस दिन किया गया ध्यान सफल रहता है. मनोकामनाएं पूर्ण होती है. शुद्ध अंतःकरण से भगवान श्री हरि विष्णु का ध्यान करने पर समस्त कामनाएं पूर्ण होती है. एकादशी सभी एकादशीयो में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है. सनातन वर्ष में यह अंतिम एकादशी होती है. आज के शुभ दिन यंत्र स्थापन, यंत्र कर्म आरंभ, रत्न धारण करने का भी शुभ मुहूर्त है. आज ही के शुभ दिन नवीन वस्त्र धारण करने के लिए भी श्रेष्ठ अवसर है."

पापमोचनी एकादशी के दिन क्या ना करें

रायपुर : इस शुभ दिन चार चार महत्वपूर्ण योग बन रहे हैं. द्विपुष्कर योग और सर्वार्थसिद्धि योग पूरे दिन भर प्रभाव रहेंगे. यह एकादशी वास्तव में समस्त कष्टों, विघ्नों और पापों का समूल नाश करने वाली है. आज के शुभ दिन भगवान विष्णु माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष अवसर है. आज के शुभ दिन स्नान आदि से निवृत होकर वस्त्र पहनकर और गले में पीले रंग के उत्तरी को धारण कर पूजा करने का विधान है.



दोपहर में सोना है वर्जित : ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "आज के दिन दोपहर में सोना वर्जित रहता है. इस दिन मंत्र जाप पूजा-पाठ ध्यान करना चाहिए. आज के शुभ दिन श्री हरि विष्णु की पूजा की जाती है. श्री हरि विष्णु को माता लक्ष्मी के साथ पीले वस्त्र में आसन दिया जाता है. इसके बाद शुद्ध जल से भगवान श्री विष्णु को स्नान कराया जाता है. गंगा नर्मदा गोदावरी जमुना सरस्वती आदि नदियों के शुद्ध जल से भगवान विष्णु का अभिषेक किया जाता है. "

पूजा में पीले रंग का करें इस्तेमाल : "पीले फूल समेत किसी भी रंग के फूलों से विष्णु का श्रृंगार करें. इसके बात रोली, चंदन, कुमकुम, बंदन, सिंदूर, गुलाल, गोपी चंदन, अष्ट चंदन, परिमल, अबीर आदि से लक्ष्मी नारायण भगवान की विधिवत पूजा करनी चाहिए. यह आराधना पूजन और प्रार्थना पूर्ण मनोयोग से करना चाहिए. इस पूजन में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए. स्नान करते समय शरीर के संपूर्ण अंगों के शोधन आवश्यक है. आज के शुभ दिन नवीन जनेऊ धारण किया जा सकता है. आज के शुभ दिन नवीन वस्त्रों के साथ एकादशी मनाई जाती है."



किस पाठ का करें जाप : ज्योतिष एवं वास्तु विद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "आज के दिन ऋतु फल नैवेद्य और विभिन्न पदार्थों के साथ श्री हरि विष्णु को भोग लगाकर पूजन किया जाता है. आज के शुभ दिन विष्णु सहस्त्रनाम, लक्ष्मी सहस्त्रनाम, विष्णु चालीसा, राम रक्षा स्तोत्र, हनुमान चालीसा, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण का पाठ करना बहुत ही शुभ माना गया है. पापमोचनी एकादशी व्रत करने पर कई गायों के दान के बराबर, कई पशुओं के दान के बराबर और कई हजार कन्यादान के बराबर पुण्य प्राप्त होता है. यह पितृ दोष आदि के लिए भी माना जाता है."

ये भी पढ़ें- पापमोचनी एकादशी का महत्व और कथा

पापमोचनी एकादशी के दिन क्या करने से बचें : पापमोचनी एकादशी के दिन तनाव दबाव अथवा मुकदमे बाजी चीजों से दूर रहना चाहिए. आज के पूरे दिन योग आसन व्यायाम ध्यान समाधि आदि का अभ्यास करना चाहिए.इस दिन किया गया ध्यान सफल रहता है. मनोकामनाएं पूर्ण होती है. शुद्ध अंतःकरण से भगवान श्री हरि विष्णु का ध्यान करने पर समस्त कामनाएं पूर्ण होती है. एकादशी सभी एकादशीयो में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है. सनातन वर्ष में यह अंतिम एकादशी होती है. आज के शुभ दिन यंत्र स्थापन, यंत्र कर्म आरंभ, रत्न धारण करने का भी शुभ मुहूर्त है. आज ही के शुभ दिन नवीन वस्त्र धारण करने के लिए भी श्रेष्ठ अवसर है."

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.