रायपुर : रविवार यानी 25 अक्टूबर को विजयादशमी का पर्व मनाया जाएगा. राजधानी के हर छोटे बड़े इलाकों में रावण दहन का आयोजन किया जाता है. इस बार कोरोना संकट के कारण रावण के पुतले बाजार में कम देखने को मिल रहे हैं. कोरोना गाइडलाइन के तहत 10 फीट तक के ही रावण के पुतले का दहन किया जा सकता है. हर साल की तुलना में इस साल विजयादशमी का यह पर्व फीका रहेगा.
विजयादशमी का यह पर्व अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था. देवी दुर्गा ने नवरात्रि और 10 दिन के युद्ध के बीच महिषासुर पर विजय प्राप्त किया था. इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है. इसलिए इसे विजयादशमी के नाम से जाना जाता है.
10 फीट तक के पुतले की ब्रिकी
राजधानी के अलग-अलग जगहों पर रावण के पुतले बनाए जा रहे हैं. कई जगहों पर पुतले तैयार कर लिए गए हैं. हर साल की तरह इस साल भी पुतले की ब्रिकी कम हो रही है. गाइडलाइन के तहत 10 फीट तक के रावण के पुतले बाजार में मिल रहे हैं
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रावण के पुतले की मांग में कमी
रावण का पुतला बनाने वाले कारीगरों का कहना है कि इस बार रावण के पुतले कोरोना की वजह से कम बनाए गए हैं. लोगों की डिमांड कम आ रही है. 1 फीट से लेकर 10 फीट तक के रावण के रंग-बिरंगे पुतले बाजार में उपलब्ध है. इन पुतलों की कीमत बाजार में 250 रुपये से लेकर 5000 रुपए तक है.
बाजार में पसरा सन्नाटा
राजधानी के आमापारा, बांसटाल, देवेंद्र नगर ओवर ब्रिज सहित राजधानी के कई जगहों पर रावण के रंग बिरंगे पुतले देखने को मिल रहे हैं. रावण के पुतले तैयार करने वाले परिवारों ने इसकी तैयारी लगभग डेढ़ महीने पहले शुरू कर दी थी. उनको भी इन पुतलों के लिए खरीदार का इंतजार हैं. रावण दहन रविवार को होगा, लेकिन अभी तक बाजार में सन्नाटा पसरा है.