रायपुर: 2 दिसंबर को बस्तर के छुई खदान से चूना पत्थर निकालने गांव के कई लोग गए. लगभग 9 से 10 लोग खदान के अंदर खुदाई कर रहे थे. इसी दौरान मिट्टी धसक गई और खदान में मौजूद लोग इसमें फंस गए. रेस्क्यू में 3 घंटे से ज्यादा का समय लग गया. मौके पर पहुंची पुलिस और SDRF की टीम ने मलबे में दबे 9 लोगों को 3 घंटे की रेस्क्यू ऑपरेशन कर बाहर निकाला. किन इस घटना में 6 लोगों की मौत हो गई और 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. NGT investigate limestone mine collapse
15 बच्चे हो गए अनाथ: हादसे के बाद गांव में सन्नाटा पसर गया. एक ही परिवार की दो महिलाओं की मौत हो गई. अन्य लोगों के परिवार में छोटे बच्चे मौजूद थे. इन परिवारों में मौजूद लगभग 15 बच्चों के सिर से मां बाप का साया उठ गया है. दर्दनाक हादसे के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मृतकों के परिवार वालों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की . तीनों घायलों का बेहतर उपचार करने का निर्देश भी दिया था.limestone mine collapse in Bastar
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अंतिम संस्कार में बनी विवाद की स्थिति: छुई खदान हादसे में जान गंवा चुके ग्रामीणों के अंतिम संस्कार में विवाद की स्थिति बन गई थी. 5 ग्रामीणों का अंतिम संस्कार कर दिया गया लेकिन एक ग्रामीण के अंतिम संस्कार में विवाद की स्थिति बन गई थी. ईसाई समाज का होने की वजह से ग्रामीणों ने उसका अंतिम संस्कार गांव में नहीं करने दिया. बाद में प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद उसके शव को दफनाया गया.
हादसे पर सियासत: बस्तर के पूर्व सांसद दिनेश कश्यप ने कहा था कि "बस्तर के सांसद और विधायक को इस दुःख की घड़ी में साथ होना चाहिए. जब पूर्व सांसद घटना की जानकारी लगने के बाद आ सकते हैं तो बस्तर की जनता ने जिसे चुना है वो भी आ सकते हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री को मुआवजा राशि 4 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करना चाहिए.''