रायपुर: आगामी 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती है. इस अवसर पर देश सहित प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. लेकिन ये दिन छत्तीसगढ़ के लिए खास दिन होग. इस दिन विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. खास बात ये है कि इस दिन के लिए ड्रेस कोड निर्धारित किया गया है.
विधानसभा सत्र के लिए एक ड्रेस कोड जारी किया गया है. यह ड्रेस कोड विधानसभा अध्यक्ष की ओर से सभी की सहमति के बाद जारी किया गया है. इसके तहत सभी को तय पोशाक पहनकर ही सदन पहुंचना होगा. विधानसभा अध्यक्ष हों, मंत्री हों या विधायक सब तय पोशाक में ही सत्र में शामिल होंगे.
- विधानसभा अध्यक्ष द्वारा तय ड्रेस कोड के अनुसार विधायकों की पोशाक तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री मंत्री सहित विधायक एक के बाद एक पोशाक सिलवाने के लिए नाप देने टेलर के पास पहुंच रहे हैं.
- इसी कड़ी में संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे भी टेलर के पास नाप देने पहुंचे. जहां टेलर ने मंत्री के कुर्ता पजामा और जैकेट का नाप लिया.
- इस दौरान मंत्री रविंद्र चौबे ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि विधानसभा सत्र के लिए एक ड्रेस कोड रखा गया था. मंत्री ने कहा कि हमने सोचा था कि उस दिन हम सभी इस पोशाक में विधानसभा आएंगे.
- मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि पहले ये कोशिश थी कि इसकी जानकारी किसी को न लगे लेकिन मीडिया को पता लग गया.
- चौबे ने कहा कि इस ड्रेस कोड का मुख्य उद्देश्य ग्राम स्वराज को आगे बढ़ाना क्योंकि खादी से आज हजारों लोग जीवन यापन कर रहे हैं. यही वजह है कि विधानसभा अध्यक्ष ने इस ड्रेस कोड को जारी किया है.
- रविन्द्र चौबे के पहले रायपुर पश्चिम के कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय ने भी टेलर के यहां अपने कुर्ता पजामा और जैकेट का नाप दिया. इस दौरान उन्हें बताया कि देश में कोई भी विधानसभा अध्यक्ष ऐसा नहीं होगा जिसने इस तरह की पहल की हो.
- दुकान के संचालक सुखदेव देवांगन ने बताया कि सत्र के लिए कुर्ता पजामा और जैकेट ड्रेस कोड है इसके लिए कपड़ा हैंडलूम का है, जिसमें खादी का पैजामा और कोसा का कुर्ता, जैकेट शामिल है.
बीजेपी विधायक भी सिलवा रहे हैं कपड़े
सुखदेव ने बताया कि अब तक करीब 65 लोगों ने अपना नाप दे दिया है जिसमें बीजेपी के विधायक भी शामिल हैं. इस पोशाक के लिए सबसे पहले नाप मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा दिया गया. बाद में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह सहित अन्य मंत्री और विधायकों ने अपनी पोशाक के लिए नाप दी है. सुखदेव को यह सभी के कपड़े 20 सितंबर तक दे देने हैं.
सिल्क की साड़ी पहनकर आएंगी महिलाएं
बता दें कि विधानसभा के इस सत्र के लिए जहां एक ओर पुरुष विधायक के लिए कुर्ता पजामा और जैकेट ड्रेस कोड रखा गया है वहीं महिला विधायकों के लिए सिल्क साड़ी ड्रेस कोड है जिसे पहन कर वह विधानसभा के विशेष सत्र में उपस्थित होंगी
इस तरह की अनोखी पहल से कहीं न कहीं प्रदेश में हैंडलूम उद्योग को बढ़ावा देने की भूपेश सरकार की कोशिश है. ऐसे में यह देखना होगा कि यह कोशिश हैंडलूम उद्योग को बढ़ावा देने में कितनी कारगर साबित होती है.
इस सत्र के दौरान महात्मा गांधी के व्यक्तित्व और उनके कार्यों पर चर्चा होगी सत्र का समापन 3 अक्टूबर को होगा.