रायपुर: दक्षिण बस्तर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कोबरा कमांडो और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई. जिसके बाद बुधवार की रात नक्सलियों द्वारा कथित रूप से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति सोशल मीडिया पर प्रसारित होने लगी.
हेलिकॉप्टर पर नक्सलियों ने किया था हमला: सीआरपीएफ ने बुधवार को कहा था कि "उसके एलीट कोबरा कमांडो का एक दल हेलिकॉप्टर से सुकमा और बीजापुर जिलों की सीमा से सटे जंगलों में उतर रहा था. तभी नक्सलियों ने उन पर गोलियां चला दीं और मुठभेड़ शुरू हो गया. नक्सलियों के पक्ष के हताहतों के बारे में जानकारी जुटाने के प्रयास के दौरान कोई कमांडो घायल नहीं हुआ था."
नक्सलियों ने बयान जारी कर लगाए आरोप: नक्सलियों की 'साउथ बस्तर डिवीजन कमेटी' के सचिव गंगा के नाम से बयान जारी किया गया. एक पन्ने के बयान में दावा किया गया है कि छत्तीसगढ़ और तेलंगाना पुलिस की संयुक्त टीम ने ड्रोन और हेलीकॉप्टर से पामेड, मडकांगुडा, मेटागुडा, सकिलेर, कन्नेमरका, रासपल्ली और अन्य गांवों में पहाड़ियों जंगलों को निशाना बनाकर गोलाबारी की गई. बयान में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया बयान का भी जिक्र किया गया है. जिसमें 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले नक्सली खतरे को खत्म करने की कोशिश करने करने का आरोप लगाया है.
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"आबादी को गुमराह करने कोशिश कर रहे नक्सली": बस्तर पुलिस ने गुरुवार को कहा कि "वह प्रेस विज्ञप्ति की पुष्टि कर रही है. पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज सुंदरराज पी ने कहा "हम प्रेस विज्ञप्ति की प्रामाणिकता के साथ साथ इसमें उल्लिखित तथ्यों की पुष्टि कर रहे हैं." उन्होंने कहा कि "यह नक्सलियों द्वारा आबादी को गुमराह करने और अपनी खोई हुई जमीन को ढुंढने और कैडरों के मनोबल को हिलाने का एक और प्रयास है."
लोगों की भलाई और सुरक्षा ही हमारी नीति: बस्तर पुलिस की ओर से गुरुवार को आईजी ने "बस्तर में तैनात राज्य पुलिस और सुरक्षा बल प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन की मंशा और कृत्य को समाप्त करने के लिए प्रयास कर रही हैं. साथ ही हमारी योजना और कार्रवाई के केंद्र के रूप में हमारे लोगों की भलाई और सुरक्षा को बनाए रखने की हमारी नीति में कोई समझौता नहीं है.