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हमर 19 बछर: कई बार छलनी हुआ 'छत्तीसगढ़ महतारी' का कलेजा, नक्सलवाद ने ली सैकड़ों 'बेटों' की बलि

छत्तीसगढ़ पिछले 19 साल से नक्सलवाद की समस्या को ढोते आ रहा है, पिछले कुछ वर्षों में छत्तीसगढ़ की उत्तरी इलाका सरगुजा को नक्सलवाद की चपेट से बाहर निकला गया, लेकिन बस्तर आज भी उसकी चपेट में है.

नक्सलवाद ने ली सैकड़ों 'बेटों' की बलि
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Published : Nov 1, 2019, 12:47 AM IST

Updated : Nov 1, 2019, 4:23 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ ने अपने 19 साल के सफर में जितने जख्म झेले हैं उतना शायद ही किसी राज्य को झेलना पड़ा हो. देश के मध्य में स्थित इस राज्य का एक बड़ा भू भाग नक्सलवाद की चपेट में है. छत्तीसगढ़ को नक्सल समस्या विरासत में मिली थी, लेकिन राज्य के निर्माण के बाद इसकी लपट दिन ब दिन बढ़ती चली गई. 2000 से 2019 तक छत्तीसगढ़ ने कई बड़े नक्सली हमले झेले हैं.

नक्सलवाद ने ली सैकड़ों 'बेटों' की बलि

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक 'लाल आतंक' की ओर से किए गए इन कायराना हमलों में 4094 लोगों की मौत हुई है, जिसमें से सबसे ज्यादा आम आदमी शामिल हैं. इन 19 साल में छत्तीसगढ़ का उत्तरीय इलाका सरगुजा जहां नक्सलवाद की चपेट से बाहर निकल गया. वहीं दक्षिण में अभी भी हालात गंभीर बने हुए हैं.

कई बड़े नक्सली हमले छत्तीसगढ़ ने झेले
साल 2005 में दक्षिण बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ सलवाजुडूम नाम से आंदोलन खड़ा हुआ. इसकी अगुवाई बस्तर टाइगर के नाम के मशहूर महेन्द्र कर्मा कर रहे थे. हालाकिं उनकी पार्टी कांग्रेस इस आंदोलन से दूर रही, लेकिन वे इसके अगुआ बने रहे. छत्तीसगढ़ की तत्कालीन रमन सरकार भी इस आंदोलन को समर्थन दे रही थी. इसी दौरान प्रदेश में नक्सली हमला तेज हो जाता है. इस तरह हजारों लोगों की जान नक्सली हिंसा में जा चुकी है. इस दौरान कई बड़े हमले हमारे जवानों ने झेले हैं.

प्रदेश के 18 जिलों में नक्सल गतिविधियां सक्रिय हैं-

  • दंतेवाड़ा, कांकेर, बस्तर, बीजापुर, नारायणपुर में नक्सल एक्टीविटी.
  • राजनांदगांव,सरगुजा, जशपुर, कोरिया और धमतरी नक्सल प्रभावित.
  • महासमुंद, बालोद, कबीरधाम, रायगढ़ और बलौदाबाजार नक्सल प्रभावित.
  • गरियाबंद, सूरजपुर और बलरामपुर में नक्सली गतिविधियां ज्यादा हैं.

जबकि केंद्र की सूची में 14 जिले नक्सल प्रभावित हैं-

  • बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, जशपुर, और कांकेर नक्सल प्रभावित.
  • कोरिया, नारायणपुर, राजनांदगांव, धमतरी और गरियाबंद नक्सल प्रभावित
  • बालोद, सुकमा, कोंडागांव और बलरामपुर नक्सल प्रभावित हैं.

ये हैं छत्तीसगढ़ में अब तक हुए बड़े नक्सली हमले-

  • 28 फरवरी 2006 को नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ के एर्राबोर गांव में लैंडमाइन ब्लास्ट किया, जिसमें 25 लोगों की जान गई थी.
  • 16 जुलाई 2006 को नक्सलियों ने दंतेवाड़ा जिले में एक राहत शिविर पर हमला किया था, जहां कई ग्रामीणों का अपहरण कर लिया गया था. इस हमले में 29 लोगों की जान गई थी.
  • 15 मार्च साल 2007 में नक्सलियों ने फिर बड़ा हमला किया. बस्तर क्षेत्र में पुलिस बेस कैंप पर करीब 350 की संख्या में नक्सलियों ने हमला किया. 15 मार्च 2007 को बीजापुर में 55 जवान शहीद हुए. इस हमले में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (CAF) के 15 जवान शहीद हुए थे, 9 सलवा जुडूम के आदिवासी युवक थे, जिन्हें विशेष पुलिस अधिकारी (SPO) के रूप में नामित किया गया था. 11 लोग घायल भी हुए थे. इस अटैक में हथियारों से लैस 100 नक्सली शामिल थे.
  • 12 जुलाई 2009 को मदनवाडा राजनांदगांव में एसपी समेत 29 जवान शहीद.
  • 6 अप्रैल 2010, ये दिन कोई नहीं भूल सकता है. इस दिन नक्सलियों ने दंतेवाड़ा के ताड़मेटला में एक के बाद एक ब्लास्ट किए. इस हमले में हमने 76 जवानों को खो दिया था. इसमें 75 अर्धसैनिक बल के जवान और राज्य पुलिस का एक सिपाही शहीद हुआ था.
  • 8 मई 2010 छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने पुलिस की एक गाड़ी को उड़ा दिया था, जिसमें भारतीय अर्धसैनिक बल के 8 जवान शहीद हुए थे.
  • 29 जून 2010 नारायणपुर में 26 जवान शहीद.
  • 25 मई, साल 2013 ये दिन हमेशा याद रखा जाएगा. नक्सलियों ने इस दिन खूनी खेल खेलते हुए दरभा की झीरम घाटी में बहुत बड़ा हमला किया. नक्सलियों के इस हमले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस का पूरा शीर्ष नेतृत्व खत्म हो गया था. प्रदेश कांग्रेस के 25 नेताओं की मौत हुई थी. इस हमले में विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा, नंदकुमार पटेल जैसे बड़े नेताओं को कांग्रेस ने खोया था.
  • 28 फरवरी 2014 को नक्सल हमले में एक SHO समेत 6 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे.
  • 11 मार्च 2014 को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में झीरम घाटी के घने जंगलों में नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया था. इसमें सीआरपीएफ के 11 जवान और 4 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे. एक नागरिक की भी मौत हुई थी.
  • 1 मार्च 2017 नक्सलियों के हमले में अर्धसैनिक बल के 11 कमांडो शहीद हुए थे, 3 पुलिसकर्मी घायल हुए थे.
  • 22 मार्च 2017 को दंतेवाड़ा जिले में सुरक्षा बलों के साथ गोलीबारी में नक्सली मारे गए थे.
  • 24 अप्रैल 2017 को सुकमा जिले में (CRPF) के अधिकारी सड़क निर्माण करने वालों की रखवाली कर रहे थे. इस दौरान नक्सलियों ने अफसरों पर अटैक कर दिया. इस हमले में (CRPF) के 25 जवान शहीद हो गए और 7 घायल हुए थे. ये उस साल का सबसे बड़ा हमला था.
  • 27 अप्रैल 2018 को सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में 7 नक्सली मारे गए.
  • 27 अक्टूबर 2018 में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 4 जवान शहीद हुए थे.
  • 30 अक्टूबर 2018 को दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमेल में दूरदर्शन के कैमरामैन की मौत हुई और 2 जवान शहीद हुए थे.
  • 9 अप्रैल को नक्सलियों भाजपा विधायक भीमा मंडावी को निशाना बनाया. इस हमले में उनकी जान चली गई.
  • 4 अगस्त 2019 को मुठभेड़ में 7 नक्सली मारे गए. इसमें 5 महिलाएं और 2 पुरुष शामिल थे.

रायपुर: छत्तीसगढ़ ने अपने 19 साल के सफर में जितने जख्म झेले हैं उतना शायद ही किसी राज्य को झेलना पड़ा हो. देश के मध्य में स्थित इस राज्य का एक बड़ा भू भाग नक्सलवाद की चपेट में है. छत्तीसगढ़ को नक्सल समस्या विरासत में मिली थी, लेकिन राज्य के निर्माण के बाद इसकी लपट दिन ब दिन बढ़ती चली गई. 2000 से 2019 तक छत्तीसगढ़ ने कई बड़े नक्सली हमले झेले हैं.

नक्सलवाद ने ली सैकड़ों 'बेटों' की बलि

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक 'लाल आतंक' की ओर से किए गए इन कायराना हमलों में 4094 लोगों की मौत हुई है, जिसमें से सबसे ज्यादा आम आदमी शामिल हैं. इन 19 साल में छत्तीसगढ़ का उत्तरीय इलाका सरगुजा जहां नक्सलवाद की चपेट से बाहर निकल गया. वहीं दक्षिण में अभी भी हालात गंभीर बने हुए हैं.

कई बड़े नक्सली हमले छत्तीसगढ़ ने झेले
साल 2005 में दक्षिण बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ सलवाजुडूम नाम से आंदोलन खड़ा हुआ. इसकी अगुवाई बस्तर टाइगर के नाम के मशहूर महेन्द्र कर्मा कर रहे थे. हालाकिं उनकी पार्टी कांग्रेस इस आंदोलन से दूर रही, लेकिन वे इसके अगुआ बने रहे. छत्तीसगढ़ की तत्कालीन रमन सरकार भी इस आंदोलन को समर्थन दे रही थी. इसी दौरान प्रदेश में नक्सली हमला तेज हो जाता है. इस तरह हजारों लोगों की जान नक्सली हिंसा में जा चुकी है. इस दौरान कई बड़े हमले हमारे जवानों ने झेले हैं.

प्रदेश के 18 जिलों में नक्सल गतिविधियां सक्रिय हैं-

  • दंतेवाड़ा, कांकेर, बस्तर, बीजापुर, नारायणपुर में नक्सल एक्टीविटी.
  • राजनांदगांव,सरगुजा, जशपुर, कोरिया और धमतरी नक्सल प्रभावित.
  • महासमुंद, बालोद, कबीरधाम, रायगढ़ और बलौदाबाजार नक्सल प्रभावित.
  • गरियाबंद, सूरजपुर और बलरामपुर में नक्सली गतिविधियां ज्यादा हैं.

जबकि केंद्र की सूची में 14 जिले नक्सल प्रभावित हैं-

  • बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, जशपुर, और कांकेर नक्सल प्रभावित.
  • कोरिया, नारायणपुर, राजनांदगांव, धमतरी और गरियाबंद नक्सल प्रभावित
  • बालोद, सुकमा, कोंडागांव और बलरामपुर नक्सल प्रभावित हैं.

ये हैं छत्तीसगढ़ में अब तक हुए बड़े नक्सली हमले-

  • 28 फरवरी 2006 को नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ के एर्राबोर गांव में लैंडमाइन ब्लास्ट किया, जिसमें 25 लोगों की जान गई थी.
  • 16 जुलाई 2006 को नक्सलियों ने दंतेवाड़ा जिले में एक राहत शिविर पर हमला किया था, जहां कई ग्रामीणों का अपहरण कर लिया गया था. इस हमले में 29 लोगों की जान गई थी.
  • 15 मार्च साल 2007 में नक्सलियों ने फिर बड़ा हमला किया. बस्तर क्षेत्र में पुलिस बेस कैंप पर करीब 350 की संख्या में नक्सलियों ने हमला किया. 15 मार्च 2007 को बीजापुर में 55 जवान शहीद हुए. इस हमले में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (CAF) के 15 जवान शहीद हुए थे, 9 सलवा जुडूम के आदिवासी युवक थे, जिन्हें विशेष पुलिस अधिकारी (SPO) के रूप में नामित किया गया था. 11 लोग घायल भी हुए थे. इस अटैक में हथियारों से लैस 100 नक्सली शामिल थे.
  • 12 जुलाई 2009 को मदनवाडा राजनांदगांव में एसपी समेत 29 जवान शहीद.
  • 6 अप्रैल 2010, ये दिन कोई नहीं भूल सकता है. इस दिन नक्सलियों ने दंतेवाड़ा के ताड़मेटला में एक के बाद एक ब्लास्ट किए. इस हमले में हमने 76 जवानों को खो दिया था. इसमें 75 अर्धसैनिक बल के जवान और राज्य पुलिस का एक सिपाही शहीद हुआ था.
  • 8 मई 2010 छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने पुलिस की एक गाड़ी को उड़ा दिया था, जिसमें भारतीय अर्धसैनिक बल के 8 जवान शहीद हुए थे.
  • 29 जून 2010 नारायणपुर में 26 जवान शहीद.
  • 25 मई, साल 2013 ये दिन हमेशा याद रखा जाएगा. नक्सलियों ने इस दिन खूनी खेल खेलते हुए दरभा की झीरम घाटी में बहुत बड़ा हमला किया. नक्सलियों के इस हमले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस का पूरा शीर्ष नेतृत्व खत्म हो गया था. प्रदेश कांग्रेस के 25 नेताओं की मौत हुई थी. इस हमले में विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा, नंदकुमार पटेल जैसे बड़े नेताओं को कांग्रेस ने खोया था.
  • 28 फरवरी 2014 को नक्सल हमले में एक SHO समेत 6 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे.
  • 11 मार्च 2014 को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में झीरम घाटी के घने जंगलों में नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया था. इसमें सीआरपीएफ के 11 जवान और 4 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे. एक नागरिक की भी मौत हुई थी.
  • 1 मार्च 2017 नक्सलियों के हमले में अर्धसैनिक बल के 11 कमांडो शहीद हुए थे, 3 पुलिसकर्मी घायल हुए थे.
  • 22 मार्च 2017 को दंतेवाड़ा जिले में सुरक्षा बलों के साथ गोलीबारी में नक्सली मारे गए थे.
  • 24 अप्रैल 2017 को सुकमा जिले में (CRPF) के अधिकारी सड़क निर्माण करने वालों की रखवाली कर रहे थे. इस दौरान नक्सलियों ने अफसरों पर अटैक कर दिया. इस हमले में (CRPF) के 25 जवान शहीद हो गए और 7 घायल हुए थे. ये उस साल का सबसे बड़ा हमला था.
  • 27 अप्रैल 2018 को सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में 7 नक्सली मारे गए.
  • 27 अक्टूबर 2018 में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 4 जवान शहीद हुए थे.
  • 30 अक्टूबर 2018 को दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमेल में दूरदर्शन के कैमरामैन की मौत हुई और 2 जवान शहीद हुए थे.
  • 9 अप्रैल को नक्सलियों भाजपा विधायक भीमा मंडावी को निशाना बनाया. इस हमले में उनकी जान चली गई.
  • 4 अगस्त 2019 को मुठभेड़ में 7 नक्सली मारे गए. इसमें 5 महिलाएं और 2 पुरुष शामिल थे.
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Last Updated : Nov 1, 2019, 4:23 PM IST
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