रायपुर : नवरात्रि पर्व को लेकर रायपुर कलेक्टर (Raipur Collector Dr Sarveshwar narendra Bhure ) ने गाइडलाइन जारी की ( Navratri 2022 ) है. इस बार नवरात्रि पर्व पर मूर्ति स्थापना करने वाले आयोजकों को नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा .सभी समितियों के प्रमुखों को निर्देशित किया गया है कि मूर्ति स्थापना किये जाने वाले पंडाल में सी.सी.टी.वी. अनिवार्य रूप से लगाना होगा. इंंसके साथ ही रात 10 बजे के बाद डी.जे.धुमाल एवं तीव्र ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग किये जाने पर कानूनी कार्रवाई की (Navratri guidelines issued in Chhattisgarh ) जाएगी.
अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी एनआर साहू ने बताया कि ''सभी समितियों को यह भी निर्देशित किया गया है कि असामाजिक तत्वों अथवा अस्त्र शस्त्र का प्रयोग करने वाले व्यक्तियों की सूचना तत्काल संबंधित थानों में दिया. मूर्ति स्थापना और आयोजन समितियां को आयोजन से पहले अपने पदाधिकारियों का नाम, मोबाईल नंबर सहित संबंधित थाना में देने के साथ ही यदि बडे कार्यक्रम (जैसे- जगराता, रास गरबा आदि) का आयोजन किया जा रहा है तो संबंधित थाना में सूचना देते हुए अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी रायपुर के कार्यालय से अनिवार्य रूप से अनुमति प्राप्त करेंगे. जिला प्रशासन ने सभी आयोजकों को निर्देशित किया है कि यातायात बाधित ना हो इसलिए शहर के सडको पर पंडाल नही लगाएंगे .पंडाल में विद्युत व्यवस्था सही ढंग से करने हेतु निर्देशित किया गया है.''
नवरात्रि आयोजन के दौरान रात 10:00 बजे के बाद किसी भी प्रकार से डीजे धुमाल और तेज ध्वनि वाले विस्तारक यंत्रों के उपयोग होने पर रोक लगाया गया है. जिला प्रशासन ने सभी आयोजकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि रात 10:00 बजे के बाद किसी भी प्रकार से ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.नवरात्रि को लेकर जारी किए गए गाइडलाइन के अनुसार नवरात्रि के दौरान बड़े आयोजन जगराता,गरबा जैसे आयोजनों के लिए एडीएम से अनुमति लेना अनिवार्य होगा. अनुमति के बगैर आयोजन करने पर समितियों के पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी. जिला प्रशासन ने निर्देश दिए हैं कि मूर्ति स्थापना किए जाने वाले पंडाल में सीसीटीवी कैमरा अनिवार्य रूप से लगाया जाए ताकि आने जाने वाले लोगों की जानकारी हो.
मूर्ति विसर्जन 5 अक्टूबर से 6 अक्टूबर तक करने के निर्देश : जिला प्रशासन ने सभी समितियों को निर्देश दिए हैं कि '' मूर्ति का विसर्जन 5 अक्टूबर से 6 अक्टूबर तक किया जाए. अगर तय समय से अधिक समय पर मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है. तो ऐसे समितियों पर कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही आयोजन कर्ता समितियां अपने पदाधिकारियों के नाम और मोबाइल नंबर थाने में देना अनिवार्य होगा.''