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Navratri 2021:अबकी डोली पर सवार हो आएंगी मां दुर्गा और गजवाहन पर होंगी विदा

शारदीय नवरात्र(Shardiya navratra) का एक अलग ही महत्व है. इसमें मां के भक्त मां की आराधना (Maa ki aaradhna)में नौ दिनों (nine days)तक पूजा-अर्चना (pooja- archna)के साथ-साथ उपवास (Fasting)रखते हैं. इस दौरान व्रत धारण करने वाले फलाहार (Falahar)पर ही नौ दिन बीता देते हैं. इसमें मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के साथ मां के नौ रूपों(nine forms) के पूजा का भी विधान है.

navratra 2021
अबकी डोली पर आयेंगी मां दुर्गा
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Published : Sep 22, 2021, 10:26 AM IST

Updated : Oct 5, 2021, 7:09 AM IST

रायपुरः शारदीय नवरात्र(Shardiya navratra) का एक अलग ही महत्व है. इसमें मां के भक्त मां की आराधना (Maa ki aaradhna)में नौ दिनों (nine days)तक पूजा-अर्चना (pooja archna)के साथ-साथ उपवास (Fasting)रखते हैं. इस दौरान व्रत धारण करने वाले फलाहार (Falahar)पर ही नौ दिन बीता देते हैं. इसमें मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के साथ मां के नौ रूपों(nine forms) के पूजा का भी विधान है.

Pitru Paksha 2021: पितृ दोष से बचने के लिए श्राद्ध पक्ष में इन बातों का रखें ध्यान, न करें ये काम

इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रुपों की आराधना(aradhna) की जाती है. कई लोग सिद्धि प्राप्ति (siddhi prapti)के लिए भी इन नौ दिनों में भव्य होम और पूजा करते हैं. तो कई लोग शारदीय नवरात्र में गुप्त पूजा (gupt pooja) करके भी मां को प्रसन्न करते हैं. इन नौ दिनों में मांस भक्षण के साथ-साथ प्याज लहसुन खाना भी वर्जित होता है.

डोली पर सवार होकर आ रही मां दुर्गा

वहीं, इस बार मां दुर्गा डोली पर सवार होकर आ रही हैं. ऐसा माना जा रहा है कि इस बार मां का आना शुभ नहीं है. डोल पर आने से इस बार मानव व पशुओं में बीमारियों का खतरा अधिक हो सकता है. वहीं, अगर राजनीतिक मामलों में बात करें तो माता के डोली में आगमन से सत्ता में बड़ा उथल-पुथल देखने को मिल सकता है. कई दिग्गज नेताओं की सत्ता जा सकती है.

शशि सूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।

गुरौ शुक्रे च डोलायां बुधे नौका प्रकीर्त्तिता।

गजे च जलदा देवी छत्र भंगस्तुरंगमे।

नौकायां सर्वसिद्धि स्यात डोलायां मरण ध्रुवम्।

हाथी पर सवार हो मां होंगी विदा

वहीं, इस बार मां हाथी पर सवार होकर विदा हो रही हैं. जिसका अर्थ होता है वर्षा, बाढ़, बारिश. यानी कि मां के हाथी पर विदा होने से वर्षा होगी. इसमें कहीं-कहीं काफी ज्यादा बारिश होने की संभावना है. हो सकता है कि कहीं बाढ़ भी आ जाए.

रोग से बचाव के लिए करें ये जप

इस बार माता का आना शुभ फल की ओर संकेत नहीं दे रहा है. ऐसे में रोग, परेशानियों से मुक्ति के लिए नवरात्रि में श्रद्धा भाव से माता की उपासना करें और नियमित कवच, कीलक और अर्गला स्तोत्र का पाठ करके जितना हो सके –रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान् । त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।। का जाप करें.

रायपुरः शारदीय नवरात्र(Shardiya navratra) का एक अलग ही महत्व है. इसमें मां के भक्त मां की आराधना (Maa ki aaradhna)में नौ दिनों (nine days)तक पूजा-अर्चना (pooja archna)के साथ-साथ उपवास (Fasting)रखते हैं. इस दौरान व्रत धारण करने वाले फलाहार (Falahar)पर ही नौ दिन बीता देते हैं. इसमें मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के साथ मां के नौ रूपों(nine forms) के पूजा का भी विधान है.

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इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रुपों की आराधना(aradhna) की जाती है. कई लोग सिद्धि प्राप्ति (siddhi prapti)के लिए भी इन नौ दिनों में भव्य होम और पूजा करते हैं. तो कई लोग शारदीय नवरात्र में गुप्त पूजा (gupt pooja) करके भी मां को प्रसन्न करते हैं. इन नौ दिनों में मांस भक्षण के साथ-साथ प्याज लहसुन खाना भी वर्जित होता है.

डोली पर सवार होकर आ रही मां दुर्गा

वहीं, इस बार मां दुर्गा डोली पर सवार होकर आ रही हैं. ऐसा माना जा रहा है कि इस बार मां का आना शुभ नहीं है. डोल पर आने से इस बार मानव व पशुओं में बीमारियों का खतरा अधिक हो सकता है. वहीं, अगर राजनीतिक मामलों में बात करें तो माता के डोली में आगमन से सत्ता में बड़ा उथल-पुथल देखने को मिल सकता है. कई दिग्गज नेताओं की सत्ता जा सकती है.

शशि सूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।

गुरौ शुक्रे च डोलायां बुधे नौका प्रकीर्त्तिता।

गजे च जलदा देवी छत्र भंगस्तुरंगमे।

नौकायां सर्वसिद्धि स्यात डोलायां मरण ध्रुवम्।

हाथी पर सवार हो मां होंगी विदा

वहीं, इस बार मां हाथी पर सवार होकर विदा हो रही हैं. जिसका अर्थ होता है वर्षा, बाढ़, बारिश. यानी कि मां के हाथी पर विदा होने से वर्षा होगी. इसमें कहीं-कहीं काफी ज्यादा बारिश होने की संभावना है. हो सकता है कि कहीं बाढ़ भी आ जाए.

रोग से बचाव के लिए करें ये जप

इस बार माता का आना शुभ फल की ओर संकेत नहीं दे रहा है. ऐसे में रोग, परेशानियों से मुक्ति के लिए नवरात्रि में श्रद्धा भाव से माता की उपासना करें और नियमित कवच, कीलक और अर्गला स्तोत्र का पाठ करके जितना हो सके –रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान् । त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।। का जाप करें.

Last Updated : Oct 5, 2021, 7:09 AM IST
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