रायपुर: राजधानी के रविशंकर विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में "गांधी और आधुनिक भारत" विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के शुभारंभ किया गया. सेमिनार का आयोजन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के अवसर पर पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने मिलकर किया है. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ कई बड़ी हस्तियां और गणमान्य नागरिक शामिल हुए.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के व्यक्तित्व, कृतित्व और उनके छत्तीसगढ़ दौरे पर केंद्रित छाया चित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ भी किया.
गांधी जी के कर्मों और सिद्धांतों पर डाला प्रकाश
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, 'छत्तीसगढ़ सरकार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बताए सिद्धांतों पर चल रही है. उन्होंने कहा कि, 'गांधी जी ने हमेशा देशहित को सर्वोपरि रखा और देश को भावनात्मक रूप से जोड़ने का अतुलनीय काम किया.
- मुख्यमंत्री ने कहा कि, 'गांधी जी ने गांव, गरीब और समाज के कमजोर और वंचित तबकों को सबल बनाने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में जीवन भर काम किया. गांधी के विचारों से समाज में परिवर्तन लाने का दायित्व युवाओं पर है. उनके सिद्धांतों को अपनाकर युवा राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं.'
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, 'गांधी के विचार और आदर्श आज भी प्रासंगिक हैं, कल भी थे और आने वाले समय में भी प्रासंगिक रहेंगे. गांधी जी सदैव असहमति का सम्मान करते थे और लोगों के विचारों में परिवर्तन पर विश्वास रखते थे. लोगों को अपने विचारों से प्रभावित करने की कला उनमें थी.'
- मुख्यमंत्री ने कहा कि, 'गांधी के बताए मार्ग पर चलते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने आदिवासी को जमीन लौटाई, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार दिलाने की दिशा में कार्य शुरू किया है.
- उन्होंने कहा कि, 'राज्य सरकार वनवासियों को वन अधिकार कानूनों के जरिए वर्षों से काबिज परिवारों को उनके अधिकार दिलाने के लिए काम कर रही है.'
- उन्होंने कहा कि, 'गांधी के ग्राम स्वराज के सिद्धांतों के अनुरूप ही राज्य में सुराजी गांव योजना शुरू की गई है. नरवा, गरवा, घुरवा, बारी के संरक्षण और संवर्धन का कार्य हाथ में लिया गया है. इस कार्यक्रम से पशुधन के संरक्षण से लेकर नदी नालों के रिचार्ज और पुनर्जीवन के लिए काम किए जा रहे हैं.
- उन्होंने कहा कि, 'रोजगार और खेती किसानी की लागत कम करने के लिए जैविक खाद को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है. इस योजना से छत्तीसगढ़ के गांव स्वावलंबी बनेंगें.'