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छत्तीसगढ़ पुलिस और आईआईआईटी नया रायपुर के राष्ट्रीय स्तर का हैकमंथन फिनाले संपन्न - छत्तीसगढ़ न्यूज

छत्तीसगढ़ पुलिस और आईआईआईटी नया रायपुर के राष्ट्रीय स्तर का हैकमंथन फिनाले बुधवार को संपन्न हुआ. इस समारोह में शीर्ष टीमों को 1 लाख 40 हजार रुपए दिए (National level hacking finale of CG Police and IIIT Naya Raipur) गए.

Hackmanthon finale concludes
हैकमंथन फिनाले संपन्न
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Published : Jun 30, 2022, 12:16 PM IST

रायपुर: नवा रायपुर में 23 जुलाई से 1 सप्ताह तक चले हैकमंथन फिनाले बुधवार को संपन्न (National level hacking finale of CG Police and IIIT Naya Raipur)हुआ. साइबर सुरक्षा हैकथॉन-हैकमंथन समारोह में देश भर के लोगों ने हिस्सा लिया. शीर्ष टीमों को 1 लाख 40 हजार रुपये दिए गए. इस कार्यक्रम में डीजीपी अशोक जुनेजा, आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रो. रजत मूना, आईआईएम रायपुर के निदेशक प्रो राम कुमार काकानी, आईआईआईटी नया रायपुर के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार सिन्हा और एडीजीपी प्रदीप गुप्ता शामिल (National level hacking finale of CG Police ) हुए.

छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा आयोजित यह पहला हैकाथॉन कार्यक्रम: पुरस्कार समारोह में डीजीपी अशोक जुनेजा ने प्रतिभागियों को उनकी रचनात्मक प्रस्तुति और नवीन विचारों के लिए सराहना की. उन्होंने पुलिस बल के उपकरणों के आधुनिकीकरण और इस प्रक्रिया में युवा दिमाग की भागीदारी के महत्व के बारे में बताया. जुनेजा ने शीर्ष तीन विजेताओं और सभी फाइनलिस्टों को बधाई दी .इस दौरान डीजीपी जुनेजा ने कहा, "छत्तीसगढ़ पुलिस हमेशा आईटी संस्थानों और उभरते आईटी विशेषज्ञों के साथ सहयोग करने के लिए उत्सुक है.बढ़ते साइबर अपराध के साथ, आईटी समाधान समय की आवश्यकता बन गए हैं. छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा आयोजित यह पहला हैकाथॉन कार्यक्रम है. एक प्रमुख राष्ट्रीय आईटी संस्थान के साथ पुलिस विभाग का पहला दीर्घकालिक सहयोग है."

यह भी पढ़े: 5 लाख कर्मचारियों को केंद्र के समान 34 फीसदी डीए का है इंतजार

सर्वश्रेष्ठ पुलिस संगठन तकनीक को समझते हैं: कार्यक्रम के दौरान आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रो. रजत मूना ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि सर्वश्रेष्ठ पुलिस संगठन तकनीक को समझते हैं. उन्होंने इस बारे में बात की कि कैसे पुलिसिंग पहले डेटा संग्रह के नजरिए से की जाती थी. उन्होंने कहा कि डेटा में अपार शक्ति है. डेटा की क्षमता का अनुमान लगाने वाले संगठन आज विश्व के नेता हैं.

पुलिस व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में पहल: वहीं, आईआईएम के निदेशक प्रो. राम कुमार काकानी ने नीति निर्माताओं, नीति कार्यान्वयनकर्ताओं और शिक्षाविदों के बीच बातचीत के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने भाग लेने वाले छात्रों के उत्साह की सराहना की और कहा कि यह भागीदारी देश में पुलिस व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान है. इसके अलावा आईआईआईटी नया रायपुर के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार सिन्हा ने सभा को संबोधित करते हुए पुलिस द्वारा संपर्क किए जाने और उनकी क्षमताओं पर भरोसा जताने पर प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने वास्तविक समस्याओं को उठाने और छात्रों और शिक्षाविदों को वास्तविक जीवन की स्थितियों से अवगत कराने के महत्व के बारे में भी बात की.

छात्रों में रुचि पैदा करने का उद्देश्य: हैकमंथन, आधुनिक पुलिस बल की जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए, साइबर सुरक्षा, डेटा विश्लेषण और विकास के बारे में छात्रों में रुचि पैदा करने के उद्देश्य से, छ.ग. पुलिस और IIIT नया रायपुर के बीच एक संयुक्त उद्यम के रूप में आयोजित एक साइबर सुरक्षा हैकाथन था. प्रतिभागियों ने 3 सदस्यों की टीमों के रूप में हिस्सा लिया और विभिन्न प्रॉब्लम स्टेटमेंट्स वाले कुल 5 ट्रैक जैसे ब्लॉकचेन विश्लेषण,छवि और वाक् पहचान की समस्याएं, साइबर अपराध, डेटा चोरी, स्पम कॉल, डीडीओएस हमले, सोशल मीडिया पर घृणित टिप्पणी आदि जैसे मुख्यधारा के मुद्दों पर समाधान प्रस्तुत किया. 460 से अधिक टीमों सहित कुल मिलाकर 790 से अधिक प्रतिभागी ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, जिसमें से फाइनल लाइव प्रेजेंटेशन के लिए कुल 12 टीमों को शॉर्टलिस्ट किया गया था. पुलिस और विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के गणमान्य व्यक्तियों से बने जजिंग पैनल ने वास्तविक जीवन की उपयोगिता एवं व्यावहारिकता समाधानों को ध्यान में रखते हुए मूल्यांकन किया.

यूं मिलेगी पुलिस विभाग को मदद: प्रथम विजेता पंडित नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय दिल्ली से “थर्ड आई” प्रोजेक्ट की टीम थी, जिसने सीसीटीवी निगरानी से लाइव अपराध ट्रैकिंग पर आधारित एक समाधान प्रस्तुत किया. उन्हें 80 हजार रुपये पुरस्कार प्रदान किया गया. “तातपर्य” प्रोजेक्ट जो एक विधि के छात्र और एक इंजीनियरिंग छात्र के सहयोग से विकसित किया गया, दूसरे स्थान पर रहे और उन्हें 40 हजार रुपये के पुरस्कार प्रदान किया गया. उन्होंने एक व्यक्ति की पोस्टिंग की आदतों की व्यापक रिपोर्ट, इस्तेमाल किए गए सामान्य हैशटैग और अश्लीलता और धमकी वाली भाषा के 6-डिग्री विश्लेषण के साथ एक इंटरफेस प्रस्तुत किया. आईआईआईटी-एनआर से “वाक भावना” प्रोजेक्ट ने द्वितीय उपविजेता का ख़िताब हासिल किया जिन्हें 20 हजार रु प्रदान किया गया. आपातकालीन सेवाओं में कॉल विश्लेषण के लिए उनके समाधान से पुलिस विभाग को बहुत मदद मिलेगी और इस क्षेत्र में आगे की खोज के लिए प्रोटोटाइप के रूप में काम करेंगे.

रायपुर: नवा रायपुर में 23 जुलाई से 1 सप्ताह तक चले हैकमंथन फिनाले बुधवार को संपन्न (National level hacking finale of CG Police and IIIT Naya Raipur)हुआ. साइबर सुरक्षा हैकथॉन-हैकमंथन समारोह में देश भर के लोगों ने हिस्सा लिया. शीर्ष टीमों को 1 लाख 40 हजार रुपये दिए गए. इस कार्यक्रम में डीजीपी अशोक जुनेजा, आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रो. रजत मूना, आईआईएम रायपुर के निदेशक प्रो राम कुमार काकानी, आईआईआईटी नया रायपुर के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार सिन्हा और एडीजीपी प्रदीप गुप्ता शामिल (National level hacking finale of CG Police ) हुए.

छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा आयोजित यह पहला हैकाथॉन कार्यक्रम: पुरस्कार समारोह में डीजीपी अशोक जुनेजा ने प्रतिभागियों को उनकी रचनात्मक प्रस्तुति और नवीन विचारों के लिए सराहना की. उन्होंने पुलिस बल के उपकरणों के आधुनिकीकरण और इस प्रक्रिया में युवा दिमाग की भागीदारी के महत्व के बारे में बताया. जुनेजा ने शीर्ष तीन विजेताओं और सभी फाइनलिस्टों को बधाई दी .इस दौरान डीजीपी जुनेजा ने कहा, "छत्तीसगढ़ पुलिस हमेशा आईटी संस्थानों और उभरते आईटी विशेषज्ञों के साथ सहयोग करने के लिए उत्सुक है.बढ़ते साइबर अपराध के साथ, आईटी समाधान समय की आवश्यकता बन गए हैं. छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा आयोजित यह पहला हैकाथॉन कार्यक्रम है. एक प्रमुख राष्ट्रीय आईटी संस्थान के साथ पुलिस विभाग का पहला दीर्घकालिक सहयोग है."

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सर्वश्रेष्ठ पुलिस संगठन तकनीक को समझते हैं: कार्यक्रम के दौरान आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रो. रजत मूना ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि सर्वश्रेष्ठ पुलिस संगठन तकनीक को समझते हैं. उन्होंने इस बारे में बात की कि कैसे पुलिसिंग पहले डेटा संग्रह के नजरिए से की जाती थी. उन्होंने कहा कि डेटा में अपार शक्ति है. डेटा की क्षमता का अनुमान लगाने वाले संगठन आज विश्व के नेता हैं.

पुलिस व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में पहल: वहीं, आईआईएम के निदेशक प्रो. राम कुमार काकानी ने नीति निर्माताओं, नीति कार्यान्वयनकर्ताओं और शिक्षाविदों के बीच बातचीत के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने भाग लेने वाले छात्रों के उत्साह की सराहना की और कहा कि यह भागीदारी देश में पुलिस व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान है. इसके अलावा आईआईआईटी नया रायपुर के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार सिन्हा ने सभा को संबोधित करते हुए पुलिस द्वारा संपर्क किए जाने और उनकी क्षमताओं पर भरोसा जताने पर प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने वास्तविक समस्याओं को उठाने और छात्रों और शिक्षाविदों को वास्तविक जीवन की स्थितियों से अवगत कराने के महत्व के बारे में भी बात की.

छात्रों में रुचि पैदा करने का उद्देश्य: हैकमंथन, आधुनिक पुलिस बल की जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए, साइबर सुरक्षा, डेटा विश्लेषण और विकास के बारे में छात्रों में रुचि पैदा करने के उद्देश्य से, छ.ग. पुलिस और IIIT नया रायपुर के बीच एक संयुक्त उद्यम के रूप में आयोजित एक साइबर सुरक्षा हैकाथन था. प्रतिभागियों ने 3 सदस्यों की टीमों के रूप में हिस्सा लिया और विभिन्न प्रॉब्लम स्टेटमेंट्स वाले कुल 5 ट्रैक जैसे ब्लॉकचेन विश्लेषण,छवि और वाक् पहचान की समस्याएं, साइबर अपराध, डेटा चोरी, स्पम कॉल, डीडीओएस हमले, सोशल मीडिया पर घृणित टिप्पणी आदि जैसे मुख्यधारा के मुद्दों पर समाधान प्रस्तुत किया. 460 से अधिक टीमों सहित कुल मिलाकर 790 से अधिक प्रतिभागी ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, जिसमें से फाइनल लाइव प्रेजेंटेशन के लिए कुल 12 टीमों को शॉर्टलिस्ट किया गया था. पुलिस और विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के गणमान्य व्यक्तियों से बने जजिंग पैनल ने वास्तविक जीवन की उपयोगिता एवं व्यावहारिकता समाधानों को ध्यान में रखते हुए मूल्यांकन किया.

यूं मिलेगी पुलिस विभाग को मदद: प्रथम विजेता पंडित नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय दिल्ली से “थर्ड आई” प्रोजेक्ट की टीम थी, जिसने सीसीटीवी निगरानी से लाइव अपराध ट्रैकिंग पर आधारित एक समाधान प्रस्तुत किया. उन्हें 80 हजार रुपये पुरस्कार प्रदान किया गया. “तातपर्य” प्रोजेक्ट जो एक विधि के छात्र और एक इंजीनियरिंग छात्र के सहयोग से विकसित किया गया, दूसरे स्थान पर रहे और उन्हें 40 हजार रुपये के पुरस्कार प्रदान किया गया. उन्होंने एक व्यक्ति की पोस्टिंग की आदतों की व्यापक रिपोर्ट, इस्तेमाल किए गए सामान्य हैशटैग और अश्लीलता और धमकी वाली भाषा के 6-डिग्री विश्लेषण के साथ एक इंटरफेस प्रस्तुत किया. आईआईआईटी-एनआर से “वाक भावना” प्रोजेक्ट ने द्वितीय उपविजेता का ख़िताब हासिल किया जिन्हें 20 हजार रु प्रदान किया गया. आपातकालीन सेवाओं में कॉल विश्लेषण के लिए उनके समाधान से पुलिस विभाग को बहुत मदद मिलेगी और इस क्षेत्र में आगे की खोज के लिए प्रोटोटाइप के रूप में काम करेंगे.

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