रायपुर: राष्ट्रीय कैंसर जागरुकता दिवस देश भर में 7 नवंबर को मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य कैंसर होने के संभावित कारणों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना एवं कैंसर के प्राथमिक स्तर पर ही उसकी पहचान करने के प्रति लोगों में जागरूक करना होता है.
कैंसर सिर्फ एक तरह की बीमारी नहीं होती, बल्कि यह कई रूप में होता है. कैंसर के 100 से ज्यादा प्रकार होते हैं. अधिकतर कैंसरों के नाम उस अंग या कोशिकाओं के नाम पर रखे जाते हैं, जिनमें ये कैंसर शुरू होते हैं. जैसे कि बृहदान्त्र में शुरू होने वाला कैंसर पेट का कैंसर कहा जाता है.
कैंसर जो कि, त्वचा की बेसल कोशिकाओं में शुरू होता है. बेसल सेल को कार्सिनोमा कहा जाता है. कैंसर शब्द ऐसे रोगों के लिए प्रयुक्त किया जाता है, जिसमें असामान्य कोशिकाएं बिना किसी नियंत्रण के विभाजित होती हैं और वे अन्य ऊतकों पर आक्रमण करने में सक्षम होती हैं. कैंसर की कोशिकाएं रक्त और लसीका प्रणाली के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में फैल सकती है.
कैंसर के कुछ लक्षण
- स्तन या शरीर के किसी अन्य भाग में कड़ापन या गांठ.
- एक नया तिल या मौजूदा तिल में परिवर्तन.
- कोई खराश जो ठीक नहीं हो पाती.
- स्वर बैठना या खांसी न हटना.
- आंत्र या मूत्राशय की आदतों में परिवर्तन.
- खाने के बाद असुविधा महसूस करना.
- निगलने के समय कठिनाई होना.
- वजन में बिना किसी कारण के वृद्धि या कमी.
- असामान्य रक्तस्राव या डिस्चार्ज.
- कमजोर लगना या बहुत थकावट महसूस करना.
कैंसर से कैसे बचें?
- तंबाकू उत्पादों का प्रयोग न करें.
- कम वसा वाला भोजन करें.
- सब्जी, फलों और समूचे अनाजों का उपयोग अधिक करें.
- नियमित व्यायाम करें.
प्रयोगशाला परीक्षणों में रक्त, मूत्र, या अन्य तरल पदार्थों की मदद से डॉक्टर इसकी जांच कर सकते हैं. इन परीक्षणों से अंग कितनी अच्छी तरह से कामकाज कर रहे हैं, इसका पता लगाया जा सकता है. इसके अलावा, कुछ पदार्थों की भारी मात्रा से भी कैंसर का संकेत मिलता है. इन पदार्थों को अक्सर ट्यूमर मार्कर कहा जाता है. हालांकि, प्रयोगशाला के असामान्य परिणाम कैंसर के निश्चित संकेत नहीं होते. कैंसर की जांच करने के लिए केवल प्रयोगशाला परीक्षणों पर भरोसा नहीं करना चाहिए.