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राष्ट्रीय कृषि मेला: किसानों को मिल रही आधुनिक तकनीक की जानकारी

रायपुर के ग्राम तुलसी बाराडेरा में आयोजित तीन दिवसीय कृषि मेले में किसानों के लिए खेती से संबंधित आधुनिक और उन्नत यंत्रों की जानकारी दी जा रही है. इस साल मेले में शुगरकेन हार्वेस्टर, कड़कनाथ मुर्गी पालन, मिनी राइस मिल, कॉर्न सिलर लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

National Agricultural Fair organised
राष्ट्रीय कृषि मेला का आयोजन
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Published : Feb 24, 2020, 9:28 AM IST

रायपुर : किसान जो बागवानी में रूचि रखते हैं, पशुपालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन करना चाहते हैं, तो राष्ट्रीय कृषि मेला जा कर लाभ उठा सकते है. यहां मशरूम उत्पादन, लाख उत्पादन, नर्सरी सहित अन्य कृषि क्षेत्र में स्वरोजगार की मदद से कम लागत और कम समय में अधिक उत्पादन कर आर्थिक लाभ कमा सकते हैं. रायपुर से कुछ दूरी पर स्थित ग्राम तुलसी बाराडेरा में तीन दिवसीय कृषि मेला आयोजित की गई है.

Modern equipment for agriculture
कृषि के लिए आधुनिक यंत्र

कृषि मेला में आधुनिक तकनीक से फसल उत्पादन, कुक्कुट, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन की न सिर्फ सही जानकारी मिलेगी, बल्कि यहां अधिक उत्पादन देने वाली प्रमाणित धान एवं सब्जियों, फसलों के उत्पादन में महत्वपूर्ण जैविक खाद सहित कृषि उत्पाद भी मिलेंगे. इसके साथ ही फलों की बीज, हाइब्रिड पौधे, कल्टीवेशन से तैयार नर्सरी के पौधे, सब्सिडी वाले आधुनिक कृषि यंत्र तकनीक, जिसे देखकर किसान स्वयं उस उन्नत फसल तकनीक को अपना सकता है.

शुगरकेन हार्वेस्टर बनी आकर्षण का केन्द्र

कृषि मेला में पहली बार प्रदर्शित शुगरकेन हार्वेस्टर सबके आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है. गन्ने की क्रमवार सही कटाई और संग्रहण के लिए उपयोगी शुगरकेन हार्वेस्टर की खासियत है कि दो घंटे के अंदर एक एकड़ में गन्ने की कटाई कर लेता है. 8-8 इंच के टुकड़ों में गन्ने को काटकर संग्रहित करने के साथ इस हार्वेस्टर से गन्ने को जमीन के उस भाग तक के हिस्से को काटा जा सकता है, जो कि आमतौर पर किसान नहीं काट पाते. एक सप्ताह के प्रशिक्षण पश्चात कोई भी किसान इस मशीन का संचालन कर सकता है. इसकी कीमत फिलहाल लगभग एक करोड़ रूपए है.

कड़कनाथ मुर्गी और इन्क्यूबेटर से कर सकते कुकुक्ट पालन

कड़कनाथ नस्ल की मुर्गियों की प्रदर्शनी और इसके पालन की आधुनिक विधि की जानकारी मेले में कई किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है. प्रदर्शनी में कड़कनाथ के पालन से लाभ की विस्तृत जानकारी दी जा रही है. बटेर पालन से होने वाले लाभ के संबंध में भी लोगों को बताया जा रहा है. कृषि विज्ञान केन्द्र कोरबा द्वारा अण्डे को बिना मुर्गी के विशेष तापक्रम में रखकर चूजे उत्पादन करने स्वचलित इन्क्यूबेटर की प्रदर्शनी भी लगाई गई है.

कम लागत में किसान भी स्थापित कर सकते हैं राइस मिल

मेले में लगभग 12 हजार रूपए की कीमत वाली मिनी राइस मिल की प्रदर्शनी भी विक्रय हेतु लगाई गई है. इस मिल को किसान आसानी से अपने घर में स्थापित कर धान की कुटाई कर सकते हैं. तीन हॉर्स पावर इस सिंगल फेस वाले राइस मिल से एक घंटे में 50 से 60 किलो चावल तक प्राप्त किया जा सकता है. इसी तरह से 10 हॉर्स पावर का राइसमिल भी मेले में प्रदर्शित है, जिसकी कीमत एक लाख 25 हजार रूपए बताया जा रहा है. इससे 7 क्विंटल तक चावल निकाला जा सकता है.

Drones will spray pesticides
ड्रोन से कीटनाशकों का छिड़काव

ड्रोन के माध्यम से पानी और कीट नाशकों का होगा छिड़काव

ड्रोन का इस्तेमाल अब खेतों में भी किया जाएगा. फसलों में पानी और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए मेले में ड्रोन का इस्तेमाल करना बताया जा रहा है. पहुंच विहीन क्षेत्रों में ड्रोन का उपयोग किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है. गुजरात के हाइटेक संस्था द्वारा प्रदर्शित इस ड्रोन से 10 लीटर तक पानी या दवाई का छिड़काव आसानी से किया जा सकता है. 10 से 15 मिनट में दो एकड़ क्षेत्र में ड्रोन से छिड़काव करने की छमता रखता है. फिलहाल इस तरह की ड्रोन की कीमत 5 से 10 लाख रूपए के बीच बताई जा रही है.

पढ़े:बस्तर की मोतियों से राष्ट्रीय कृषि मेले के अतिथियों का स्वागत

मक्का छिलाई यंत्र, सीडर, बेलर मशीन बना आकर्षण का केंद्र

कृषि मेले में फसल उत्पादन को बढ़ाने और आसान वाले आधुनिक यंत्र किसानों को बहुत प्रभावित कर रहे हैं. मक्का की खेती करने वाले किसान कॉर्न सिलर (मक्का छिलाई यंत्र), ढेंस (कमल ककड़ी) की खेती करने वाले किसान, लोटस राइजोम हार्वेस्टर, ढेंस खुदाई यंत्र, पौधों और बीज को खेत पर निश्चित दूरी में क्रमवार रोपने वाला रीडर यंत्र सहित अन्य आधुनिक कृषि यंत्र, किसानों को प्रभावित कर रहे हैं. मेले में किसानों के लिए ग्रीन हाउस, जैविक खाद, कीटनाशक सहित अन्य उत्पादों की भी जानकारी मिल रही है. यहां नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी का विकास मॉडल भी प्रदर्शनी में आने वालों को प्रभावित कर रहा है.

रायपुर : किसान जो बागवानी में रूचि रखते हैं, पशुपालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन करना चाहते हैं, तो राष्ट्रीय कृषि मेला जा कर लाभ उठा सकते है. यहां मशरूम उत्पादन, लाख उत्पादन, नर्सरी सहित अन्य कृषि क्षेत्र में स्वरोजगार की मदद से कम लागत और कम समय में अधिक उत्पादन कर आर्थिक लाभ कमा सकते हैं. रायपुर से कुछ दूरी पर स्थित ग्राम तुलसी बाराडेरा में तीन दिवसीय कृषि मेला आयोजित की गई है.

Modern equipment for agriculture
कृषि के लिए आधुनिक यंत्र

कृषि मेला में आधुनिक तकनीक से फसल उत्पादन, कुक्कुट, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन की न सिर्फ सही जानकारी मिलेगी, बल्कि यहां अधिक उत्पादन देने वाली प्रमाणित धान एवं सब्जियों, फसलों के उत्पादन में महत्वपूर्ण जैविक खाद सहित कृषि उत्पाद भी मिलेंगे. इसके साथ ही फलों की बीज, हाइब्रिड पौधे, कल्टीवेशन से तैयार नर्सरी के पौधे, सब्सिडी वाले आधुनिक कृषि यंत्र तकनीक, जिसे देखकर किसान स्वयं उस उन्नत फसल तकनीक को अपना सकता है.

शुगरकेन हार्वेस्टर बनी आकर्षण का केन्द्र

कृषि मेला में पहली बार प्रदर्शित शुगरकेन हार्वेस्टर सबके आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है. गन्ने की क्रमवार सही कटाई और संग्रहण के लिए उपयोगी शुगरकेन हार्वेस्टर की खासियत है कि दो घंटे के अंदर एक एकड़ में गन्ने की कटाई कर लेता है. 8-8 इंच के टुकड़ों में गन्ने को काटकर संग्रहित करने के साथ इस हार्वेस्टर से गन्ने को जमीन के उस भाग तक के हिस्से को काटा जा सकता है, जो कि आमतौर पर किसान नहीं काट पाते. एक सप्ताह के प्रशिक्षण पश्चात कोई भी किसान इस मशीन का संचालन कर सकता है. इसकी कीमत फिलहाल लगभग एक करोड़ रूपए है.

कड़कनाथ मुर्गी और इन्क्यूबेटर से कर सकते कुकुक्ट पालन

कड़कनाथ नस्ल की मुर्गियों की प्रदर्शनी और इसके पालन की आधुनिक विधि की जानकारी मेले में कई किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है. प्रदर्शनी में कड़कनाथ के पालन से लाभ की विस्तृत जानकारी दी जा रही है. बटेर पालन से होने वाले लाभ के संबंध में भी लोगों को बताया जा रहा है. कृषि विज्ञान केन्द्र कोरबा द्वारा अण्डे को बिना मुर्गी के विशेष तापक्रम में रखकर चूजे उत्पादन करने स्वचलित इन्क्यूबेटर की प्रदर्शनी भी लगाई गई है.

कम लागत में किसान भी स्थापित कर सकते हैं राइस मिल

मेले में लगभग 12 हजार रूपए की कीमत वाली मिनी राइस मिल की प्रदर्शनी भी विक्रय हेतु लगाई गई है. इस मिल को किसान आसानी से अपने घर में स्थापित कर धान की कुटाई कर सकते हैं. तीन हॉर्स पावर इस सिंगल फेस वाले राइस मिल से एक घंटे में 50 से 60 किलो चावल तक प्राप्त किया जा सकता है. इसी तरह से 10 हॉर्स पावर का राइसमिल भी मेले में प्रदर्शित है, जिसकी कीमत एक लाख 25 हजार रूपए बताया जा रहा है. इससे 7 क्विंटल तक चावल निकाला जा सकता है.

Drones will spray pesticides
ड्रोन से कीटनाशकों का छिड़काव

ड्रोन के माध्यम से पानी और कीट नाशकों का होगा छिड़काव

ड्रोन का इस्तेमाल अब खेतों में भी किया जाएगा. फसलों में पानी और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए मेले में ड्रोन का इस्तेमाल करना बताया जा रहा है. पहुंच विहीन क्षेत्रों में ड्रोन का उपयोग किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है. गुजरात के हाइटेक संस्था द्वारा प्रदर्शित इस ड्रोन से 10 लीटर तक पानी या दवाई का छिड़काव आसानी से किया जा सकता है. 10 से 15 मिनट में दो एकड़ क्षेत्र में ड्रोन से छिड़काव करने की छमता रखता है. फिलहाल इस तरह की ड्रोन की कीमत 5 से 10 लाख रूपए के बीच बताई जा रही है.

पढ़े:बस्तर की मोतियों से राष्ट्रीय कृषि मेले के अतिथियों का स्वागत

मक्का छिलाई यंत्र, सीडर, बेलर मशीन बना आकर्षण का केंद्र

कृषि मेले में फसल उत्पादन को बढ़ाने और आसान वाले आधुनिक यंत्र किसानों को बहुत प्रभावित कर रहे हैं. मक्का की खेती करने वाले किसान कॉर्न सिलर (मक्का छिलाई यंत्र), ढेंस (कमल ककड़ी) की खेती करने वाले किसान, लोटस राइजोम हार्वेस्टर, ढेंस खुदाई यंत्र, पौधों और बीज को खेत पर निश्चित दूरी में क्रमवार रोपने वाला रीडर यंत्र सहित अन्य आधुनिक कृषि यंत्र, किसानों को प्रभावित कर रहे हैं. मेले में किसानों के लिए ग्रीन हाउस, जैविक खाद, कीटनाशक सहित अन्य उत्पादों की भी जानकारी मिल रही है. यहां नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी का विकास मॉडल भी प्रदर्शनी में आने वालों को प्रभावित कर रहा है.

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