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बदलते मौसम में बार-बार नाक बंद होना खतरनाक, जानिए क्यों होता है ऐसा

Nasal congestion is dangerous:बदलते मौसम में नाक बंद होना आम है. हालांकि अगर ये बीमारी लगातार होती है, तो ये एक गंभीर बीमारी के लक्षण हो सकते हैं.

nasal congestion is dangerous
नाक बंद होना खतरनाक
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Published : Jan 19, 2022, 8:32 PM IST

रायपुरः ठंड के मौसम में अक्सर सुबह उठते समय नाक बंद होने की समस्या काफी लोगों में देखी जाती है. जो कि काफी आम समस्या मानी जाती है. लेकिन यह समस्या आम नहीं है. सर्दी के कारण या मौसम में बदलाव की वजह से यह समस्या कई लोगों में देखने को मिलती है. अगर इसका समय से इलाज नहीं कराया गया तो आगे जाकर ये ब्रोंकाइटिस का रूप ले लेती है. जो कि एक गंभीर बीमारी है. यह बीमारी फेफड़े को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाती है. इस बीमारी की वजह से फेफड़े में छोटे-छोटे गड्ढे हो जाते हैं. इसलिए इस बीमारी का इलाज जल्द करवाना बहुत जरूरी हो जाता है.

छत्तीसगढ़ में बदलते मौसम में बीमारी

क्या है ब्रोंकाइटिस बीमारी?

ब्रोंकाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें फेफड़े तक हवा पहुंचने वाली सांस नली स्थिर रूप से क्षतिग्रस्त या चौड़ी हो जाती है. जिससे बैक्टीरिया फेफड़े में आसानी से चल जाते हैं और बलगम पैदा करते हैं. ब्रोंकाइटिस का कोई इलाज नहीं है, पर इसको मैनेज किया जा सकता है. उपचार के मदद से लेकिन ब्रोंकाइटिस इंफेक्शन एकदम गंभीर रूप से हो जाए, तो तुरंत इलाज करने की आवश्यकता पड़ सकती है. ताकि शरीर के बाकी हिस्सों में ऑक्सीजन के प्रवाह को रोकने और फेफड़े में और अधिक क्षति होने से रोका जा सके.

यह भी पढ़ेंः रायपुर पुलिस की नेक पहल: घुमंतू और नशे की गिरफ्त में आए बच्चों का बचा रहे बचपन, कर रहे बच्चों का करियर निर्माण

बदलते मौसम के साथ क्यों होता है नाक जाम

मेकाहारा की रेस्पिरेट्री मेडिसिन डिपार्टमेंट की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर देवी ज्योति दास कहती हैं कि, सुबह नाक जाम रहने की समस्या किसी व्यक्ति को अगर साल में एक-दो दिन के लिए ही हो रही है तो वह इन्फेक्शन या एलर्जी की वजह से हो रहा है. तो एक-दो दिन में ठीक हो जाएगा. कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनको यह समस्या बार-बार होती है. मौसम जब भी बदलता है बारिश, ठंड ऐसे मौसम में उन्हें यह समस्या बार-बार होती है, तो हो सकता है कि उनको साइनोसाइटिस हो. नाक के पीछे या आंखों के बीच में साइनस होता है. जब सूजन होता है इसको साइनोसाइटिस बोलते हैं. वह ज्यादातर एलर्जी या इंफेक्शन से होता है. इस तरह की अगर दिक्कत है तो जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लेकर इलाज करवाना जरूरी है.

संक्रमितों की संख्या बढ़ने से हो रही दिक्कत

अभी जैसे कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. लगातार मौसम में भी परिवर्तन देखने को मिल रहा है. उनके लिए ये समस्या गंभीर हैं. जो लोग कोरोना संक्रमित हैं, अगर उनको यह हो रहा है तो उनके लिए भी यह एक गंभीर समस्या है. इसके लिए दवाइयां अवेलेबल है. ऐसे लोगों को जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलकर इसका इलाज करवाना चाहिए.

अस्थमा और फेफड़े से संबंधित बीमारियों का जल्द इलाज जरूरी

नाक बंद होने की जो समस्या है, वह बहुत बार अस्थमा और फेफड़े संबंधित बीमारियों के मरीजों के साथ देखने को मिलता है. अगर किसी व्यक्ति को अस्थमा है और उसको साइनोसाइटिस है तो उसको जल्दी ठीक नहीं किया जाए तो जल्दी अस्थमा ठीक नहीं होगा. कुछ लोगों में यह सिम्टम्स इतने ज्यादा हो जाते हैं कि ऑपरेशन कराना भी जरूरी हो जाता है. यह काफी गंभीर बीमारी है और जल्दी से जल्दी इसका इलाज करवाना जरूरी है. बहुत लोगों में हमने यह भी देखा है कि जिन्हें यह प्रॉब्लम ज्यादा रही है. आगे चलकर उनके फेफड़ों में छोटे-छोटे छेद हो जाते हैं क्योंकि वहां फेफड़े में बार-बार इंफेक्शन होता है. इसको ब्रोंकाइटिस बोलते हैं. अगर यह दिक्कत बार-बार किसी व्यक्ति को हो रही है, तो उसको नजरअंदाज बिल्कुल नहीं करना चाहिए और जल्द से जल्द इसका इलाज करवाना चाहिए.

रायपुरः ठंड के मौसम में अक्सर सुबह उठते समय नाक बंद होने की समस्या काफी लोगों में देखी जाती है. जो कि काफी आम समस्या मानी जाती है. लेकिन यह समस्या आम नहीं है. सर्दी के कारण या मौसम में बदलाव की वजह से यह समस्या कई लोगों में देखने को मिलती है. अगर इसका समय से इलाज नहीं कराया गया तो आगे जाकर ये ब्रोंकाइटिस का रूप ले लेती है. जो कि एक गंभीर बीमारी है. यह बीमारी फेफड़े को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाती है. इस बीमारी की वजह से फेफड़े में छोटे-छोटे गड्ढे हो जाते हैं. इसलिए इस बीमारी का इलाज जल्द करवाना बहुत जरूरी हो जाता है.

छत्तीसगढ़ में बदलते मौसम में बीमारी

क्या है ब्रोंकाइटिस बीमारी?

ब्रोंकाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें फेफड़े तक हवा पहुंचने वाली सांस नली स्थिर रूप से क्षतिग्रस्त या चौड़ी हो जाती है. जिससे बैक्टीरिया फेफड़े में आसानी से चल जाते हैं और बलगम पैदा करते हैं. ब्रोंकाइटिस का कोई इलाज नहीं है, पर इसको मैनेज किया जा सकता है. उपचार के मदद से लेकिन ब्रोंकाइटिस इंफेक्शन एकदम गंभीर रूप से हो जाए, तो तुरंत इलाज करने की आवश्यकता पड़ सकती है. ताकि शरीर के बाकी हिस्सों में ऑक्सीजन के प्रवाह को रोकने और फेफड़े में और अधिक क्षति होने से रोका जा सके.

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बदलते मौसम के साथ क्यों होता है नाक जाम

मेकाहारा की रेस्पिरेट्री मेडिसिन डिपार्टमेंट की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर देवी ज्योति दास कहती हैं कि, सुबह नाक जाम रहने की समस्या किसी व्यक्ति को अगर साल में एक-दो दिन के लिए ही हो रही है तो वह इन्फेक्शन या एलर्जी की वजह से हो रहा है. तो एक-दो दिन में ठीक हो जाएगा. कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनको यह समस्या बार-बार होती है. मौसम जब भी बदलता है बारिश, ठंड ऐसे मौसम में उन्हें यह समस्या बार-बार होती है, तो हो सकता है कि उनको साइनोसाइटिस हो. नाक के पीछे या आंखों के बीच में साइनस होता है. जब सूजन होता है इसको साइनोसाइटिस बोलते हैं. वह ज्यादातर एलर्जी या इंफेक्शन से होता है. इस तरह की अगर दिक्कत है तो जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लेकर इलाज करवाना जरूरी है.

संक्रमितों की संख्या बढ़ने से हो रही दिक्कत

अभी जैसे कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. लगातार मौसम में भी परिवर्तन देखने को मिल रहा है. उनके लिए ये समस्या गंभीर हैं. जो लोग कोरोना संक्रमित हैं, अगर उनको यह हो रहा है तो उनके लिए भी यह एक गंभीर समस्या है. इसके लिए दवाइयां अवेलेबल है. ऐसे लोगों को जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलकर इसका इलाज करवाना चाहिए.

अस्थमा और फेफड़े से संबंधित बीमारियों का जल्द इलाज जरूरी

नाक बंद होने की जो समस्या है, वह बहुत बार अस्थमा और फेफड़े संबंधित बीमारियों के मरीजों के साथ देखने को मिलता है. अगर किसी व्यक्ति को अस्थमा है और उसको साइनोसाइटिस है तो उसको जल्दी ठीक नहीं किया जाए तो जल्दी अस्थमा ठीक नहीं होगा. कुछ लोगों में यह सिम्टम्स इतने ज्यादा हो जाते हैं कि ऑपरेशन कराना भी जरूरी हो जाता है. यह काफी गंभीर बीमारी है और जल्दी से जल्दी इसका इलाज करवाना जरूरी है. बहुत लोगों में हमने यह भी देखा है कि जिन्हें यह प्रॉब्लम ज्यादा रही है. आगे चलकर उनके फेफड़ों में छोटे-छोटे छेद हो जाते हैं क्योंकि वहां फेफड़े में बार-बार इंफेक्शन होता है. इसको ब्रोंकाइटिस बोलते हैं. अगर यह दिक्कत बार-बार किसी व्यक्ति को हो रही है, तो उसको नजरअंदाज बिल्कुल नहीं करना चाहिए और जल्द से जल्द इसका इलाज करवाना चाहिए.

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