रायपुर/हैदराबाद: ऐसा माना जाता है कि नर्मदा जी माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को अस्तित्व में आई थी.सप्तमी को सूर्य भगवान का दिन भी माना जाता है. जो भक्त नर्मदा नदी की पूजा करते हैं उनके जीवन में शांति और समृद्धि बनी रहती है. नर्मदा जयंती पर मां नर्मदा की पूजा करने से पाप से मुक्ति मिलती है. इस दिन नर्मदा नदी में डुबकी लगाने से देवी नर्मदा की कृपा मिलती है. भगवान विष्णु और शिव को समर्पित होने के कारण माघ का महीना पवित्र महीना माना जाता है. इस दिन सूर्योदय के समय नर्मदा नदी के पवित्र जल में डुबकी लगाएं. नदी में फूल, हल्दी, कुमकुम अर्पित करें. आटे का दीपक जलाकर पूजा करें.
श्री नर्मदा अष्टकम:
सबिंदु सिन्धु सुस्खल तरंग भंग रंजितम
द्विषत्सु पाप जात जात कारि वारि संयुतम
कृतान्त दूत काल भुत भीति हारि वर्मदे
त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे
त्वदम्बु लीन दीन मीन दिव्य सम्प्रदायकम
कलौ मलौघ भारहारि सर्वतीर्थ नायकं
सुमस्त्य कच्छ नक्र चक्र चक्रवाक् शर्मदे
त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे
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महागभीर नीर पुर पापधुत भूतलं
ध्वनत समस्त पातकारि दरितापदाचलम
जगल्ल्ये महाभये मृकुंडूसूनु हर्म्यदे
त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे
गतं तदैव में भयं त्वदम्बु वीक्षितम यदा
मृकुंडूसूनु शौनका सुरारी सेवी सर्वदा
पुनर्भवाब्धि जन्मजं भवाब्धि दुःख वर्मदे
त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे
अलक्षलक्ष किन्न रामरासुरादी पूजितं
सुलक्ष नीर तीर धीर पक्षीलक्ष कुजितम
वशिष्ठशिष्ट पिप्पलाद कर्दमादि शर्मदे
त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे
सनत्कुमार नाचिकेत कश्यपात्रि षटपदै
धृतम स्वकीय मानषेशु नारदादि षटपदै:
रविन्दु रन्ति देवदेव राजकर्म शर्मदे
त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे
अलक्षलक्ष लक्षपाप लक्ष सार सायुधं
ततस्तु जीवजंतु तंतु भुक्तिमुक्ति दायकं
विरन्ची विष्णु शंकरं स्वकीयधाम वर्मदे
त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे
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अहोमृतम श्रुवन श्रुतम महेषकेश जातटे
किरात सूत वाड़वेषु पण्डिते शठे नटे
दुरंत पाप ताप हारि सर्वजंतु शर्मदे
त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे
इदन्तु नर्मदाष्टकम त्रिकलामेव ये सदा
पठन्ति ते निरंतरम न यान्ति दुर्गतिम कदा
सुलभ्य देव दुर्लभं महेशधाम गौरवम
पुनर्भवा नरा न वै त्रिलोकयंती रौरवम
त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे
नमामि देवी नर्मदे, नमामि देवी नर्मदे
त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे
नर्मदा जयंती उत्सव: मध्य प्रदेश में अमरकंटक, नर्मदा नदी का उद्गम स्थल एक लोकप्रिय स्थान है. नर्मदा जयंती के मौके पर हर साल पूरा शहर भगवा रंग में रंग जाता है. नर्मदा उत्सव पर शोभायात्रा निकाली जाती है. इस दौरान, हजारों भक्त शहर के विभिन्न विभिन्न घाटों पर भजन और देवी के गीत गाते हैं. हर साल नर्मदा जयंती पर शाम को संत और भक्त बनारस के प्रसिद्ध गंगा घाटों पर की जाने वाली आरती की तर्ज पर देवी नर्मदा की भव्य आरती करते हैं.