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Pahadi Korwa Suicide छत्तीसगढ़ में भूख से मौत शर्मनाक: नारायण चंदेल

जशपुर में पहाड़ी कोरवा परिवार की मौत को भाजपा भुनाने में जुट गुई है. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने इस घटना के लिए पूरे तरह सीएम भूपेश बघेल को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा केंद्र सरकार की तरफ से गरीब कल्याण योजना के जरिए गरीबों को अनाज दिया जाता है लेकि प्रदेश की भूपेश सरकार उसे भी डकार रही है.

Narayan chandel
नारायण चंदेल
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Published : Apr 3, 2023, 1:43 PM IST

नारायण चंदेल ने बघेल सरकार पर लगाया बड़ा आरोप

रायपुर: छत्तीसगढ़ के सुदूर जशपुर जिले के बगीचा थाना अंतर्गत पहाड़ी कोरवा परिवार की खुदकुशी मामले में राजनीति शुरू हो गई है. भाजपा ने 2 मासूम बच्चों की मौत का आरोप कांग्रेस की बघेल सरकार पर लगाया है. चंदेल ने कहा "पहाड़ी कोरवा दंपति ने अपने 2 बच्चों के साथ रोजगार के अभाव और भूख के कारण मौत को गले लगा लिया. ये बघेल सरकार के लिए शर्मनाक बात है. पहाड़ी कोरवा दंपति रोजगार ना होने के कारण 15 किलोमीटर दूर महुआ बीनने जाते थे. उन्होंने जंगल में ही अपना स्थायी निवास बना रखा था. केंद्र सरकार की तरफ से गरीबों को हर माह अनाज दिया जाता है लेकिन ये अनाज गरीबों तक नहीं पहुंच पाता. छत्तीसगढ़ की बघेल सरकार इस अनाज को भी भ्रष्टाचार के खेल में डकार रही है."

भूपेश सरकार कर रही खाद्यान्न घोटाला: नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा " जशपुर के सुदूर गांव में किसी तरह का रोजगार मूलक काम नहीं चलाया जा रहा है. यही कारण है कि रोजगार के अभाव में पहाड़ी कोरवा दंपति ने अपने बच्चों के साथ जिंदगी खत्म कर ली. इसके लिए पूरी तरह से भूपेश सरकार दोषी हैं. पूरे प्रदेश में राज्य सरकार ने 600 करोड़ से ज्यादा की राशि का खाद्यान्न घोटाला किया है. इसकी उच्च स्तरीय जांच करना जरूरी है. लेकिन सरकार उसके लिए भी तैयार दिखाई नहीं देती है, जिस गांव में पहाड़ी कोरवा दंपति ने आत्महत्या किया, वहां का पूरा क्षेत्र बगैर सड़क के है. यहां किसी तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं है."

यह भी पढ़ें: jashpur pahadi korwa suicide जशपुर में पहाड़ी कोरवा परिवार के 4 लोगों ने की खुदकुशी, 2 बच्चे भी शामिल

उच्च स्तरीय जांच हो: नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा " किसी भी सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने नागरिकों को भूख से मुक्त रखे. लेकिन दुर्भाग्य है कि पहाड़ी कोरवा आदिवासी को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का खाद्यान्न भी नहीं मिल पा रहा.भाजपा इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग करती हैं. छत्तीसगढ़ की सरकार से हम कहना चाहेंगे कि प्रदेश में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो. इसके लिए सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत है."

ये है पूरा मामला: जशपुर जिले के बगीचा थाना क्षेत्र में पहाड़ी कोरवा परिवार के 4 लोगों ने रविवार को फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. मृतकों में माता-पिता सहित दो बच्चे शामिल हैं. माना जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले बच्चों की हत्या की, उसके बाद खुद फांसी पर लटक गए. ग्राम सम्हार बहार के झूमरा डूमर बस्ती से कुछ ही दूरी पर एक पेड़ पर चारों के शव लटके मिले.

कौन हैं पहाड़ी कोरवा: छत्तीसगढ़ में पाई जाने वाली 42 जनजातियों में से एक पहाड़ी कोरवा जनजाति है. पहाड़ी कोरवा को राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों का स्थान मिला है. राज्य सरकार ने इन्हें विशेष पिछड़ी जनजाति का दर्जा दिया है. पहाड़ी कोरवा जनजाति छत्तीसगढ़ के पूर्वी क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों की नस्ल है. इनका अपना रहन-सहन, खान-पान, सभ्यता और संस्कृति है. इस जनजाति पर बढ़ रहे खतरे को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने इन्हें संरक्षित सूची में स्थान दिया है.

नारायण चंदेल ने बघेल सरकार पर लगाया बड़ा आरोप

रायपुर: छत्तीसगढ़ के सुदूर जशपुर जिले के बगीचा थाना अंतर्गत पहाड़ी कोरवा परिवार की खुदकुशी मामले में राजनीति शुरू हो गई है. भाजपा ने 2 मासूम बच्चों की मौत का आरोप कांग्रेस की बघेल सरकार पर लगाया है. चंदेल ने कहा "पहाड़ी कोरवा दंपति ने अपने 2 बच्चों के साथ रोजगार के अभाव और भूख के कारण मौत को गले लगा लिया. ये बघेल सरकार के लिए शर्मनाक बात है. पहाड़ी कोरवा दंपति रोजगार ना होने के कारण 15 किलोमीटर दूर महुआ बीनने जाते थे. उन्होंने जंगल में ही अपना स्थायी निवास बना रखा था. केंद्र सरकार की तरफ से गरीबों को हर माह अनाज दिया जाता है लेकिन ये अनाज गरीबों तक नहीं पहुंच पाता. छत्तीसगढ़ की बघेल सरकार इस अनाज को भी भ्रष्टाचार के खेल में डकार रही है."

भूपेश सरकार कर रही खाद्यान्न घोटाला: नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा " जशपुर के सुदूर गांव में किसी तरह का रोजगार मूलक काम नहीं चलाया जा रहा है. यही कारण है कि रोजगार के अभाव में पहाड़ी कोरवा दंपति ने अपने बच्चों के साथ जिंदगी खत्म कर ली. इसके लिए पूरी तरह से भूपेश सरकार दोषी हैं. पूरे प्रदेश में राज्य सरकार ने 600 करोड़ से ज्यादा की राशि का खाद्यान्न घोटाला किया है. इसकी उच्च स्तरीय जांच करना जरूरी है. लेकिन सरकार उसके लिए भी तैयार दिखाई नहीं देती है, जिस गांव में पहाड़ी कोरवा दंपति ने आत्महत्या किया, वहां का पूरा क्षेत्र बगैर सड़क के है. यहां किसी तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं है."

यह भी पढ़ें: jashpur pahadi korwa suicide जशपुर में पहाड़ी कोरवा परिवार के 4 लोगों ने की खुदकुशी, 2 बच्चे भी शामिल

उच्च स्तरीय जांच हो: नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा " किसी भी सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने नागरिकों को भूख से मुक्त रखे. लेकिन दुर्भाग्य है कि पहाड़ी कोरवा आदिवासी को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का खाद्यान्न भी नहीं मिल पा रहा.भाजपा इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग करती हैं. छत्तीसगढ़ की सरकार से हम कहना चाहेंगे कि प्रदेश में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो. इसके लिए सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत है."

ये है पूरा मामला: जशपुर जिले के बगीचा थाना क्षेत्र में पहाड़ी कोरवा परिवार के 4 लोगों ने रविवार को फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. मृतकों में माता-पिता सहित दो बच्चे शामिल हैं. माना जा रहा है कि पति-पत्नी ने पहले बच्चों की हत्या की, उसके बाद खुद फांसी पर लटक गए. ग्राम सम्हार बहार के झूमरा डूमर बस्ती से कुछ ही दूरी पर एक पेड़ पर चारों के शव लटके मिले.

कौन हैं पहाड़ी कोरवा: छत्तीसगढ़ में पाई जाने वाली 42 जनजातियों में से एक पहाड़ी कोरवा जनजाति है. पहाड़ी कोरवा को राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों का स्थान मिला है. राज्य सरकार ने इन्हें विशेष पिछड़ी जनजाति का दर्जा दिया है. पहाड़ी कोरवा जनजाति छत्तीसगढ़ के पूर्वी क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों की नस्ल है. इनका अपना रहन-सहन, खान-पान, सभ्यता और संस्कृति है. इस जनजाति पर बढ़ रहे खतरे को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने इन्हें संरक्षित सूची में स्थान दिया है.

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