रायपुर: धनतेरस के दूसरे दिन कार्तिक मास की चतुर्दशी को नरक चौदस या रूप चौदस मनाया जाता है. इस दिन लंबी उम्र और सौंदर्य प्राप्ति के लिए पूजा-अर्चना की जाती है. पौराणिक कथा के मुताबिक इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था.
नरकासुर ने 16 हजार स्त्रियों को कैद कर रखा था और कुछ देवी-देवताओं को भी कैद कर लिया था, जिन्हें भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध कर मुक्त कराया था. इसलिए भी इसे नरक चौदस के नाम से जाना जाता है.
मान्यता है कि सूर्योदय के पहले स्नान करने से पुण्य मिलता है. राजधानी रायपुर के समय के हिसाब से सुबह 6 बज के 7 मिनट पर सूर्योदय होगा. सूर्योदय के पहले स्नान करने से लाभ मिलेगा. इस दिन सुगंधित द्रव्य, उबटन, दूध, दही आदि से स्नान कर महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं.
नहीं सताता मृत्यु का डर
कहा जाता है कि, इस तरह श्रृंगार कर यमराज को प्रसन्न करने के लिए दीप प्रज्जवलित करने से मनुष्य को मृत्यु का डर नहीं सताता. ऐसा माना जाता है कि ये दिन सौंदर्य का होता है. रुप, गुण, रस इन सभी के लिए ध्यान मन से यमराज को दीप दान करने से सौभाग्य प्राप्त होता है. कुछ शास्त्रों के मुताबिक इसी दिन यानी कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान हनुमान ने जन्म लिया था. इसलिए इस दिन भगवान हनुमान की भी पूजा की जाती है.