देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड आए हुए हैं. शनिवार को प्रधानमंत्री ने केदारनाथ धाम में बाबा केदार के दर्शन कर पूजा-अर्चना कर ध्यान गुफा में साधना की. ध्यान साधना पूरी होने के बाद अब बदरीनाथ धाम के दर्शन करेंगे. शास्त्रों और पुराणों में बदरीनाथ धाम को दूसरा बैकुण्ठ कहा जाता है. एक बैकुण्ठ क्षीर सागर है जहां भगवान विष्णु निवास करते हैं और विष्णु का दूसरा निवास बदरीनाथ में है जो धरती पर मौजूद है. जिससे इस धाम की महत्ता काफी बढ़ जाता है.
पुराणों के अनुसार सतयुग तक यहां पर हर व्यक्ति को भगवान विष्णु के साक्षात दर्शन हुआ करते थे. त्रेता में यहां देवताओं और साधुओं को भगवान के साक्षात दर्शन मिलते थे. द्वापर में जब भगवान श्री कृष्ण रूप में अवतार लेने वाले थे उस समय भगवान ने यह नियम बनाया कि अब से यहां मनुष्यों को उनके विग्रह के दर्शन होंगे.
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बदरीनाथ धाम का महत्व
दो पर्वत श्रृखंलाओं के बीच स्थित है बदरीनाथ धाम में नर और नारायण नाम की दो पर्वत श्रृखंलाओं के बीच स्थित है. मंदिर में भगवान विष्णु के रूप में बदरीनारायण की पूजा होती है. यहां भगवान की मूर्ति शालिग्राम से निर्मित है. मान्यता के अनुसार भगवान की इस मूर्ति को 8वीं शताब्दी के आसपास शंकराचार्य जी ने नारायण कुंड से निकालकर यहां स्थापित किया था. इस मूर्ति को श्री हरी की स्वत: प्रकट हुई 8 प्रतिमाओं में से एक माना गया है.
हर साल सर्दियों में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और प्रत्येक साल बसंत पंचमी के दिन राजपुरोहितों द्वारा कपाट खोलने का मुहूर्त निकाला जाता है. इसके बाद उसी तय तिथि पर बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाते है, जो अक्टूबर-नवंबर में बंद होते है.
पौराणिक मान्यता
कहा जाता है कि भगवान विष्णु से पहले यह जगह भगवान शिव और माता पार्वती को काफी पसंद थी. भगवान विष्णु जब अपने ध्यानयोग के लिए जगह ढूंढ रहे थे, तब उन्हें अलकनन्दा के समीप का यह स्थान काफी पसंद आ गया. नीलकण्ठ पर्वत के समीप भगवान विष्णु ने बाल रूप में अवतार लिया और रोने लगे. बच्चे की रोने की आवाज सुनकर माता पार्वती का हृदय द्रवित हो उठा और उन्होंने बालक के समीप उपस्थित होकर उसे काफी मनाने का प्रयास किया. बालक रूप में भगवान विष्णु ने उनसे ध्यानयोग के लिए वो स्थान मांग लिया. तब से ये जगह भगवान विष्णु का धाम बन गया. जहां हर साल देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं.
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पीएम बनने के बाद पहला दौरा
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी का बदरीनाथ धाम का यह पहला दौरा है. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी साल 2000 में भाजपा के प्रभारी रहते हुए एक कार्यक्रम में शिरकत करने बदरीनाथ धाम पहुंचे थे. समय का अभाव होने के चलते वे बही में अपना नाम दर्ज नहीं करवा पाए थे. लेकिन उनके परिवार के जो भी सदस्य बदरीनाथ धाम पहुंचे उनका नाम बही में दर्ज है.