रायपुरः भारतीय दूतावास शिकागो (Tribal Pride Day of Embassy of India Chicago) और उत्तरी अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन (NACHA celebrated Tribal Pride Day) ने अमेरिका में 11 दिसंबर को जनजातीय गौरव दिवस (Tribal Pride Day) मनाया गया. नाचा ने विश्वपटल पर छत्तीसगढ़ स्वतंत्रता सेनानियों (chhattisgarh freedom fighters) के योगदान और आदिवासी संस्कृति को जीवंत कर दिया. कार्यक्रम के माध्यम से नाचा छत्तीसगढ़ की संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दिलाई है.इस विषय में नाचा के संस्थापक दीपाली सरावगी (Nacha founder Deepali Saraogi) ने भारत अमेरिका समुदाय को छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह (First Freedom Fighter Shaheed Veer Narayan Singh) की जीवनी प्रस्तुत की. उन्होंने साझा किया कि कैसे शहीद वीर नारायण सिंह अंग्रेजों के खिलाफ लड़े. आज पूरे भारत को उन पर गर्व है.
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पहली बार अंतर्राष्ट्रीय मंच आदिवासी समुदाय की कहानी साझा हुई
इस विषय में नाचा के कार्यकारी उपाध्यक्ष तिजेंद्र साहू (Nacha Executive Vice President Tijendra Sahu) ने छत्तीसगढ़ में आदिवासी समुदाय कैसे रहते हैं, इसके बारे में बताते हुए संस्कृति और राज्य के प्रति उनके योगदान को दर्शाया. छत्तीसगढ़ी प्रवासी भारतीयों द्वारा आदिवासी समुदाय की योगदान की कहानी साझा करना अविस्मरणीय पल था इस कार्यक्रम में नाचा ने बस्तर आदिवासी नृत्य प्रस्तुत किया. यह पहला मौका है जब किसी गैर सरकारी संगठन ने किसी विदेशी भूमि में इस तरह का आयोजन किया है.NACHA हमारी राज्य-समृद्ध संस्कृति को एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने के लिए कार्य करना जारी रखे हुए है.
अन्य देशों में भारतीय आदिवासी समुदायों को ढूंढना मुश्किल
भारत के महावाणिज्य दूत अमित कुमार (Consul General of India Amit Kumar) इस भागीदारी के लिए NACHA के कार्यकारी सदस्यों के कार्यक्रम को लेकर आभार व्यक्त किये हैं.जब केंद्र सरकार ने जनजातीय गौरव दिवस समारोह की घोषणा की, क्योंकि वैश्विक स्तर पर भारतीय दूतावास इस कार्यक्रम की मेजबानी करने की योजना बना रहा है. चूंकि अमेरिका और अन्य देशों में भारतीय आदिवासी समुदायों को ढूंढना मुश्किल है, इसलिए नाचा ने भारतीय दूतावास से मिलकर इस आयोजन को सफल बनाया है.
दर्शक भी आदिवासी नृत्य पर झूमने लगे
कार्यक्रम के दौरान नाचा शिकागो की कार्यकारी सदस्यगण आदिवासी वेशभूषा में नजर आये, जो कि इस बात का प्रमाण है कि छत्तीसगढी संस्कृति को लेकर वे कितने उत्साहित हैं. पाश्चात्य जीवनशैली में सहजता के बावजूद वो अपनी संस्कृति को भूले नही है. इसके लिए नाचा के सभी सदस्यों ने बहुत मेहनत की है. नाचा के सदस्यों द्वारा आदिवासी नृत्य की प्रस्तुति ने सभी दर्शको का मन मोह लिया, सभी दर्शक नृत्य देखकर झूम उठे.एनआरआई किसी भी राज्य और देश के लिए एक ब्रांड एंबेसडर है. NACHA के उत्कृष्ट कार्यो से और NRI समुदाय की भागीदारी से राज्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान मिलेगा और हमारी विरासत और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कई काम किये जाते रहेंगे.