रायपुर: कोरोना वायरस से बचाव के लिए शासन ने एहतियात के तौर पर प्रदेश में धारा 144 लगाया है, लेकिन मुरुम माफिया इसकी खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं. मुरुम माफिया मानसून से पहले एक बार फिर सक्रिय हैं और बारिश से पहले ज्यादा से ज्यादा मुरुम खनन कर स्टॉक कर रखने में लगे हैं. अभनपुर जनपद पंचायत के केंद्री गांव में मुरुम माफिया पंचायत जनप्रतिनिधियों को अंधेरे में रख दिन-रात मुरुम खुदाई में लगे हैं.
केंद्री में कुछ महीने पहले मनरेगा के तहत लगभग 9 लाख रुपये की लागत से तालाब में खुदाई का काम कराया गया था. अब मुरुम माफिया तालाब खुदाई के दौरान निकले मुरुम का परिवहन करने में लगे हैं. इसके लिए 13 हाइवा से मुरुम का परिवहन किया जा रहा है. दरअसल, मुरुम माफिया पैसों की लालच में तय गाइडलाइन से ज्यादा खुदाई भी कर देते हैं, या जहां-तहां खुदाई कर देते हैं. जिससे बरसात में गड्ढे में पानी भर जाने से हादसे की आशंका बनी रहती है. वहीं तालाब गहरा होने से पर्यावरण को भी नुकसान होनी की आशंका रहती है.
दुर्घटना को निमंत्रण
मुरुम माफिया लगातार मुरुम की खुदाई करवा रहे हैं. मुरुम की ये खुदाई यहां के ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है. खुदाई के बाद बने बड़े-बड़े गड्ढे हादसे को निमंत्रण दे रहा है. तालाब बनाने के नाम पर यहां बड़े-बड़े गड्ठे बनते जा रहे हैं. जो बरसात में आम लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है.
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जिम्मेदारों का गोलमोल जवाब
मुरुम ठेकेदार के आदमी ने बताया कि अभनपुर का ठेकेदार यहां खुदाई करवा रहा है. रॉयल्टी काटे जाने को लेकर जब उससे सवाल पूछा गया, तो वह गोलमोल जवाब देने लगा. इधर, बताया जा रहा है, खनिज विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों को जानकारी होने के बाद भी वे मौके पर झांकने तक नहीं जा रहे हैं. जिससे सरकारी खजानों को भी चूना लगाया जा रहा है.