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जिनके लिए ताली बजाई, उन सफाईकर्मियों का दर्द, 'पानी मांगने पर भगा देते हैं लोग' - lock down

कोरोना को हराने के लिए हर वर्ग आगे आ रहा है. इसमें सफाईकर्मियों की भी अहम भूमिका है, जो अपनी ड्यूटी जी जान से कर रहे हैं, लेकिन इन्हें एक ग्लास पानी भी नहीं मिल पा रहा है.

सफाई कर्मचारी
सफाई कर्मचारी
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Published : Apr 2, 2020, 3:29 PM IST

Updated : Apr 2, 2020, 7:28 PM IST

रायपुर : जहां एक तरफ पूरा विश्व कोरोना नाम की महामारी से जूझ रहा है, तो वहीं हेल्थ सेक्टर्स, डॉक्टर्स-नर्सेज, मीडियाकर्मी, पुलिसकर्मी सफाईकर्मी जैसे कई लोग इसे रोकने में अहम योगदान दे रहे हैं. लेकिन ऐसे वक्त में भी कई लोग संवेदनहीनता का परिचय दे रहे हैं. सफाईकर्मियों का कहना है कि वे कोरोना से जंग में बराबर सहभागिता दे रहे हैं, लेकिन एक ग्लास पानी मांगने पर भी लोग उन्हें भगा देते हैं. बता दें कि इससे पहले कई राज्यों से डॉक्टरों-नर्सों से घर खाली कराने की बात भी सामने आई थी.

उन सफाईकर्मियों का दर्द, जिनकी कोई नहीं सुनता

नगर निगम कर्मचारी भी वार्ड में घूम-घूमकर दवा का छिड़काव कर रहे हैं और नाली साफ कर रहे हैं, ताकि लोगों को इस महामारी से बचाया जा सके.

सफाई कर्मचारी
सफाई कर्मचारी

नगर निगम कर्मचारियों का कहना है कि, 'इस महामारी और इस भीषण गर्मी में उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. न लोग, न पार्षद और न नगर निगम, उनको पानी तक के लिए पूछा नहीं जा रहा है. नगर निगम के सफाई कर्मचारी आनंद नाथ ने बताया कि, सुबह 6:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक काम करते हैं, इसके बाद हम हर वार्ड में घूमकर सफाई करते हैं. साथ ही दवा का छिड़काव करते हैं, पर हमें जब बीच में प्यास लगती है, तब पानी देने तक के लिए कोई नहीं होता है.

'पानी भी कोई नहीं देता'

उनका कहना है कि 'हम यह मानते हैं कि हमें घर से टिफिन और पानी खुद लाना चाहिए और हम लाते भी हैं, पर जब हम काम के लिए दूसरे वार्ड में जाते हैं, तब पीने का पानी और खाने का टिफिन ले जाना संभव नहीं होता'.

'हमारी सुध लेने के लिए कोई नहीं'

सफाईकर्मियों ने बताया कि जब वे संबंधित वार्ड पार्षद के पास या उस वार्ड के लोगों से पानी या कुछ खाने के लिए मांगते हैं, तो वहां के लोग हमें भगा देते हैं. वहीं नगर निगम पार्षद भी हमारी सुध लेने के लिए तैयार नहीं हैं. इस महामारी में हम अपनी जान हथेली पर रखकर लोगों की सेवा कर रहे हैं, पर हमारी सुध लेने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है'.

सफाई कर्मचारी
सफाई कर्मचारी

'उनका काम और उनकी मर्जी'

जब हमने इस संबंध में नगर निगम के जिम्मेदारों से बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने बताया कि यह तो उनका काम है और उन्हें यह उनकी मर्जी से ही करने कहा जा रहा है. पीने का पानी और टिफिन वह घर से लेकर आते हैं. नगर निगम में जो खाना बन रहा है वह उन लोगों के लिए है. नगर निगम में जितना भी खाना बनाया जाता है, वह हम लोगों में बांट देते हैं. अधिकारी का कहना है कि नगर निगम कर्मचारी वार्ड-वार्ड में सफाई कर रहे हैं, उन्हें खुद घर से खाना लाना चाहिए.

रायपुर : जहां एक तरफ पूरा विश्व कोरोना नाम की महामारी से जूझ रहा है, तो वहीं हेल्थ सेक्टर्स, डॉक्टर्स-नर्सेज, मीडियाकर्मी, पुलिसकर्मी सफाईकर्मी जैसे कई लोग इसे रोकने में अहम योगदान दे रहे हैं. लेकिन ऐसे वक्त में भी कई लोग संवेदनहीनता का परिचय दे रहे हैं. सफाईकर्मियों का कहना है कि वे कोरोना से जंग में बराबर सहभागिता दे रहे हैं, लेकिन एक ग्लास पानी मांगने पर भी लोग उन्हें भगा देते हैं. बता दें कि इससे पहले कई राज्यों से डॉक्टरों-नर्सों से घर खाली कराने की बात भी सामने आई थी.

उन सफाईकर्मियों का दर्द, जिनकी कोई नहीं सुनता

नगर निगम कर्मचारी भी वार्ड में घूम-घूमकर दवा का छिड़काव कर रहे हैं और नाली साफ कर रहे हैं, ताकि लोगों को इस महामारी से बचाया जा सके.

सफाई कर्मचारी
सफाई कर्मचारी

नगर निगम कर्मचारियों का कहना है कि, 'इस महामारी और इस भीषण गर्मी में उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. न लोग, न पार्षद और न नगर निगम, उनको पानी तक के लिए पूछा नहीं जा रहा है. नगर निगम के सफाई कर्मचारी आनंद नाथ ने बताया कि, सुबह 6:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक काम करते हैं, इसके बाद हम हर वार्ड में घूमकर सफाई करते हैं. साथ ही दवा का छिड़काव करते हैं, पर हमें जब बीच में प्यास लगती है, तब पानी देने तक के लिए कोई नहीं होता है.

'पानी भी कोई नहीं देता'

उनका कहना है कि 'हम यह मानते हैं कि हमें घर से टिफिन और पानी खुद लाना चाहिए और हम लाते भी हैं, पर जब हम काम के लिए दूसरे वार्ड में जाते हैं, तब पीने का पानी और खाने का टिफिन ले जाना संभव नहीं होता'.

'हमारी सुध लेने के लिए कोई नहीं'

सफाईकर्मियों ने बताया कि जब वे संबंधित वार्ड पार्षद के पास या उस वार्ड के लोगों से पानी या कुछ खाने के लिए मांगते हैं, तो वहां के लोग हमें भगा देते हैं. वहीं नगर निगम पार्षद भी हमारी सुध लेने के लिए तैयार नहीं हैं. इस महामारी में हम अपनी जान हथेली पर रखकर लोगों की सेवा कर रहे हैं, पर हमारी सुध लेने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है'.

सफाई कर्मचारी
सफाई कर्मचारी

'उनका काम और उनकी मर्जी'

जब हमने इस संबंध में नगर निगम के जिम्मेदारों से बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने बताया कि यह तो उनका काम है और उन्हें यह उनकी मर्जी से ही करने कहा जा रहा है. पीने का पानी और टिफिन वह घर से लेकर आते हैं. नगर निगम में जो खाना बन रहा है वह उन लोगों के लिए है. नगर निगम में जितना भी खाना बनाया जाता है, वह हम लोगों में बांट देते हैं. अधिकारी का कहना है कि नगर निगम कर्मचारी वार्ड-वार्ड में सफाई कर रहे हैं, उन्हें खुद घर से खाना लाना चाहिए.

Last Updated : Apr 2, 2020, 7:28 PM IST
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