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सुंदर तस्वीरें: कहीं नवजात को मां की गोद मिली, तो कहीं संक्रमित महिला बनी मम्मी - एम्स रायपुर

मुंगेली में कोविड- 19 से पीड़ित 23 साल की महिला ने एक जून को बच्ची को जन्म दिया था. नवजात मां से दूर थी. उसे दो दिन एक्सट्रेक्टिड दूध पिलाया गया. मां की दो रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद बच्ची को उसके पास पहुंचाया गया. वहीं रायगढ़ के कोविड-19 अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ को कोरोना वायरस संक्रमित महिला का सुरक्षित प्रसव कराने में सफलता मिली है.

mungeli child met with her mother raigarh corona positive woman gave birth to child
नवजात को मिली मां की गोद
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Published : Jun 4, 2020, 9:14 PM IST

रायपुर/ रायगढ़: छत्तीसगढ़ से सुकून देने वाली दो खबरें हैं. पहली मुंगेली से है. यहां कोविड- 19 से पीड़ित 23 साल की महिला ने एक जून को बच्ची को जन्म दिया था. नवजात मां से दूर थी. उसे दो दिन एक्सट्रेक्टिड दूध पिलाया गया. मां की दो रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद बच्ची को उसके पास पहुंचाया गया. दोनों एम्स विशेषज्ञों की निगरानी में हैं. बच्ची की रिपोर्ट जल्द आएगी.

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कोरोना वायरस संक्रमित महिला का सुरक्षित प्रसव

वहीं रायगढ़ के कोविड-19 अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ को कोरोना वायरस संक्रमित महिला का सुरक्षित प्रसव कराने में सफलता मिली है. प्रसव के बाद जच्चा और बच्चा दोनों की हालत स्थिर है. बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है और उसमें कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं है. रायगढ़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सी-सेक्शन डिलीवरी का यह पहला प्रकरण है. गर्भवती महिला के कोविड-19 पीड़ित होने के कारण सुरक्षित प्रसव कराना चुनौतीपूर्ण था. कोरोना वायरस संक्रमण की चुनौती से निपटने प्रदेश में तैयार किए जा रहे विशेषीकृत कोविड अस्पतालों में डिलीवरी का यह पहला प्रकरण था.

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एम्स रायपुर ने दी जानकारी

2 जून को हुई थी डिलीवरी

जम्मू से लौटी रायगढ़ के सारंगढ़ विकासखंड की गर्भवती महिला को गांव के क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया था. वहां से उसे 31 मई को रायगढ़ जिला चिकित्सालय रेफर किया गया था. क्वॉरेंटाइन सेंटर से लाई गई इस महिला को आइसोलेशन वार्ड में रखकर कोरोना वायरस जांच के लिए सैंपल लिया गया था. आरटी-पीसीआर टेस्ट में रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद तत्काल इलाज के लिए रायगढ़ के डेडीकेटेड कोविड अस्पताल शिफ्ट किया गया, जहां 2 जून को सुबह डॉक्टरों की टीम ने महिला की सफल और सुरक्षित डिलीवरी कराई.

पढ़ें-बस्तर: जिले के 451 क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रह रहे हैं 3 हजार से ज्यादा लोग, पहले से सुधरे इंतजाम

स्टाफ नर्सों द्वारा नवजात की देखभाल की जा रही है. साथ ही महिला का कोविड-19 का इलाज जारी है. प्रदेश में बनाए गए विभिन्न कोविड अस्पतालों में इलाजरत मरीज लगातार ठीक होकर घर लौट रहे हैं.

रायपुर/ रायगढ़: छत्तीसगढ़ से सुकून देने वाली दो खबरें हैं. पहली मुंगेली से है. यहां कोविड- 19 से पीड़ित 23 साल की महिला ने एक जून को बच्ची को जन्म दिया था. नवजात मां से दूर थी. उसे दो दिन एक्सट्रेक्टिड दूध पिलाया गया. मां की दो रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद बच्ची को उसके पास पहुंचाया गया. दोनों एम्स विशेषज्ञों की निगरानी में हैं. बच्ची की रिपोर्ट जल्द आएगी.

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कोरोना वायरस संक्रमित महिला का सुरक्षित प्रसव

वहीं रायगढ़ के कोविड-19 अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ को कोरोना वायरस संक्रमित महिला का सुरक्षित प्रसव कराने में सफलता मिली है. प्रसव के बाद जच्चा और बच्चा दोनों की हालत स्थिर है. बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है और उसमें कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं है. रायगढ़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सी-सेक्शन डिलीवरी का यह पहला प्रकरण है. गर्भवती महिला के कोविड-19 पीड़ित होने के कारण सुरक्षित प्रसव कराना चुनौतीपूर्ण था. कोरोना वायरस संक्रमण की चुनौती से निपटने प्रदेश में तैयार किए जा रहे विशेषीकृत कोविड अस्पतालों में डिलीवरी का यह पहला प्रकरण था.

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एम्स रायपुर ने दी जानकारी

2 जून को हुई थी डिलीवरी

जम्मू से लौटी रायगढ़ के सारंगढ़ विकासखंड की गर्भवती महिला को गांव के क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया था. वहां से उसे 31 मई को रायगढ़ जिला चिकित्सालय रेफर किया गया था. क्वॉरेंटाइन सेंटर से लाई गई इस महिला को आइसोलेशन वार्ड में रखकर कोरोना वायरस जांच के लिए सैंपल लिया गया था. आरटी-पीसीआर टेस्ट में रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद तत्काल इलाज के लिए रायगढ़ के डेडीकेटेड कोविड अस्पताल शिफ्ट किया गया, जहां 2 जून को सुबह डॉक्टरों की टीम ने महिला की सफल और सुरक्षित डिलीवरी कराई.

पढ़ें-बस्तर: जिले के 451 क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रह रहे हैं 3 हजार से ज्यादा लोग, पहले से सुधरे इंतजाम

स्टाफ नर्सों द्वारा नवजात की देखभाल की जा रही है. साथ ही महिला का कोविड-19 का इलाज जारी है. प्रदेश में बनाए गए विभिन्न कोविड अस्पतालों में इलाजरत मरीज लगातार ठीक होकर घर लौट रहे हैं.

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