रायपुर: सांसद सुनील सोनी और एससी मोर्चा के अध्यक्ष नवीन मार्कंडेय ने रविवार को पत्रकारों से चर्चा की है. इस दौरान उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल के अगले 5 साल में 5 करोड़ से ज्यादा अनुसूचित जाति के छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति के केंद्रीय प्रायोजित स्किम के बारे में बताया.
अनुसूचित जाती के बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत अनुसूचित जाति के छात्रों की बढ़ाई के लिए अब हर साल पांच गुना ज्यादा राशि खर्च की जाएगी. इसके लिए अगले पांच वर्ष में 59000 करोड़ रुपये की मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना को मंजूरी दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. इसके तहत केंद्र सरकार 60 प्रतिशत और शेष 40 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकारें उपलब्ध करायेंगे. इससे अनुसूचित जाति वर्ग के चार करोड़ से अधिक छात्रों को लाभ होगा.
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आर्थिक तंगी के कारण आगे की पढ़ाई नहीं कर पाते छात्र
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने संवाददाताओं के बताया कि अनुसूचित जाति से संबंधित छात्रों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति (पीएमएस-एससी) की केंद्र प्रायोजित योजना को बड़े परिवर्तनों के साथ मंजूरी दी गई है ताकि छात्र अपनी उच्चतर शिक्षा को सफलतापूर्वक पूरा कर सकें. सुनील सोनी ने कहा कि पढ़ना सब चाहते हैं, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वे पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते हैं. जिसे देखते हुए ये फैसला लिया गया है.
पिछले तीन साल (2017-18 से 2019-20) के दौरान इस योजना के तहत सालाना 1100 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता प्रदान की जाती थी. अब इसे पांच गुना बढ़ा दिया गया है. यह स्कीम की सुदृढ़ सुरक्षा उपायों के साथ ऑनलाइन प्लेटफार्म पर संचालित की जाएगी, जिससे पारदर्शिता, जवाबदेही, कार्य क्षमता तथा बिना विलम्ब के समयबद्ध सहायता सुनिश्चित होगी.