रायपुर: छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम ने केंद्रीय इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने नगरनार इस्पात संयंत्र के निजीकरण पर आपत्ति जताई है. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से इस विषय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.
सांसद फूलोदेवी ने पत्र में लिखा है कि भारत सरकार इस्पात मंत्रालय के अधीन नवरत्न सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम एनएमडीसी लिमिटेड द्वारा लगभग 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से बस्तर में नगरनार स्टील प्लांट लगाया जा रहा है. अभी यह प्रोजेक्ट पूरा भी नहीं हुआ है, लेकिन केंद्र सरकार ने बस्तर के इस स्टील प्लांट का निजीकरण करने का फैसला ले लिया है. जो बहुत ही ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण है.
सांसद फूलोदेवी ने केंद्र सरकार से की ये मांग
फूलोदेवी ने लिखा है कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचल में सार्वजनिक क्षेत्र के प्रस्तावित स्टील प्लांट का निजीकरण किया जा रहा है. इससे लाखों आदिवासियों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को गहरा आघात पहुंचा है, जिसके कारण आदिवासी समुदाय आंदोलित हो रहे हैं. वहीं सांसद ने आग्रह किया है कि केंद्र सरकार नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के फैसले पर फिर से विचार करे और इसे सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम के रूप में ही रखा जाए.
मुख्यमंत्री बघेल ने 27 अगस्त को पीएम मोदी को लिखा था पत्र
बता दें, 27 अगस्त को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बस्तर के नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के फैसले पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया था.
पढ़ें: मुख्यमंत्री बघेल ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, कहा- नगरनार स्टील प्लांट का न करें निजीकरण
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा था कि NMDC की ओर से लगभग 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से बस्तर स्थित निर्माणाधीन नगरनार स्टील प्लांट का निकट भविष्य में शुरू होना संभावित है. इस स्टील प्लांट के शुरू होते ही बस्तर की बहुमूल्य खनिज सम्पदा का दोहन किया जाएगा. बस्तर स्थित NMDC के नगरनार स्टील प्लांट में उपयोग से राष्ट्र निर्माण में अपनी अमिट सहयोग प्रदान होने और इस औद्योगिक इकाई के शुभारंभ होने से क्षेत्र में हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध होने की संभावना है, जिससे बस्तरवासी गौरान्वित महसूस कर रहे थे, लेकिन बीते दिनों कुछ समाचार पत्रों और अन्य माध्यमों से यह जानकारी प्राप्त हुई कि केन्द्र सरकार बस्तर के नगरनार स्टील प्लांट को निजी लोगों के हाथों में बेचने की तैयारी में है.
पत्र में सीएम ने कही थी ये बात
सीएम ने लिखा था कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचल में सार्वजनिक क्षेत्र के प्रस्तावित स्टील प्लांट का निजीकरण किया जाना अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण होगा. केन्द्र सरकार के इस कदम से लाखों आदिवासियों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को गहरा आघात पहुंचेगा. नगरनार स्टील प्लांट का इस प्रकार के निजीकरण के समाचार से समुचे प्रदेश के साथ-साथ बस्तरवासियों को गहरा धक्का लगा है.