रायपुर : संसद के शीतकालीन सत्र 2021 (winter session of parliament 2021) के पहले दिन छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana in Chhattisgarh) के क्रियान्वयन में राज्य सरकार की घोर उपेक्षा के कारण प्रदेश के लाखों गरीब इससे वंचित हैं. सांसद अरुण साव ने संसद के शीतकालीन सत्र 2021 के पहले दिन प्रधानमंत्री आवास योजना का मामला लोकसभा में उठाया.
29 नवंबर से शुरू हुआ संसद का शीतकालीन सत्र
संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर (Winter session of Parliament begins from November 29) से प्रारंभ हुआ. पहले दिन ही सांसद अरुण साव ने प्रधानमंत्री आवास योजना का मामला लोकसभा में नियम 377 के तहत लोक महत्व के मुद्दे के रूप में उठाया. उन्होंने कहा कि देश में पीएम नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद गरीबों को पक्का मकान उपलब्ध कराने के लिए एक अति महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम से शुरू की गई है. साल 2019 के बाद राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद गरीबों के साथ अन्याय करते हुए गरीबों को मकान से वंचित करने का घोर पाप हो रहा है.
छत्तीसगढ़ सरकार केंद्र के निर्देश की कर रही उपेक्षा
बिलासपुर सांसद अरुण साव (Bilaspur MP Arun Saw) ने छत्तीसगढ़ सरकार पर आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार के बार-बार आग्रह और निर्देश के बाद भी प्रदेश सरकार इसकी घोर उपेक्षा करते हुए न नए आवास का पंजीयन-स्वीकृति कर रही है. न ही पुराने स्वीकृत आवासों को ही पूरा कर रही है. और तो और राज्यांश भी राज्य सरकार उपलब्ध नहीं करा रही है. इस प्रकार राज्य सरकार की घोर उपेक्षा से छत्तीसगढ़ के लाखों गरीब परिवार, प्रधानमंत्री आवास जैसे अति महत्वाकांक्षी योजना के लाभ से वंचित हो रहे हैं.
वित्तीय वर्ष 2021-22 में एक भी आवास नहीं बना
यहां उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में वित्तीय वर्ष 2016-17 में 2,26,363, वित्तीय वर्ष 2017-18 में 200900, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 3,25,212, वित्तीय वर्ष 2019-20 में महज 69,365, वित्तीय वर्ष 2020-21 में महज 02 एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 में 0 (शून्य) प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) बने हैं.
गरीबों को आवास उपलब्ध कराने की मांग
सांसद अरुण साव ने छत्तीसगढ़ सरकार से आग्रह किया है कि गरीबों के साथ अन्याय बंद कर उन्हें प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध कराए. उन्होंने केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के समुचित कियान्वयन के लिए राज्य सरकार को निर्देशित करे, ताकि गरीबों को उनका हक मिल सके.