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Chhattisgarh Tiger Conservation छत्तीसगढ़ में बाघों पर खर्च राशि को लेकर मोहम्मद अकबर ने गागड़ा के ज्ञान पर उठाए सवाल - मोहम्मद अकबर ने गागड़ा के ज्ञान पर उठाए सवाल

छत्तीसगढ़ में बाघ संरक्षण को लेकर खर्च किए गए करोड़ों रुपयों के सवाल पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने पूर्व वन मंत्री गागड़ा से सवाल किए हैं. उन्होंने गागड़ा से पूछा कि उनकी सरकार के दौरान चार साल में बाघों के संरक्षण पर 229 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए बावजूद इसके बाघों की संख्या 46 से 19 कैसे हो गई.

chhattisgarh tiger conservation
छत्तीसगढ़ में बाघ संरक्षण
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Published : Mar 20, 2023, 8:19 AM IST

छत्तीसगढ़ में बाघ संरक्षण

रायपुर: छत्तीसगढ़ में बाघ संरक्षण के लिए 3 साल में 183 करोड़ रुपये खर्च किए जाने के मामले में वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा पर जोरदार हमला बोला है. अकबर ने कहा "भाजपा सरकार में 4 साल में 229 करोड़ रुपए खर्च किए गए, बावजूद इसके उन 4 साल में बाघों की संख्या नहीं बढ़ी, उल्टा उस दौरान बाघों की संख्या 46 से 19 हो गई. इतनी राशि खर्च करने के बाद भी 27 बाघ कहां गए, इसका जवाब पहले पूर्व वन मंत्री को देना चाहिए. "

टाइगर रिजर्व क्षेत्र संरक्षण के लिए खर्च होती है राशि: रायपुर में प्रेसवार्ता के दौरान मोहम्मद अकबर ने कहा कि "हमारी सरकार ने 3 साल में 183 करोड़ खर्च किया. ये रुपये सिर्फ टाइगर के कंजर्वेशन के लिए खर्च नहीं होता. ये पूरी राशि टाइगर रिजर्व क्षेत्र को संरक्षित करने के लिए है. उसमें अन्य वन्य प्राणी रहते हैं. उनके लिए भी खर्च करना होता है. तालाब बनाना है, पानी की व्यवस्था करना है, चारा का उत्पादन किस प्रकार से हो, इस प्रकार के खर्च होते हैं."

Raipur latest news: छत्तीसगढ़ में 19 बाघों पर 3 साल में लगभग 184 करोड़ रुपये खर्च, सवालों के घेरे में वन विभाग

गागड़ा के ज्ञान पर अकबर का सवाल: अकबर ने गागड़ा पर आरोप लगाते हुए कहा कि "महेश गागड़ा वन मंत्री रह चुके हैं, बावजूद उसके उन्हें इतना ज्ञान नहीं है. कोई भी आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए. साल 2014 में छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या को लेकर जो आंकड़े प्रकाशित हुए. उन्हें उसका जवाब जनता को देना चाहिए. 46 से टाइगर की संख्या 19 कैसे रह गई है, 27 टाइगर कहां गए."

छत्तीसगढ़ में इस समय तीन टाइगर रिजर्व अचानकमार, उदंती-सीतानदी और इंद्रावती टाइगर रिजर्व है. विगत तीन वर्षों में इन टाइगर रिजर्व में 81.98, 32.80 और 68.99 करोड़ रुपये खर्च हुए. इन तीनों टाइगर रिजर्व में पिछले तीन वर्षों में अग्नि सुरक्षा, पेट्रोलिंग, फायर वाचर, टीकाकरण, सूचना प्रोद्योगिकी, डीमार्केशन में 36.04 करोड़, रहवास सुधार, चारागाह विकास, बांस भिर्रा की सफाई, खरपतवार उन्मूलन के कार्यों में 66.34 करोड़, वन्यप्राणियों के पेयजल व्यवस्था के लिए तालाब निर्माण, स्टापडेम, एनीकट, तालाब गहरीकरण, वाटर होल, झिरिया के लिए 63.29 करोड़, निर्माण कार्यों के तहत रपटा, पुलिया, वन मार्ग, पेट्रोलिंग कैम्प, विभिन्न प्रकार के भवन निर्माण में 12.04 करोड़, नैसर्गिक पर्यटन के विकास कार्य में 1.34 करोड़ और कर्मचारी कल्याण सुविधा के लिए 4.72 करोड़ रुपये की राशि खर्च हुई जो तीन साल में 183.77 करोड़ रुपये कुल हुई.

छत्तीसगढ़ में बाघ संरक्षण

रायपुर: छत्तीसगढ़ में बाघ संरक्षण के लिए 3 साल में 183 करोड़ रुपये खर्च किए जाने के मामले में वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा पर जोरदार हमला बोला है. अकबर ने कहा "भाजपा सरकार में 4 साल में 229 करोड़ रुपए खर्च किए गए, बावजूद इसके उन 4 साल में बाघों की संख्या नहीं बढ़ी, उल्टा उस दौरान बाघों की संख्या 46 से 19 हो गई. इतनी राशि खर्च करने के बाद भी 27 बाघ कहां गए, इसका जवाब पहले पूर्व वन मंत्री को देना चाहिए. "

टाइगर रिजर्व क्षेत्र संरक्षण के लिए खर्च होती है राशि: रायपुर में प्रेसवार्ता के दौरान मोहम्मद अकबर ने कहा कि "हमारी सरकार ने 3 साल में 183 करोड़ खर्च किया. ये रुपये सिर्फ टाइगर के कंजर्वेशन के लिए खर्च नहीं होता. ये पूरी राशि टाइगर रिजर्व क्षेत्र को संरक्षित करने के लिए है. उसमें अन्य वन्य प्राणी रहते हैं. उनके लिए भी खर्च करना होता है. तालाब बनाना है, पानी की व्यवस्था करना है, चारा का उत्पादन किस प्रकार से हो, इस प्रकार के खर्च होते हैं."

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गागड़ा के ज्ञान पर अकबर का सवाल: अकबर ने गागड़ा पर आरोप लगाते हुए कहा कि "महेश गागड़ा वन मंत्री रह चुके हैं, बावजूद उसके उन्हें इतना ज्ञान नहीं है. कोई भी आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए. साल 2014 में छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या को लेकर जो आंकड़े प्रकाशित हुए. उन्हें उसका जवाब जनता को देना चाहिए. 46 से टाइगर की संख्या 19 कैसे रह गई है, 27 टाइगर कहां गए."

छत्तीसगढ़ में इस समय तीन टाइगर रिजर्व अचानकमार, उदंती-सीतानदी और इंद्रावती टाइगर रिजर्व है. विगत तीन वर्षों में इन टाइगर रिजर्व में 81.98, 32.80 और 68.99 करोड़ रुपये खर्च हुए. इन तीनों टाइगर रिजर्व में पिछले तीन वर्षों में अग्नि सुरक्षा, पेट्रोलिंग, फायर वाचर, टीकाकरण, सूचना प्रोद्योगिकी, डीमार्केशन में 36.04 करोड़, रहवास सुधार, चारागाह विकास, बांस भिर्रा की सफाई, खरपतवार उन्मूलन के कार्यों में 66.34 करोड़, वन्यप्राणियों के पेयजल व्यवस्था के लिए तालाब निर्माण, स्टापडेम, एनीकट, तालाब गहरीकरण, वाटर होल, झिरिया के लिए 63.29 करोड़, निर्माण कार्यों के तहत रपटा, पुलिया, वन मार्ग, पेट्रोलिंग कैम्प, विभिन्न प्रकार के भवन निर्माण में 12.04 करोड़, नैसर्गिक पर्यटन के विकास कार्य में 1.34 करोड़ और कर्मचारी कल्याण सुविधा के लिए 4.72 करोड़ रुपये की राशि खर्च हुई जो तीन साल में 183.77 करोड़ रुपये कुल हुई.

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