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छत्तीसगढ़ में मनरेगा कर्मचारियों की हड़ताल कैसे हुई स्थगित ?

छत्तीसगढ़ में मनरेगा कर्मचारियों की हड़ताल स्थगित हो (MNREGA workers strike postponed in Chhattisgarh) गई है. आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Excise Minister Kawasi Lakhma) ने रायपुर धरना स्थल पर मनरेगा कर्मियों से मुलाकात की. उन्होंने सरकार की तरफ से मनरेगा कर्मचारियों को आश्वासन दिया. जिसके बाद यह हड़ताल स्थगित हो गई है. आपको बता दें कि बीते 65 दिनों से मनरेगा कर्मचारियों की यहां हड़ताल जारी थी.

MNREGA workers strike postponed in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में मनरेगा कर्मचारियों की हड़ताल स्थगित
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Published : Jun 8, 2022, 3:52 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ मनरेगा करमचारी महासंघ ने अपनी हड़ताल स्थगित कर दी है. बीते 65 दिनों से जारी यह आंदोलन 66वें दिन स्थगित कर (Chhattisgarh MGNREGA workers strike postponed) दी गई. सरकार की तरफ से आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने मनरेगा कर्मचारियों से मुलाकात की जिसके बाद यह हड़ताल को स्थगित कर दिया गया. मंत्री कवासी लखमा ने मनरेगा कर्मियों की मांगें सुनीं ( MGNREGA workers strike postponed after talking Excise Minister Kawasi Lakhma) और उसके समाधान का आश्वासन दिया. जिसके बाद यह हड़ताल स्थगित की गई.

मनरेगा कर्मचारियों की मांगों को मंत्री कवासी लखमा ने सुना: आबकारी मंत्री कवासी लखमा रायपुर में मनरेगा कर्मचारियों के धरना (Chhattisgarh MGNREGA workers strike postponed) स्थल पर पहुंचे. उन्होंने मनरेगा कर्मचारियों की तरफ से सौंपे गए ज्ञापन पर विचार करने की बात कही. मनरेगा कर्मचारियों ने अपनी चार मांगें कवासी लखमा को बताई. जिसे मंत्री जी ने ध्यान पूर्व सुना और आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर विचार कर इसका निदान किया जाएगा

छत्तीसगढ़ में मनरेगा कर्मचारियों की हड़ताल स्थगित

ये भी पढ़ें: रायपुर में 12 हजार से ज्यादा मनरेगा कर्मचारियों का सामूहिक इस्तीफा, भूपेश को दी ये चेतावनी


मनरेगा कर्मचारियों के ज्ञापन की बड़ी बातें

  1. मांगों की पूर्ति हेतु गठित राज्य स्तरीय समिति द्वारा आगामी 3 माह के भीतर प्रक्रिया पूर्ण कर हमारे दो सूत्री मांगों पर सकारात्मक निर्णय लेते हुए कार्रवाई की जाए.
  2. राज्य मनरेगा आयुक्त के द्वारा 2 जून को 21 सहायक परियोजना अधिकारियों की सेवा समाप्ति के आदेश को वापस लेने के साथ ही सहायक परियोजना अधिकारियों को तुरंत बहाल किया जाए.
  3. सहायक परियोजना अधिकारी की बहाली होने के बाद ही 12,731 मनरेगा कर्मचारी सेवा में कार्य करेंगे
  4. 65 दिनों से चली आ रही अनिश्चितकालीन हड़ताल को शून्य करते हुए सरकार के द्वारा हड़ताल अवधि का वेतन समस्त मनरेगा कर्मचारियों को दिया जाए
  5. यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में हड़ताल को आधार मानते हुए किसी भी मनरेगा कर्मचारी के ऊपर प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की जाएगी.

छत्तीसगढ़ के मनरेगा कर्मचारियों की मांगें

मनरेगा कर्मचारियों की दो सूत्रीय मांगें हैं.

  1. चुनावी घोषणा पत्र के तहत सभी मनरेगा कर्मियों का नियमितीकरण किया जाए
  2. नियमितीकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने तक ग्राम रोजगार सहायकों का वेतनमान निर्धारण करते हुए समस्त मनरेगा कर्मियों पर सिविल सेवा नियम 1966 के साथ पंचायत कर्मी नियमावली लागू किया जाए

ये भी पढ़ें: रायपुर में मनरेगा कर्मचारियों ने क्यों निकाली शव यात्रा !

"सरकार मनरेगा कर्मचारियों की मांगों पर गंभीरता से करेगी विचार": आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने मनरेगा कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ के गांव गरीब का बच्चा बताया. उन्होंने कहा कि सरकार इनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करेगी. कवासी लखमा ने कहा कि सीएम भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के नंबर वन सीएम हैं.

छत्तीसगढ़ के मनरेगा कर्मचारी क्यों हैं नाराज: मनरेगा आयुक्त ने 2 जून को 21 सहायक परियोजना अधिकारियों की सेवा समाप्ति कर दी है. इस वजह से मनरेगा कर्मचारियों में गुस्सा है. इससे पहले भी छत्तीसगढ़ में मनरेगा संविदा कर्मियों की संविदा भर्ती नियम 2012 के तहत सीमा वृद्धि नहीं होने पर सेवा समाप्ति कर दी गई थी. करीब 3000 से अधिक मनरेगा कर्मचारियों की सेवा समाप्ति कर दी गई थी. करीब बीते 15 वर्षों में 20 फीसदी मनरेगा कर्मचारियों की छटनी कर दी गई थी. जिससे मनरेगा कर्मियों में नाराजगी है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ मनरेगा करमचारी महासंघ ने अपनी हड़ताल स्थगित कर दी है. बीते 65 दिनों से जारी यह आंदोलन 66वें दिन स्थगित कर (Chhattisgarh MGNREGA workers strike postponed) दी गई. सरकार की तरफ से आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने मनरेगा कर्मचारियों से मुलाकात की जिसके बाद यह हड़ताल को स्थगित कर दिया गया. मंत्री कवासी लखमा ने मनरेगा कर्मियों की मांगें सुनीं ( MGNREGA workers strike postponed after talking Excise Minister Kawasi Lakhma) और उसके समाधान का आश्वासन दिया. जिसके बाद यह हड़ताल स्थगित की गई.

मनरेगा कर्मचारियों की मांगों को मंत्री कवासी लखमा ने सुना: आबकारी मंत्री कवासी लखमा रायपुर में मनरेगा कर्मचारियों के धरना (Chhattisgarh MGNREGA workers strike postponed) स्थल पर पहुंचे. उन्होंने मनरेगा कर्मचारियों की तरफ से सौंपे गए ज्ञापन पर विचार करने की बात कही. मनरेगा कर्मचारियों ने अपनी चार मांगें कवासी लखमा को बताई. जिसे मंत्री जी ने ध्यान पूर्व सुना और आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर विचार कर इसका निदान किया जाएगा

छत्तीसगढ़ में मनरेगा कर्मचारियों की हड़ताल स्थगित

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मनरेगा कर्मचारियों के ज्ञापन की बड़ी बातें

  1. मांगों की पूर्ति हेतु गठित राज्य स्तरीय समिति द्वारा आगामी 3 माह के भीतर प्रक्रिया पूर्ण कर हमारे दो सूत्री मांगों पर सकारात्मक निर्णय लेते हुए कार्रवाई की जाए.
  2. राज्य मनरेगा आयुक्त के द्वारा 2 जून को 21 सहायक परियोजना अधिकारियों की सेवा समाप्ति के आदेश को वापस लेने के साथ ही सहायक परियोजना अधिकारियों को तुरंत बहाल किया जाए.
  3. सहायक परियोजना अधिकारी की बहाली होने के बाद ही 12,731 मनरेगा कर्मचारी सेवा में कार्य करेंगे
  4. 65 दिनों से चली आ रही अनिश्चितकालीन हड़ताल को शून्य करते हुए सरकार के द्वारा हड़ताल अवधि का वेतन समस्त मनरेगा कर्मचारियों को दिया जाए
  5. यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में हड़ताल को आधार मानते हुए किसी भी मनरेगा कर्मचारी के ऊपर प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की जाएगी.

छत्तीसगढ़ के मनरेगा कर्मचारियों की मांगें

मनरेगा कर्मचारियों की दो सूत्रीय मांगें हैं.

  1. चुनावी घोषणा पत्र के तहत सभी मनरेगा कर्मियों का नियमितीकरण किया जाए
  2. नियमितीकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने तक ग्राम रोजगार सहायकों का वेतनमान निर्धारण करते हुए समस्त मनरेगा कर्मियों पर सिविल सेवा नियम 1966 के साथ पंचायत कर्मी नियमावली लागू किया जाए

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"सरकार मनरेगा कर्मचारियों की मांगों पर गंभीरता से करेगी विचार": आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने मनरेगा कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ के गांव गरीब का बच्चा बताया. उन्होंने कहा कि सरकार इनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करेगी. कवासी लखमा ने कहा कि सीएम भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के नंबर वन सीएम हैं.

छत्तीसगढ़ के मनरेगा कर्मचारी क्यों हैं नाराज: मनरेगा आयुक्त ने 2 जून को 21 सहायक परियोजना अधिकारियों की सेवा समाप्ति कर दी है. इस वजह से मनरेगा कर्मचारियों में गुस्सा है. इससे पहले भी छत्तीसगढ़ में मनरेगा संविदा कर्मियों की संविदा भर्ती नियम 2012 के तहत सीमा वृद्धि नहीं होने पर सेवा समाप्ति कर दी गई थी. करीब 3000 से अधिक मनरेगा कर्मचारियों की सेवा समाप्ति कर दी गई थी. करीब बीते 15 वर्षों में 20 फीसदी मनरेगा कर्मचारियों की छटनी कर दी गई थी. जिससे मनरेगा कर्मियों में नाराजगी है.

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