रायपुर : राजधानी के शंकरनगर स्थित अपने निवास में रायपुर दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि सरकार अपने आप को वनवासियों, आदिवासियों और किसानों की हितैषी बताती है, लेकिन आज उन्हीं पर वह अत्याचार कर रही है.
कांग्रेस की सरकार किसान विरोधी
रायपुर दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यह सरकार पूरी तरह किसान विरोधी सरकार है. लखीमपुर खीरी में जाकर मुख्यमंत्री जी 50-50 लाख रुपए की घोषणा करके आते हैं. छत्तीसगढ़ में 503 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है, उनको 1 रुपया भी नहीं दे रहे हैं. आज नई राजधानी के किसान कोई नई चीज नहीं मांग रहे हैं. किसानों को 2500 सरकार देकर यह समझ रही है कि किसानों को उन्होंने खरीद लिया है. किसानों को सड़क, बिजली, यूरिया, घर कुछ नहीं मिल रहा है.
यूपी में कांग्रेस का होने वाला है बंटाधार
भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेताओं को चुनाव का मैनेजमेंट देखने के लिए उत्तर प्रदेश भेजा जा रहा है. बहुत सारे नेता चले गए हैं और कल हम सब भी जितने बचे हैं, जा रहे हैं और यह तय है कि भूपेश बघेल जहां जहां जाते है वहां पर बंटाधार होता है पहले असम में हुआ अब यूपी में होगा।
कार्यकर्ताओं पर रहे अत्याचार के विरोध में कल प्रदर्शन करेगी भाजपा
भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं पर पूरे प्रदेश में अन्याय हो रहा है. उन पर लाठी चार्ज हो रहा है. भ्रष्टाचार का विरोध अगर वह करते हैं तो उन्हें जेल में डाला जा रहा है. यहां तक कि व्हाट्सएप में भी अगर सरकार के खिलाफ कोई लिख देता है तो उनको धमकियां दी जाती हैं. उनको मैसेज को डिलीट करने के लिए मजबूर किया जाता है. भाजपा के कार्यकर्ताओं के साथ में पूरे प्रदेश में जो अन्याय और अत्याचार हो रहा है, उसके विरोध में कल भारतीय जनता पार्टी रायपुर में विशाल प्रदर्शन करने वाली है.
बजट सत्र को छोटा करना संसदीय इतिहास का काला अध्याय
शायद छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार हो रहा है कि बजट सत्र सिर्फ 13 दिन का होगा. यह सरकार लोकतंत्र की हत्या करने वाली सरकार है. यह सरकार संसदीय परंपराओं से भागने वाली सरकार है. बजट पर यह सरकार चर्चा नहीं करना चाहती. क्योंकि पिछले बजट का 25 प्रतिशत भी खर्च डेवलपमेंट के लिए प्रदेश में नहीं हुआ है. यह सब चीजें जनता के सामने न आ जाएं, इस वजह से सरकार चर्चा से भागना चाहती है. इसीलिए सरकार ने बजट सत्र छोटा कर दिया है. संसदीय इतिहास में इसको हम काला अध्याय कह सकते हैं.
25000 ट्राइबल बच्चों की मौत, किसकी जिम्मेदारी
पार्लियामेंट की रिपोर्ट के हिसाब से 25000 ट्राइबल बच्चों की मौत इलाज के अभाव में हो गई. प्रदेश में छोटे-छोटे एक्सीडेंट और बीमारियों के इलाज नहीं होने के कारण आदिवासियों, वनवासियों की मृत्यु हो जाती है. सरकार को डूबकर मर जाना चाहिए. सरकार वैसे तो आदिवासियों वनवासियों की बड़ी-बड़ी बात करते है. सरकार ही जवाब दे कि 25000 ट्राइबल बच्चों की जो मौत हुई है, उसकी जिम्मेदारी किसकी है.