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डायल 112 को लोगों ने बनाया मनोरंजन और टाइमपास, 3 साल में आए 36 लाख फेक कॉल्स - mischievous elements ringing

डायल 112 की इमरजेंसी सेवा में (dial 112 emergency telephone number) आ रहे फेक कॉल्स से पुलिस परेशान है. तंग आकर वे सारे नम्बरों को ब्लैंक कालर्स की सूची में डाल रहें हैं. सितंबर 2018 से लेकर 28 मई 2021 तक डायल 112 को 36 लाख से ज्यादा ब्लैंक कॉल प्रैंक कॉल मिले हैं.

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डायल 112 को लोगों ने बनाया मनोरंजन और टाइमपास
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Published : May 31, 2021, 1:09 PM IST

रायपुर: डायल 112 (dial 112 helpline number) एक इमरजेंसी नंबर है और सिर्फ इमरजेंसी सेवा के लिए इस्तेमाल होना चाहिए. अगर कोई इस नंबर पर फेक कॉल या बिना किसी काम के बार-बार फोन या मैसेज करता है तो यह एक तरह का जुर्म है. लेकिन शरारती तत्वों ने इसे ब्लैंक कॉल (blank call) और फेक कॉल (fake call) का जरिया बना लिया है.

डायल 112 को लोगों ने बनाया मनोरंजन और टाइमपास

डायल 112 को मिले 36 लाख ब्लैंक कॉल

डायल 112 को सितंबर 2018 से लेकर 28 मई 2021 तक 36 लाख 26 हजार 709 ब्लैंक कॉल प्राप्त हुए हैं. ये वो कॉल थे, जिन्होंने डायल 112 पर फोन तो लगाया, लेकिन इस फोन पर कोई बात नहीं की गई. न तो उन्होंने हैलो बोला. न ही किसी तरह की शिकायत की. न ही किसी तरह की मदद मांगी. सिर्फ कॉल लगाया और चुप्पी साध ली. या यूं कहें कि यह सारे कॉलर गूंगे रहे.

dial 112 chhattisgarh
डायल 112

डायल 112 को बनाया मनोरंजन का साधन

कुछ कॉलर्स ऐसे भी हैं जो की डायल 112 को इमरजेंसी सेवा न समझते हुए एक मनोरंजन का साधन समझ रहे हैं. डायल 112 में दर्ज फोन रिकॉर्ड में 9 लाख 86 हजार 376 कॉलर्स ऐसे निकले हैं, जिन्होंने या तो किसी युवती से बात करने, कोई गाना सुनाने या फिर दूसरे तरह के मनोरंजन कराने के बहाने शरारत की है. वहीं, कई ऐसे हैं जो फोन कर कुछ बोलते ही नहीं.

फोन मिलता है इंगेज

इस तरह के कॉल कहीं न कहीं डायल 112 के कर्मियों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं. इन कॉलर्स की वजह से उन लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ती है जो आपातकालीन परिस्थिति के दौरान डायल 112 की सेवा के लिए फोन लगाते हैं और फोन इंगेज मिलता है. हालांकि इस तरह की परेशानी को देखते हुए ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई भी कर रही है. उन्हें जेल की हवा भी खिलाई जा रही है.

dial 112 chhattisgarh
डायल 112 का कमांड कंट्रोल सेंटर

ब्लैंक और फेक कॉल कॉलर्स की सूची हो रही तैयार

डायल 112 के पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि डायल 112 पर हर दिन 8 से 9 हजार कॉल आते हैं. जिनमें 3 से 4 हजार कॉल ब्लैंक और फेक कॉल होते हैं. ये कॉलर्स कुछ नहीं बोलते हैं या फिर कर्मचारियों से अभद्रता करते हैं. एसपी ने बताया कि कॉल सेंटर में कई महिलाएं भी काम करती हैं. ऐसे में कॉलर्स महिला कर्मचारियों से अपशब्द, अश्लील बाते करते हैं. उन्होंने बताया कि ऐसे लोगों को पहले समझाइश दी जाती है. नहीं मानने वाले लोगों पर पुलिस कार्रवाई करती है. एसपी धर्मेंद्र सिंह ने प्रदेश वासियों से अनुरोध किया है कि डायल 112 आपकी सेवा के लिए है. उस पर इस तरह का कॉल ना करें.

सितंबर 2018 से लेकर 28 मई 2021 तक

  • 36 लाख 26 हजार 709 ब्लैंक कॉल डायल 112 पर प्राप्त हुए
  • ज्यादातर फोन कॉल ब्लैंक और फेक कॉलर्स के आए
  • टाइमपास और मनोरंजन के लिए 9 लाख 86 हजार 376 फोन आए

रायपुर: डायल 112 (dial 112 helpline number) एक इमरजेंसी नंबर है और सिर्फ इमरजेंसी सेवा के लिए इस्तेमाल होना चाहिए. अगर कोई इस नंबर पर फेक कॉल या बिना किसी काम के बार-बार फोन या मैसेज करता है तो यह एक तरह का जुर्म है. लेकिन शरारती तत्वों ने इसे ब्लैंक कॉल (blank call) और फेक कॉल (fake call) का जरिया बना लिया है.

डायल 112 को लोगों ने बनाया मनोरंजन और टाइमपास

डायल 112 को मिले 36 लाख ब्लैंक कॉल

डायल 112 को सितंबर 2018 से लेकर 28 मई 2021 तक 36 लाख 26 हजार 709 ब्लैंक कॉल प्राप्त हुए हैं. ये वो कॉल थे, जिन्होंने डायल 112 पर फोन तो लगाया, लेकिन इस फोन पर कोई बात नहीं की गई. न तो उन्होंने हैलो बोला. न ही किसी तरह की शिकायत की. न ही किसी तरह की मदद मांगी. सिर्फ कॉल लगाया और चुप्पी साध ली. या यूं कहें कि यह सारे कॉलर गूंगे रहे.

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डायल 112

डायल 112 को बनाया मनोरंजन का साधन

कुछ कॉलर्स ऐसे भी हैं जो की डायल 112 को इमरजेंसी सेवा न समझते हुए एक मनोरंजन का साधन समझ रहे हैं. डायल 112 में दर्ज फोन रिकॉर्ड में 9 लाख 86 हजार 376 कॉलर्स ऐसे निकले हैं, जिन्होंने या तो किसी युवती से बात करने, कोई गाना सुनाने या फिर दूसरे तरह के मनोरंजन कराने के बहाने शरारत की है. वहीं, कई ऐसे हैं जो फोन कर कुछ बोलते ही नहीं.

फोन मिलता है इंगेज

इस तरह के कॉल कहीं न कहीं डायल 112 के कर्मियों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं. इन कॉलर्स की वजह से उन लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ती है जो आपातकालीन परिस्थिति के दौरान डायल 112 की सेवा के लिए फोन लगाते हैं और फोन इंगेज मिलता है. हालांकि इस तरह की परेशानी को देखते हुए ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई भी कर रही है. उन्हें जेल की हवा भी खिलाई जा रही है.

dial 112 chhattisgarh
डायल 112 का कमांड कंट्रोल सेंटर

ब्लैंक और फेक कॉल कॉलर्स की सूची हो रही तैयार

डायल 112 के पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि डायल 112 पर हर दिन 8 से 9 हजार कॉल आते हैं. जिनमें 3 से 4 हजार कॉल ब्लैंक और फेक कॉल होते हैं. ये कॉलर्स कुछ नहीं बोलते हैं या फिर कर्मचारियों से अभद्रता करते हैं. एसपी ने बताया कि कॉल सेंटर में कई महिलाएं भी काम करती हैं. ऐसे में कॉलर्स महिला कर्मचारियों से अपशब्द, अश्लील बाते करते हैं. उन्होंने बताया कि ऐसे लोगों को पहले समझाइश दी जाती है. नहीं मानने वाले लोगों पर पुलिस कार्रवाई करती है. एसपी धर्मेंद्र सिंह ने प्रदेश वासियों से अनुरोध किया है कि डायल 112 आपकी सेवा के लिए है. उस पर इस तरह का कॉल ना करें.

सितंबर 2018 से लेकर 28 मई 2021 तक

  • 36 लाख 26 हजार 709 ब्लैंक कॉल डायल 112 पर प्राप्त हुए
  • ज्यादातर फोन कॉल ब्लैंक और फेक कॉलर्स के आए
  • टाइमपास और मनोरंजन के लिए 9 लाख 86 हजार 376 फोन आए
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