रायगढ़: झीरम घाटी हमले की 8वीं बरसी पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूर्व पीसीसी अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, उनके पुत्र दिनेश पटेल सहित अन्य शहीद हुए नेताओं को श्रद्धांजलि दी. नंदकुमार पटेल के गृह ग्राम नंदेली में उनके पुत्र और मंत्री उमेश पटेल ने भी शांति बगिया पंहुच कर अपने पिता और भाई की समाधि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए. वहीं सारंगढ़ विधायक उत्तरी जांगड़े सहित अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी नंदकुमार पटेल की समाधि स्थल पंहुच कर श्रद्धांजलि अर्पित की.
इस दौरान उमेश पटेल ने कहा कि 8 साल हो गए हैं, लेकिन झीरम हमले के शहीदों के परिजनों को न्याय नहीं मिल पाया है. राज्य सरकार ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था और जांच शुरू भी हो गई थी, लेकिन केंद्र की एनआईए ने यह कह कर जांच पर रोक लगा दी थी कि हमने जांच कर ली है. ऐसे में मामला न्यायालय में चला गया. उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से सुनवाई प्रभावित हुई है, लेकिन उन्हें पूरा यकीन है कि फैसला उनके पक्ष में ही आएगा.
सांसद दीपक बैज समेत कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने झीरम घाटी पहुंचकर शहीदों को दी श्रद्धांजलि
केंद्र सरकार जांच में नहीं कर रही मदद
उमेश पटेल ने कहा कि झीरम मामले की जांच में केंद्र सरकार का रुख सहयोगात्मक नहीं रहा है. उमेश ने कहा कि पूरी घटना में जांच का मुख्य बिंदु यही है कि ये नक्सली घटना है या इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप था. उन्होंने झीरम की घटना में राजनीतिक साजिश होने की आशंका जताते हुए कहा कि सभी की गिरफ्तारी होने के बाद सच सामने आ सकता है.
क्या है झीरम कांड ?
25 मई 2013 को तत्कालीन पीसीसी चीफ नंदकुमार पटेल की अगुवाई में निकाली गई परिवर्तन यात्रा के तहत सुकमा जिले में सभा आयोजित की गई थी. इस सभा से लौट रहे कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के काफिले को दरभा घाटी में घात लगाए नक्सलियों ने घेर लिया था और अंधाधूंध फायरिंग की थी. इस नरसंहार में नंदकुमार पटेल उनके बेटे दिनेश पटेल, महेन्द्र कर्मा, विद्याचरण शुक्ल जैसे कई बड़े नेता और कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई थी. आठ साल बाद भी इस हमले का सच सामने नहीं आ पाया है.